हिन्दु धर्म परिसद के शंकराचार्य द्वारा पहले साईं और राम का मुद्दा और अब बीजेपी का ‘Uniform Civil Code’ को जो चुनावी घोषणा पत्र में था उनको अप्रत्यक्ष रूप से मीडिया और हिन्दु धर्म परिसद के शंकराचार्य द्वारा प्रस्तुत करने की सोची समजी साजिस तो नहीं ?
शंकराचार्य ने अब कहा है कि अगर किसी हिन्दू पुरुष के पहली पत्नि से बच्चा नहीं हो रहा है तो वो व्यक्ति एक से ज्यादा शादी कर सकता है.
हिन्दु धर्म परिसद में ये भी तय करना चाहिए की अगर किसी पति की खामिया की वजह से बच्चा नहीं होता है तो पत्नी को भी दुशरी शादी करने का हक़ भी देना चाहिए और पहले पति के साथ रह शकती है .
टी.वि. मीडिया में महिला धर्म परिषद की बहस में हिदुओ की जनसँख्या को बढ़ाने के लिये मुस्लिम के साथ तुलना क्यूँ ?
लव जेहाद के नाम “तार और रणजीतसिंग” का एक ही न्यूज़ पिछले एक सप्ताह से बारी बारी दिखा के मीडिया देश में कया शंदेश देना चाहती है ?
अगर रणजीतसिंग ने मुस्लिम हो के हिन्दू बनके फसाया भी हो तो कया ये एक किस्सा को लेकर मीडिया लव जेहाद के नाम हिंदू-मुस्लिम में विवाद पैदा करना किस हद तक सही है ?
शंकराचार्य के इस अजीबोगरीब बयान से हिन्दू धर्म गुरु और टी,वि के माध्यम बीजेपी का चुनावी मद्दा को उत्तेर प्रदेश और महाराष्ट्र के आनेवाले विधानसभा के चुनाव में जीवित रख के हिन्दुओ की सहानुभूति पा कर यू.पि में जीत हांसिल करने का मंसूबा तो नहीं .
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