ले डूबे टमाटर….

अमित टंडन
अमित टंडन

एक छोटा मच्छर हाथी को भी चित्त कर सकता है, अब बताओ टमाटर ने बीजेपी को धूल में मिला दिया … कैसे..? तीन महीने पहले जब modi लहर में बीजेपी ने इतिहास रचा था तो मेन एजेंडा महंगाई ही था. इधर जीत हुई तो लोग खुश थे कि आखिर अब राहत मिलेगी मगर वही पुराना राग जो हर सरकार आलापती है.. “पिछली सरकार ने खज़ाना खाली कर दिया..” हम क्या करें.. विकास में, तरक्की में, हालात के सुधार में वक़्त लगेगा..” सुधारते रहो हालत..!! आम जनता को क्या लेना देना.. तुम्हें फर्क नहीं पड़ता कि टमाटर सौ रूपये किलो हों या बीस रूपये किलो.. आम जन को बहुत फर्क पड़ता है..!! तीन महीने में ही वादे हवा हो गए… हाँ..! समय लगता है सच है.. पर सरकार खुद बोझ उठा कर (आर्थिक नुक्सान सह कर) आम जन को महंगाई से मुक्ति दिलाती तो ठीक था.. मगर वही किया जो दूसरी सरकारें या दूसरी पार्टियां कर रही थीं.. कांग्रेस और मनमोहन सरकार को कोस कर जनता को बहलाने की कोशिश…!! modi जी प्रधानमन्त्री बनने के बाद नज़र ही नहीं आये जनता के सामने कभी .. आपकी विदेश निति, कूट निति अपनी जगह, जन निति अपनी जगह.. आम गरीब जनता को क्या लेना देना कि चीन का कौन दिग्गज आ रहा है, नेपाल को रूपये क्यूँ बाँट रहे हो… आम आदमी देखता है पेट्रोल के दाम फिर बढ़ा दिए.. बीस रूपये किलो वाले टमाटर सौ रूपये के हो गए.. सब्जियां महंगी.. भ्रष्टाचार आज भी चरम पे.. रोज़ दो ख़बरें होती हैं हर अखबार में कि फलां फलां रिश्वत लेते पकड़ा गया…. सब ऐसे ही चलना है तो फिर केजरीवाल को कोसने से क्या फायदा था.. उनकी गलती ये थी कि उन्होंने औकात से बढ़ के बोझ अपने ऊपर ले लिया.. जोश जोश में चुनाव लड़ा और delhi के CM बन गए.. जब औकात पता पड़ी तो दुम दबा के भाग लिए.. आप दिग्गज हो.. दुम दबा के भाग नहीं रहे मगर वही पैंतरे अपना रहे हो जो कांग्रेस अपना रही थी – “कुछ दिन रुको, मनमोहन को दस साल दिए हमें कम से कम दस महीने तो दो…” केजरीवाल ने कम से कम आते ही दिल्ली की जनता को बिजली पानी के बिलों में रहत तो दी थी.. भले ही सरकार पे बोझ पड़ता… और यही राजधर्म है कि जनता पे बोझ ना पड़े, सरकार सारा बोझ उठा ले, अगर आवाम पे मुश्किल हो तो…! पर..! यहाँ तो उलटी गंगा बहती है.. फोड़ दो ठीकड़ा दूसरे के सिर.. तो पड़ गयी modi लहर ठंडी.. आईना दिखा दिया जनता ने उपचुनाव में…. उत्तर प्रदेश, जो राजनीति का स्कूल माना जाता है.. वहाँ क्या हुआ,, ग्यारह में से आठ सीट sp ले गयी.. यहाँ राजस्थान में क्लीन स्वीप किया था छह महीने पहले… और अब छह महीने बाद ही उपचुनाव में क्या हुआ.. चार में से एक बीजेपी को और बाकी कांग्रेस ने छीन लीं… सब फेल हो गए.. क्षेत्रीय बीजेपी पदाधिकारी, प्रदेश नेतृत्व, बड़े नेता और कार्यकर्ता.. अब लोग कहेंगे कि मैं “खान्ग्रेसी” वाली बात कर रहा हूँ. कांग्रेसी होउंगा शायद… साहब मैं भी बीजेपी समर्थक हूँ… हर चुनाव में बीजेपी को वोट देता हूँ. मगर अंध भक्ति चापलूसी, अंध श्रद्धा, कट्टरवाद, लकीर का फ़कीर होना, मक्खनबाजी के लिए गलत को भी सही कहना मेरे संस्कार नहीं हैं, मेरा ज़मीर अभी मरा नहीं है.. मेरी रीढ़ की हड्डी अभी सलामत है.. मुझे किसी सरकार से कोई कॉन्ट्रैक्ट नहीं चाहिए, मुझे कभी किसी चुनाव का टिकेट नहीं चाहिए… इसलिए इतना बोलने की हिम्मत है.. जो “उम्मीद” करते हैं वो आलोचना करने से डरते हैं.. मुझे किसी से कुछ चाह नहीं, कोई उम्मीद नहीं… मीडिया भी बिक गया.. चेनल दिखा रहे हैं कि चीन के फलां फलां आ रहे हैं यहाँ तीन दिन के लिए modi जी के जन्मदिन पे… अब सारे चेनल modi सरकार के PRO की भूमिका में आ गए– “ये खायेंगे चीन के मेहमान.. ख़ास गुजराती खाना बनवाया जाएगा उनके लिए.. यहाँ हगेंगे,, वहाँ मूतेंगे..” कौन से रंग का चड्डी रुमाल इस्तेमाल करेंगे वो भी बता दो.. कभी ये तो नहीं बताते कि देश के आम गरीब को खाना नसीब नहीं हो रहा.. कितने लोग भूखे सोते हैं.. कितने बच्चे दूध के अभाव में, दवाई के अभाव में रोज़ मरते हैं… चीन का मेहमान क्या खायेगा वो स्पेशल रिपोर्ट है उनके लिए.. और शान ये -” सिर्फ हमारे पास, चीन के मेहमान का स्पेशल मेनू.. सबसे पहले हम लाये आपके पास.. बेशर्मी की हद है… पर साहब यही भारत है.. यही संस्कार हैं,, यही अब हमारी सभ्यता है शायद… मुझे तो अगला जन्म यहाँ नहीं चाहिए.. किसी और देश में चलेगा, पर यहाँ नहीं.. माफ़ करना मुझे.. इस देश के सभी धर्मों के भगवानों से इस जन्म में माफ़ी मांग के अर्जी है कि अगला जन्म किसी और देश में अमित टंडन, अजमेर http://sabguru.com

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