सरकार को क्या हो गया है?

-गोपाल विजय नंदराय- पता नही , सरकार को क्या हो गया है कोई किसी की सुनता ही नही ! प्रचंड बहुमत की सरकार के शिक्षक , कर्मचारियों , अधिकारियों पर मंत्रियो ने हल्ला बोल रखा है ।
तो उधर आम आदमी का महंगाई , भ्रस्टाचार , बेरोजगारी , बढ़ते महिला अत्याचार और बढ़ते अपराधो से जीना मुश्किल होता जा रहा है ।
प्रधानमन्त्री चीन, जापान और अमेरिका जाकर मेट्रो , स्मार्ट सिटी , और बुलेट ट्रेन के सपने दिखा रहे है , तो मुख्यमंत्री बीकानेर , उदयपुर और भरतपुर संभाग के गावो कस्बो में जाकर मेट्रो के ओचित्य पर सवाल खड़े कर रही है ।

गोपाल विजय
गोपाल विजय

इधर मुख्यमंत्री के पास लाखो गावो में स्कूल , सड़क , दवाखाना , और शोचालय बनाने तक के लिए पैसे नही है , तो उधर विकास के पापा चीन ,जापान ,और अमेरिका के भरोसे स्मार्ट सिटी , बुलेट ट्रेन , मेट्रो रेल , ई- गवर्नेंस , डिजिटल इंडिया का सपना दिखाकर तात्कालिक वाह वाही बटोरने पर आमादा है । इधर देश के करोडो लोगो के पास तन ढकने को कपडे नही है और देश के परिधानमंत्री विदेशियों के सामने पल पल में परिधान बदल अपनी शान का प्रदर्शन कर रहे है ।
” विकास से लव ” की बात कर सत्ता हासिल करने वाले सत्ता में आते ही ” लव जेहाद ” के नारे लगाने लग जाते है ।
बड़े बुजुर्ग कहते है बेटा जीवन में चार देवताओं से हमेशा बचना – पहला डॉक्टर, दूसरा पुलिस , तीसरा वकील, चौथा साहूकार ।
क्यूंकि इनका मारा पानी भी नही मांगता है । आज सरकार की सारी व्यवस्था इन्ही की सताई हुई है जो गरीब को महागरीब बना रही है ।
हम अपने चारो तरफ यही देख रहे है हर आदमी कहि न कहि इन चारो के फेर में उलझ गया है ।
मीडिया और नेता और सरकार सब्जियों की महंगाई पर हो हल्ला मचा इन चारो की खुली लुट से आम आदमी का ध्यान बड़ी आसानी से हटा देने का खुला खेल, खेल रहे है ।
पहले चार देवताओं से बचने की सलाह दी जाती थी लेकिन आधुनिक भारत में एक नये देवता ने जन्म लिया है जिनका सताया आम जन आह तक नही कर पा रहा है ।
उस नये देवता का नाम है ” निजी शिक्षक संस्थान ”
गुरु शिष्य परम्परा वाले देश में राष्ट्रवाद के ठेकदार बने लोग सरकारी शिक्षण संस्थानों की दुर्दशा का जिम्मेदार शिक्षको को बताकर गुरु का अपमान कर रहे है और खुद अपनी जिम्मेदारियों से मुह फेर रहे है।
” बहुत हो गया अत्याचार, अबकी बार मोदी सरकार ”  का नारा लगाकर सत्ता में आई केंद्र और राज्य की सरकारे दिन दुगुनी रात चौगुनी गति से बढ़ रहे महिला दुष्कर्म के मामलो पर चुप्पी साध रखी है , उससे भी बडी दुर्भाग्यपूर्ण बात ये है की बलात्कार के आरोपी निहालचंद को केन्द्रीय मंत्री पद से शुशोभित कर देश की महिला शक्ति की भावनाओ का खुला मजाक उड़ाया जा रहा है ।
आद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के नाम पर कॉर्पोरेट घरानों और विदेशी निवेशको को फायदा पहुचाने के लिए श्रम कानूनों को गरीब श्रमिको के खिलाफ बनाकर बड़े ओध्यॊगिक घरानों को श्रमिको के शोषण की खुली छुट दी जा रही है । भूमि अधिग्रहण कानून में कॉर्पोरेट घरानों के हिसाब से संशोधित कर राज्य के किसानो के हितो से खिलवाड़ कर जमीनों को कम दामो में ओद्योगिक घरानों को सौपी जा रही है सत्ता और कॉर्पोरेट मिलकर लुट का खुला खेल खेल रहे है ।
whats app

error: Content is protected !!