गलती राजदीप सरदेसाई की है

Rajdeep-SardesaiYashwant Singh : इतना बड़ा फ्रॉड निकलेगा राजदीप सरदेसाई, मुझे अंदाजा नहीं था. नया वीडियो साबित कर रहा है कि पहले गाली राजदीप सरदेसाई ने दी और पहले हमला भी राजदीप सरदेसाई ने किया. लेकिन कांग्रेसी और अंबानी परस्त इस पत्रकार ने घटनाक्रम के वीडियो को अपने हिसाब से संपादित कर केवल वो हिस्सा रिलीज कराया जिसमें उन (राजदीप) पर एनआरआई हमला करते हुए दिख रहा है. इसे देखकर मुझे भी लगा कि किसी पत्रकार पर कोई कैसे भला हमला कर सकता है, वो भी अमेरिका जैसी जगह में. पर अब जब दूसरा पक्ष सामने आ रहा है, पूरा वीडियो सामने आ रहा है तो पता चल रहा है कि राजदीप ने खुद सब तमाशा क्रिएट किया, गाली-हमले की शुरुआत करके.

इस प्रकरण को वैचारिक चश्मे से देखने वालों को उनका चश्मा मुबारक. न मुझे कभी संघ से प्रेम रहा है और न मोदी से. न मुझे अब वामपंथ से प्रेम है और न ही कांग्रेस परस्त क्रांतिकारिता से. इसलिए मैं कह सकता हूं कि राजदीप सरदेसाई ने खुद को टीआरपी दिलाने, खुद को ट्विटर पर ट्रेंड कराने, खुद को कांग्रेस की नजरों में चढ़ाने के लिए ये सब हरकत की होगी. सुब्रमण्य स्वामी ने सब कुछ विस्तार से सामने रख दिया है. राजदीप अपनी चाल में कामयाब भी रहे. मोदी की अरबों रुपये वाली पीआर मायाजाल में सेंध लगा गए और ट्विटर पर ट्रेंड करने लगे, और मोदी की ट्रेंडिंग न्यूज से होड़ लेने लगे. एक नहीं बल्कि दो-दो हैश टैग ट्रेंड करने लगा, एक पक्ष में एक विपक्ष में. देखते ही देखते एक खेमा राजदीप को हीरो मानने लगा और उन पर कथित हमले को मीडिया पर, अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला मानने लगा और मोदी-संघ को गरियाने लगा. मोदी और संघ परस्त खेमा राजदीप पर हमले को उचित बताने लगा और राजदीप के कांग्रेसी अतीत व मोदी विरोधी अतीत का हवाला देने लगा.

इन दोनों छोरों की सरगर्मी चल ही रही थी कि असली सच्चाई सामने आई. राजदीप किस तरह गाली दे रहे हैं और जवाबी गाली सुन रहे हैं, राजदीप किस तरह हमला कर रहे हैं और जवाबी हमला पा रहे हैं, इसका वीडियो सामने आ गया. इस लिंक http://goo.gl/7lPcEp पर क्लिक करके वीडियो देख सकते हैं. इसे देखने के बाद अंबानी के इशारे पर सैकड़ों मीडियाकर्मियों की नौकरी खाने वाले राजदीप से सिर्फ घृणा ही की जा सकती है. राजदीप का काम किसी राजनेता जैसा है जो अपने फायदे के लिए उल्टा-सीधा करके जनमत को पोलराइज करता है. अगर राजदीप को राजनीति ही करनी है तो उन्हें पत्रकारिता छोड़कर सीधे कांग्रेस का दामन थाम लेना चाहिए और मैदान में उतर जाना चाहिए. एमजे अकबर ने भाजपा का दामन थामा, उसी तरह राजदीप को कांग्रेस वाला हो जाना चाहिए. संसद घूस कांड के स्टिंग को हजम कर जाने वाले राजदीप के पाप कम नहीं हैं.

विचारधारा के चश्मे से चीजों को देखने वालों के लिए सब कुछ आग्रह-दुराग्रह के हिसाब से गलत-सही होता है. इसीलिए अब भी कई लोग राजदीप पर हमले की निंदा कर रहे हैं. मैं अपने पुराने वक्तव्य को वापस लेता हूं. अब मैं कहूंगा कि राजदीप सरदेसाई ने जो हरकत की है वह परम निंदनीय है. ऐसे अपराध को अंजाम देने वाले राजदीप को टीवी टुडे ग्रुप से मुक्त हो जाना चाहिए या कर दिया जाना चाहिए क्योंकि उन्होंने पत्रकारिता की स्वस्थ और गंभीर परंपरा को दागदार किया है. उनके जैसे वरिष्ठ पत्रकार से ये कतई अपेक्षा नहीं की जाती कि वे किसी को गाली देंगे और फिर उस पर हमला करेंगे.
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