अब मेक इंडिया इंदिया का नारा बुलंद कर रहे हैं

DrVibhuti Bhushan Sharmaमुझे ध्यान है, सोशल मीडिया पर संघियों, भाजपाईयों और भक्तगणों को मेरे द्वारा इंडिया या भारत लिखने पर ऐतराज़ हुआ करता था, और हम पर व्यंग किया जाता था कि भारत तो हमारा है, इंडिया है आपका, और इंडिया तो गुलाम मानसिकता का प्रतीक है। तब भी मेरा जवाब होता था कि मेरा तो भारत भी है,मेरा तो हिन्दुस्तान भी है, और मेरा तो इंडिया भी है।

अब आजकल ये सारे संघी, भाजपाई और भक्तगण दिन भर “Make in India” का नारा बुलंद कर रहे हैं।

भक्तगणों, संघियों और भाजपाइयों जरा स्पष्ट कीजिए की आप लोगों का चरित्र आखिर है क्या ?

केवल धर्म, जाति और भाषा के नाम पर जनमानस को उकसाने, भडकाने के सिवा भी कुछ सीखा है क्या ?

आज भाषण वीर ने फिर से संसद में स्वागं रचा, और विभिन्न अभिनय की मुद्रा में जोरदार भाषण दिया।

सिनेमा जगत में आज भी अमरीश पुरी का स्थान खाली है भाषण वीर चाहें तो अपने आपको आजमा सकते हैं, अमरीश पुरी के फिल्मी चरित्रों के सारे गुण मौजूद हैं और डायलॉग डिलीवरी में तो शायद अमरीश पुरी से भी बेहतर।

देश की महापंचायत में आज भगवन द्वारा अच्छे अभिनय, आकर्षक भाव भंगिमाओं और समृद्ध स्वांग से लबरेज पारी खेलने के बावजूद भी 99 वें रन पर आखिर मल्लिकार्जुन खड़गे ने यथार्थ वाक्य कह कर क्लीन बोल्ड कर दिया कि “भाषण से पेट नहीँ भरता”।

क्रांतिकारी, बहुत क्रांतिकारी।
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