राज्य सरकार ने अकर्मण्यता के कथित आरोप के चलते जिला कलेक्टर श्रीमती आरुषी ए. मलिक को अजमेर जिला कलेक्टर पद से हटाने का निर्णय कर लिया है। ज्ञातव्य है कि सरकार के पास अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाने का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है, जिसे अधिकारियों के पूरी तन्मयता के साथ जुटने पर ही पूरा किया जा सकता है। चूंकि एडीए के अध्यक्ष का भार संभागीय आयुक्त धर्मेन्द्र भटनागर के पास होने के कारण केवल वे ही इसमें रुचि ले रहे हैं और जिला कलेक्टर श्रीमती आरुषि इस मामले पर हाशिये पर जा कर खड़ी हो गई हैं। वे न तो इसमें कोई रुचि ले रही हैं और न ही अपनी कोई भागीदारी निभा रही हैं। ऐसे में जिला प्रशासन की टीम के अन्य अधिकारी भी सुस्त चाल चल रहे हैं। सरकार को लगा कि अगर यही हाल रहा तो अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाना एक सपना मात्र ही रह जाएगा। अगर कुछ काम भी हुआ तो बजट का पूरा व सही उपयोग नहीं हो पाएगा। बेहतर यही है कि श्रीमती आरुषि के स्थान पर किसी और को कलेक्टर बनाया जाए। समझा जाता है कि विधानसभा सत्र के तुंरत बाद उन्हें हटा कर ऐसे अधिकारी को कलेक्टर बनाया जाएगा, जो कि संभागीय आयुक्त भटनागर के साथ ट्यूनिंग बैठा कर काम कर सके।
बुरा न मानो होली है