एक औरत को तरह तरह की और इतनी अभद्र गालियां

anushkaआज क्रिकेट के कारण फेसबुक और वाटसअप पर एक औरत को तरह तरह की और इतनी अभद्र गालियां दी जा रही है ।
क्या यही हमारी संस्कृति है?
क्या यही हमारे संस्कार है?
आखिर इस हार में उस औरत का क्या दोष ये तो मिडिया ने एक औरत को इस तरह बढा चढा कर हमारे सामने पेश किया मानो अगर टीम जीत जाती है तो औरत को शाबासी और हारने पर उसको अश्लील गालियाँ ।
आखिर किस दिशा में जा रहे है हम।
पहले तो अपने काम छोडकर सारा समय बर्बाद किया और अंत में एक औरत को जलील ।
क्या यही इंसानियत है ??
क्या यही हमारी सोच हैं??
विचार कीजिये हम कब ऐसे थे?
हम क्या थे और क्या से क्या हो रहे हैं।
हार और जीत जीवन का हिस्सा हैं इस स्वीकार कीजिये।
इसके लिये किसी व्यक्ति या महिला को दोषी ठहराना क्या कभी हमारा हिस्सा रहा हैं?
क्या कभी किसी बच्चे के फेल होने पे किसी की माँ को दोषी ठहरा के उसे अभद्र गालिया देना उचित हैं??
जीवन जीने के दो तरीके हैं।
1. प्यार से
2. क्रोध से

अब आप खुद दोनों में से जिसे चाहे स्वीकार कीजिये।।
व्यक्तिगत विचार !!
-किशोर ए एन आई

error: Content is protected !!