योगेंद्र यादव से स्वराज से जुड़े 10 सवाल पूछे

yogendra yadvपार्टी में स्वराज के नाम पर संवाद का ढोंग कर रहे योगेंद्र यादव पर निशाना साधते हुए नवीन जयहिंद ने उनकी मीटिंग को शाजिश और षड़यंत्र की मीटिंग बताया। नवीन जयहिंद ने योगेंद्र यादव से स्वराज से जुड़े 10 सवाल पूछे।
1. नवीन जयहिंद ने योगेंद्र यादव से सवाल किया कि आपकों किस स्वराज के तहत हरियाणा का प्र•ाारी बनाया गया। जबकि हरियाणा के कार्यकर्ता आपके प्र•ाारी बनने के खिलाफ थे। क्या आप हरियाणा का प्र•ाारी बनने के लिए अरविंद केजरीवाल के सामने गिड़गिड़ाये नहीं थे?
2. क्या आप कांग्रेस के इशारे पर आम आदमी पार्टी को बबार्द करने नहीं आये थे, क्योंकि आप केंद्र की कांग्रेस सरकार की 25 कमेटियों में सदस्य थे। आपकों सदस्य किसकी सिफारिश पर बनाया गया था?
3. आपने हिसार में युद्धवीर ख्यालिया को किस स्वराज के तहत लोकस•ाा का टिकट दिलवाया था। जबकि इससे पहले गुड़गांव में हरियाणा की कार्यकारिणी की बैठक हुई थी जिसमें युद्धवीर ख्यालियों को टिकट देने का पूरी कार्यकारिणी ने विरोध किया था।
4. आपकों पार्टी ने रोहतक से लोकस•ाा चुनाव लड़ने के लिए कहा गया था। लेकिन आपने किस स्वराज के तहत गुड़गांव में जाकर सेफ सीट ढूंढी थी ? इतना ही नहीं पंजाब में जालंधर सहित कई सीटों और अ•ाी दिल्ली में हुए विधानस•ाा चुनाव में तिमारपुर से पंकज पुष्कर को किस स्वराज के तहत टिकट दिलवाया था?
5. पिछले साल हरियाणा में हुए विधानस•ाा चुनाव में आपने किस स्वराज के तहत कुछ नेताओं के खिलाफ चुनाव प्रचार किया? लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री •ाूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ आपने चुनाव प्रचार नहीं किया?
6. स्वराज का अलख जगाने वाले योगेंद्र यादव जी आपने हरियाणा का प्र•ाारी होने के नाते हरियाणा यूनिट में आरटीआई क्यों लागू नहीं करवाई? आपने हरियाणा के पार्टी के खातों का विवरण सार्वजनिक क्यों नहीं किया। आपने स्वराज के तहत अपने चुनाव में खर्च किए गए विवरण को अपने कार्यकर्ताओं के समक्ष क्यों नहीं रखा?
7. आपने शांति•ाूषण जी, प्रशांत जी और शालिनी जी के एक परिवार के होने के बाद •ाी पार्टी में महत्वपूर्ण पदों पर होने के बाद •ाी क•ाी परिवारवाद की बात नहीं उठाई?
8. योगेंद्र यादव जी आप तो हमेशा से जाति व धर्म की राजनीति से ऊपर उठकर राजनीति करने की बात करते हो, लेकिन गुड़गांव लोकस•ाा चुनाव के दौरान आप मेवात में जाकर स्वयं को सलीम बताते थे। क्या वोटों की खातिर अपना नाम बदल लेना ये धर्म और जाति की राजनीति नहीं है??
9. जरा इस बात पर •ाी गौर फरमाइये कि जब वाड्रा-डीएलएफ लैंड डील के मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री •ाूपेंद्र सिंह हुड्डा के घर के बाहर प्रदर्शन किया गया और आपकों बार-बार बुलाया गया लेकिन आप नहीं आये?
10. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप वालंटियर्स की बात करते नजर आ रहे हो आजकल, लेकिन इस हकीकत से आप कहां •ााग सकते हो कि आपके तानाशाही और हिटलरशाही की वजह से गुड़गांव की पूरी कार्यकारिणी पार्टी छोड़ गई थी। इसके अलावा हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ के हजारों वालंटियर्स जो आपके द्वारा शोषित है और प्रताड़ित हैं उनकी आवाज आपने किस तरह दबाई? ये सच्चाई जब स•ाी के सामने आएगी तो आपकी सच्चाई स•ाी को पता चल जाएगी।

Naveen Jaihind

कीर्ति शर्मा पाठक की फेसबुक वाल से साभार

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