-राजेंद्र सिंह रावत | बड़े शर्म की बात है क जनप्रतिनिधि जनसमस्याओं से जुड़ी खबरों को पढकर इतने गिर जाते है कि पत्रकारों के साथ हाथापाई कर लेते है। मामला बूबानी ग्राम पंचायत का है जहा कई वर्षों से काबिज लोगों को जगह पर स्कूल आंवटन कर दी गई। पुष्कर विधायक सुरेश सिंह रावत ने विधानसभा में एडीए का मुद्दा
बड़ी जोर-शोर से उठाया और विधानसभा में मांग की कि पहले भौतिक सत्यापन करे और जो लोग जहा काबिज है उनको नियमन किया जाए। हालांकि यह मुद्दा पूर्व जिला परिषद सदस्य राजेन्द्र सिंह रावत जब से एडीए बना तभी से उठा रहे हैं और भौतिक सत्यापन करने के बाद ही बाकी बची जमीन को एडीए में शामिल करने की मांग की है । अब देखिए जो विधायक विधानसभा में नियमन का मुद्दा
उठाते है वहीं विधायक वर्षों से काबिज लोगो की जमीन पर स्कूल का शिलान्यास कर दिया। हालांकि सरकारी जमीन पर कब्जा गैर कानूनी है लेकिन यह कानून सिर्फ गरीब लोगों के लिए है क्योकि भूमाफिया जो जनप्रतिनिधि के आगे-पीछे घुमते है वो सरकारी जमीन पर कालोनिया व प्लाट काट कर बेच देते है लेकिन उनको कहने की किसी में भी हिम्मत नहीं होती है क्योकि नेता का आर्शीवाद, ताकत व गुंडों की फोज होती है। ऐसे भूमाफिया को नेताओं का सरक्षण प्राप्त है ऐसी दोहरी निति अपनाने वाले अपने नेता का बहुत-बहुत धन्यवाद कि अब पत्रकारों से हाथापाई करने कि भी भूमाफियों को छुट दे दी।