यह है ‘मोदी सूट’ की सच्ची कहानी.

n modi 17स्वर्ण मुकुट में हीरे मोती, दलित बहिन जी को भाते
आजम खान मुलायम खातिर लंदन से बग्गी लाते
सुम्मी रेडी तिरूपती में सोना अतुल चढाता है
लालू के “दामाद- तिलक” पर खर्च करोडों आता है
फाइव स्टार होटलों में आफिस थरूर का चलता था
ए.राजा के कमरे में सोने का दीपक जलता था
दत्त तिवाडी नारायण जी तो खर्चीले होते थे
महामना सुखराम नोट के बिस्तर ऊपर सोते थे
औ” विशाल आनंद भवन की दिनचर्या बतलाती थी
नेहरु जी की टोपी तक पेरिस से धुलकर आती थी
लेकिन एक शख्स है जो चौबीसों घंटे काम करे
राष्ट्र जागरण के प्रयाण में तनिक नहीं विश्राम करे
ना तो वो खाने देता है,और नहीं खुद खाता है
अपना जन्म दिवस भी जाके सेना बीच मनाता है
गंगा का बेटा है तन से,मन में पीर पराई है
चाय बेचकर मेहनत करके अपनी मंजिल पाई है
किंतु मीडिया को गरीब का जीना नहीं सुहा पाया
एक सूट जो साधारण था,लाखों का जा बतलाया
मगर देश की जनता ने सम्पूर्ण सुफल फल ले डाले
उसी सूट की सच्चाई पर रुपै करोडों दे डाले
इसीलिए अब हम कहते हैं, लेके हाथ रहेंगे जी
तब भी उसके साथ खडे थे, अब भी साथ रहेंगे जी

मुझे गर्व है उस इंसान पर जो सबकी गाली खाता है..लेकिन फिर भी रोज २० घंटे काम करता है अपने देश के लिए.
मुझे गर्व है उस इंसान पर जो पिछले १४ सालों से देश की मिडिया के द्वारा भेदभाव का शिकार हुआ फिर भी उसने अपने लक्ष्य को प्राप्त किया.
मुझे गर्व है उस इंसान पर जो अपने दर्द किसी को दिखाये बिना दूसरों के आँसू पोछता रहा.
मुझे गर्व है उस इन्सान पर जो अपनी जमा किये गए उपहारों को जनता के कल्याण के लिए खर्च किया.

मुझे शर्म है उस देश की जनता पर जिसने एक प्रधानमंत्री को उपहार किए गए सूट को पहनने पर उसका मजाक बनाया.
जबकि गुजरात के सीएम रहेते हुए उन्होने अपनी सारी पगार और उपहार मे आयी हुई गिफ्ट की नीलामी करके 22 करोड़ रुपये कन्या केलवानी मे दान कर दिये थे मुझे शर्म है उस जनता पर जो १५ सालों से मर मर कर काम करने वाले नेता को एक सूट पहनने की इजाजत नहीं देती.

मुझे शर्म है उस मिडिया पर जो खुद तो दलाली के करोड़ोँ रूपये हजम कर जाती है लेकिन देश के प्रधानमंत्री को १५००० का उपहार किया गया सूट पहनने पर मजाक उड़ाती है…..!!

हे हिन्दुस्तान.. तू कल भी बिना भविष्य का था…
तू कल भी बिना भविष्य का रहेगा….
क्योँकि तेरा कोई वर्तमान नहीं दिखता…..

तू गद्दारों की गद्दारी को भूल जाता है और देश के प्रति ईमानदारों की थोड़ी सी गलती के लिए उसे सहानुभूति तक नहीं देता….

मुझे माफ़ कीजियेगा अगर आपको तकलीफ हुई है तो लेकिन ऐसा इंसान 66 सालों में पहली बार आया है जो हमारा स्वाभिमान जगा कर जीना सिखा रहा है
Sanjay goyal.
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