क्या देवनानी व भदेल को भी मिलवा पाएंगे चंपालाल जी महाराज?

a bhadel-devnaniअजमेर के निकटवर्ती राजगढ़ स्थित मसाणिया भैरवधाम के मुख्य उपासक चंपालाल जी महाराज के प्रति अजमेर के नेताओं की गहरी आस्था है। कांग्रेस हो या भाजपा, दोनों के नेता उनके यहां नतमस्तक होते हैं। उनके आशीर्वाद से ही कई नेता सफल हुए व बड़े पदों पर पहुंचे, इसको लेकर भले कोई तनिक असहमत हो सकता है, मगर उन्होंने जो राजनीतिक चमत्कार किया है, वह जगजाहिर और अकाट्य सत्य हो गया है। अजमेर नगर निगम महापौर धर्मेन्द्र गहलोत व पूर्व नगर परिषद सभापति सुरेन्द्र सिंह शेखावत के आपस में मिलने के जो भी राजनीतिक समीकरण हों, मगर ये महाराज जी का ही करम है कि उन्होंने छत्तीस के आंकड़े को तरेसठ के आंकड़े में बदल दिया है। दोनों ने गले मिल कर आपसी मनमुटाव समाप्त करने का संकल्प व्यक्त कर दिया है। यह किसी चमत्कार से कम नहीं है। असल में वे चाहते भी यही थे कि उनके दोनों अनन्य भक्त आपस में एक हो जाएं। उनका यह संकल्प पूरा हो गया।
बताया जाता है कि जब वे दोनों को मिलवा रहे थे तो एक और इच्छा उन्होंने जाहिर की। वो यह कि अजमेर के दूसरे भाजपा नेताओं को भी संकल्प लेना चाहिए, ताकि सभी नेता एकजुट होकर विकास का काम कर सकें। समझा जाता है कि उनका इशारा शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी व महिला व बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती अनिता भदेल की ओर था। जब वे इन दोनों नेताओं के बीच बंटे गहलोत व शेखावत को मिलवा सकते हैं तो इन नेताओं को भी मिलवा ही सकते हैं। सुयोग ये है कि दोनों नेता उनके दरबार में आस्था रखते हैं। कहते हैं न कि संतों का विचार मात्र भी संकल्प होता है। देखते हैं कि महाराज जी का संकल्प कब पूरा हो पाता है?

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