राजनीति में किस बात पर बतंगड हो जाए, कुछ पता नहीं। कोई बात हो या न हो बतंगड करने वालों को तो मौका मिलना चाहिए, लगेंगे बाल की खाल निकालने। कुछ ऐसा ही हुआ अजमेर देहात जिला कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह राठौड के साथ। हाल ही उन्होंने अपना एक साल का कार्यकाल पूरा होने पर एक फोल्डर जारी किया। बताया जाता है कि इसमें पूर्व मुख्यमंत्री अषोक गहलोत व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी का फोटो न होने को लेकर कुछ लोगों ने पीसीसी में चर्चा छेडी है। समझा जा सकता है इस प्रकार की कानाफूसी कौन कर रहे होंगे।
असल में राठौड ने संगठन पदाधिकारी होने के नाते फोल्डर जारी किया है, जिसमें अपने उच्च पदस्थ नेताओं के फोटो दिए हैं। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष का फोटो होने का औचित्य है भी नहीं। वैसे यह कोई बहुत बडा मुद्दा भी नहीं है, जिस पर गौर किया जाए। एक तकलीफ भी है कि उन्होंने इसका विमोचन पायलट के हाथों क्यों करवाया। स्वाभाविक रूप से पायलट अध्यक्ष हैं तो विमोचन उनके हाथों ही करवाया जाता, न कि गहलोत या डूडी के हाथों। इसके अतिरिक्त यह भी मुद्दा बनाया है कि सचिन की ओर से बनाए गए जिलाध्यक्ष पार्टी के बडे नेताओं की बेकद्री कर रहे हैं। इससे साफ समझा जा सकता है कि इस किस्म की आपत्ति गुटबाजी का हिस्सा है। एक गुट सदा इस प्रयास में रहता है कि कैसे पायलट व कथित रूप से उनके करीबियों को निषाने पर लिया जाए।