शहर ये खूबियों और रस- स्वादों से भरा है
स्टेशन से निकलते ही मदार गेट दिखता है
जहाँ बिक्किलाल का शरबत बिकता है
गेट में घुसते ही पुरानी मंडी नज़र आती है
इस सकड़ी गली को देख रूह कांपती है
एक बात दिमाग को बरबस छील जाती है
कैसे इस गली में औरतें दोने चाटती है
ये गली प्राचीन अजमेर की याद दिलाती है
बुद्धामल के सोन हलवे से मिलवाती है
नया बाजार भी अपने दो रूप दिखाता है
दिन में ये सोने चांदी का गढ़ कहलाता है
शाम ढलते ही चौपाटी सा नज़र आता है
सर्दी में चरी चाय और सूप लीजिये जनाब
गर्मी में मिल्क बादाम ,फालूदा है लाज़वाब
कड़ी कचोरी अजमेर का नहीं है कोई तोड़
नया बाजार चोपड़ या केसरगंज के मोड़
बरसात का मौसम अलग मज़ा लाता है
बिसिट के दाल पकौड़ों में आनंद आता है
लोग कहते है समझ समझ का फेर है
इसीलिए इस नगरी का नाम अजमेर है
लेकिन ये नगरी स्वाद और सुगंध का ढेर है
इसीलिए इस नगरी का नाम अजमेर है
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