कला और साहित्य का अद्भुत संगम-“कारवां हैंडस आर्ट गैलरी”

आर्टिस्ट और शायरा नाईमा इम्तियाज़ की पेंटिंग्स की नुमाइश
2014 -Naima ex (6)मुंबई /  केम्पस कॉर्नर पर स्थित “कारवां हैंडस आर्ट गैलरी” में एक रंगा रंगी नुमाइश का विमोचन मशहूर गुलोकारा डॉक्टर शैलेश श्रीवास्तव के हाथों हुआ। इस नुमाइश में नईमा इम्तियाज़ की बनाई हुई खूबसूरत पैंटिंग्स के साथ-साथ उनकी नज़्मों और ग़ज़लों की तहरीरें भी साथ में पेश की गई थीं, जो उनके फन को बखूबी नुमायां कर रही थी। सभी ने नाइमा जी को इस सुंदर प्रदर्शिनी के लिए बधाई दी।

डॉक्टर शैलेश श्रीवास्तव ने अपनी सुरीली आवाज़ में नईमा इम्तियाज़ की शायरी को तरन्नुम में गुनगुनाते हुए यूं पेश किया कि महफिल पर सहर का आलम हवी हो गया। नामवर शकील वारसी ने हिंदुस्तान की गंगो-जामुनी तहज़ीब का ज़िक्र करते हुए नाइमा जी की उर्दू नज़्मों और ग़ज़लों का खुद अङ्ग्रेज़ी में किया अनुवाद पढ़त्ने लगे, जिसे गैर उर्दू लोंगों ने बहुत पसंद किया। अदब, आर्ट और फन से वास्ता रखने वाली शहर की कई जानी मानी हस्तियों ने इस नुमाइश में शिरकत की। मशहूर शायर डॉ. नवरोज़ कोतवाल और देवी नागरानी ने अपने उर्दू कलाम पेश किए। नईमा जी ने अपनी ग़ज़ल “लकीरें पेश की। ज्योति गजभिए ने हिन्दी कलाम का पाठ किया। उर्दू मरकज़ के अध्यक्ष जुबेर आज़मी ने अपनी नज़्म वक़्त पढ़ कर सुनाई। मरकज़ के जनरल सचिव फ़रीद ख़ान और उर्दू की प्रोफेसर शबाना ख़ान ने अपने विचारों का इज़हार किया। “कारवां हैंडस” गैलरी की मैनेजर नाज़िया मरचंट ने मेज़बानी और मेहरबानी की रस्म अदा की। जयहिंद                                                                        
देवी नागरानी
error: Content is protected !!