112 सेमिनार -“साहित्य व साहित्यकार”- देवी नागरानी

31 Ag-2014photo 3अखिल भारत सिंधी बोली एवं साहित्य प्रचार की ओर से 112 सेमिनार -“साहित्य व साहित्यकार” के तहत जानी मानी नामवर लेखिका व शायरा देवी नागरानी पर यह सेमिनार आयोजित हुआ। आयोजन शाम ५.३० बजे लोखंडवाला कॉम्प्लेक्स, अंधेरी पूर्व के लाल साईं मंदिर, मुंबई में साहित्यकारों, कलाकारों व पत्रकारों, समाज सेवी शख्सियतों की उपस्थिती में सम्पन्न हुआ।
प्रचार सभा के माननीय निर्देशक व अध्यक्ष श्री टेकचंद मस्त जी ने पुष्प गुच्छ देकर देवी जी व शोभा जी का सम्मान किया, और सेमिनार का संचालन सभा की सचिव प्राध्यापिका नीता पंजवानी ने पुरज़ोर ढंग से करते हुए मंचासीन मेहमानों का परिचय दिया। जनरल सचिव डॉ. बिनीता नागपाल ने देवी नागरानी के जीवन के कुछ पहलुओं पर, साहित्य यात्रा, लेखन में उनके योगदान के बारे में कई कोण रौशन किए। और उन्हें सभा की ओर से मोमेंटों प्रदान, व शाल से सम्मानित किया। देवीजी ने ज़िंदगी को एक सफर, एक महाजाल, एक मुक्ति द्वार कहते हुए अपने मनोभावों को ज़ुबान दी, और कुछ ग़ज़लों का पाठ किया।
इस मौके पर सभा की ओर से प्रिंट मीडिया के सशक्त हस्ती शोभा ललचंदानी को भी अवार्ड व रिवार्ड दोनों पेश करते हुए सम्मानित किया। उपस्थित श्रंखला में मौजूद रहे शोभा जी के सुपुत्र आनंद, बेटी अमृता, बहू व परिवार के और सदस्य! शोभा बधाई उपस्थित मेहमानों नें कलाकार मदन जुमानी, सोनू चौधरी, श्री बिहारी शैरी, होतचंद पाहुजा, व उनकी पत्नी, गोप गोलनी जी, वीणा ढिंगरेजा, हरिचन्द ढिंगरेजा, लाल खत्री, माला जीयनदानी , चंदा वीरानी, श्रोताओं में शामिल रहे, बंसी खूबचंदानी, भारती अवतरामानी, श्री निर्मल मूलचंदानी, श्यामानन्द चाँद वानी, ब्रिज मोहन, व पूनम ब्रिज मोहन, गीता बिंदरानी, व उर्दू के जाने माने शायर अनजाना और अनेक श्रोता। इस योगदान के लिए अखिल भारत सिंधी बोली एवं साहित्य प्रचार की टीम बधाई के पात्र है। उत्साह और प्रोत्साहन का श्रेय भी उनकी इस साधना स्वरूप निष्ठा को जाता है जो सिंधी साहित्यकारों, कलाकारों का सम्मान करते हुए आज 112 समारोह सम्पन्न कर रहे हैं।

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