देवी नागरानी के अनूदित काव्य संग्रह ‘एक थका हुआ सच’ का लोकार्पण

विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर एक दिवसीय वैश्विक हिन्दी संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह

(  देवी नागरानी (अमेरिका) की पुस्तक का विमोचन-चित्र में  प्रो. एस. पी दुबे, एम.एल.गुप्त ‘आदित्य‘, प्रो. माधुरी छेड़ा, टेजेंद्र शर्मा, देवी नागरानी, डॉ. सुमन जैन, मंजुला देसाई, व शैल अग्रवाल)
( देवी नागरानी (अमेरिका) की पुस्तक का विमोचन-चित्र में प्रो. एस. पी दुबे, एम.एल.गुप्त ‘आदित्य‘, प्रो. माधुरी छेड़ा, टेजेंद्र शर्मा, देवी नागरानी, डॉ. सुमन जैन, मंजुला देसाई, व शैल अग्रवाल)
इस अवसर पर ‘वैश्विक हिंदी सम्मलेन’ द्वारा हिन्दी भाषा व साहित्य के प्रचार और प्रसार के लिए इंग्लैंड में रह रहे यू. के. के कथाकार टेजेंद्र शर्मा ने अपने विचार रखे। अब प्रवासी सीधे वहाँ के समाज में घुल-मिल रहे हैं और अपनी स्थितियों को खुलकर कहानियों, कविताओं के माध्यम से अभिव्यक्त कर रहे हैं। यू. के. की साहित्यकार और ‘लेखनी’ की संपादक’ श्रीमती शैल अग्रवाल का सम्मान किया गया । यह सम्मान प्रत्येक वर्ष प्रवासी भारतीय रचनाकार को प्रदान किया जाता है । श्रीमती शैल अग्रवाल ने इस सम्मान के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा – एक अकेले हिंदी और भारतीय भाषाओं की लड़ाई लड़ रहे डॉ. एम. एल. गुप्ता ‘आदित्य’ को मैं यह कहने के लिए यहाँ आई हूँ कि इस कार्य में मैं भी उनके साथ हूँ ।‘ उन्होंने समर्थन के लिए अपने उद्गार, अनुभव एवं संवेदनाओं को उजागर किया तथा स्पष्ट किया कि मैंने जीवन में सदैव सहज बने रहने में ही जीवन की सार्थकता तलाशी हूँ, मैंने कभी राजनीति या चालाकी से काम नहीं लिया और यह सम्मान शायद उसी की बदौलत हो।
इसी सत्र में डॉ. एम.एल.गुप्ता ‘आदित्य’ ने कहा कि हिंदी के वैश्विकरण का वास्तविक श्रेय सोशल मीडिया को जाता है,जिसके चलते विश्वभर में हिंदी का प्रसार हुआ है। सत्याग्रह’ संस्था के अध्यक्ष माणिक मुंडे ने हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं के प्रति चिंता जताते हुए भाषा के क्षरण की स्थिति से अवगत करवाया और इसके लिए विभिन्न स्तरों पर कार्य किए जाने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि ‘सत्याग्रह’ वैश्विक हिंदी सम्मेलन के साथ मिलकर इस कार्य को आगे बढ़ाएगा ।कराची पाकिस्तान की मूल सिंधी भाषा की लेखिका अतिया दाऊद की कविताओं का श्रीमती देवी नागरानी द्वारा सिंधी भाषा से हिंदी में अनुवादित पुस्तक ‘एक थका हुआ सच‘ का भी विमोचन इस कार्यक्रम में किया गया। इस सत्र का संचालन के. सी. महाविद्यालय के हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. शीतलाप्रसाद दुबे ने किया।
मौजूद हस्ताक्षर मेहमान रहे
कॉलेज की प्रधानाचार्य श्रीमाइ मंजु निचानी दीप प्रज्वलित कराते हुए
कॉलेज की प्रधानाचार्य श्रीमाइ मंजु निचानी दीप प्रज्वलित कराते हुए
श्रीमती शील निगम, साहित्यकार शैल अग्रवाल ( इंग्लैंड), , कथाकार तजेन्द्र शर्मा, प्रो. एस. पी दुबे, एम.एल.गुप्त ‘आदित्य‘, पत्रकार संजय सिंह, साहित्यकार माणिक मुंडे, ऑस्ट्रेलिया से आई विशेष अतिथि और प्रवासी साहित्य के वक्ता के रूप में श्रीमती शील निगम, एस.एन.डी.टी. विश्वविद्यालय की पूर्व आचार्या और हिन्दी विभागाध्यक्षा श्रीमती डॉ. माधुरी छेड़ा, कथाकार मधु अरोड़ा, श्रीमती शील निगम, के.जे. सोमैया महाविद्यालय के हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. सतीश पाण्डेय, डॉ. उमेश शुक्ल, जी टी.वी. के रिपोर्टर संजय सिंह, माटुंगा-मुम्बई के हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. प्रवीण चन्द्र बिष्ट, ‘महुआ’ चैनल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राघवेश अस्थाना, इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स फॉर अफरमेटिव एक्शन के अध्यक्ष, सुनील ज़ो़ेडे विशेष रूप से उपस्थित थे। आयोजन की सफलता का श्रेय के.सी.महाविद्यालय के हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. शीतलाप्रसाद दुबे, हिंदी के महाप्रहरी डॉ. एम. एल. गुप्ता, पत्रकार अजीत कुमार राय, डॉ. कामिनी गुप्ता को जाता है ।

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