तंत्र सम्राट जगदाचार्य श्री चन्द्रा स्वामी जी का कल मंगलवार (23 मई 2017) को निधन हो गया। श्री चंद्रास्वामी 66 साल के थे। चंद्रास्वामी काफी दिनों से डायलसिस पर थे। पिछले दिनों उनकी तबीयत काफी बिगड़ गई थी जिसके बाद उनके कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। मस्तिष्काघात के शिकार हुए चंद्रास्वामी की 66 साल की उम्र में अपोलो अस्पताल में मौत हो गयी। अस्पताल ने एक बयान में कहा, 66 वर्षीय आध्यात्मिक नेता जगदाचार्य चंद्रास्वामी जी कुछ समय से बीमार थे। उन्हें हाल में मस्तिष्काघात पहुंचा था और बाद में विभिन्न अंगों ने काम करना बंद कर दिया।बयान में कहा गया कि डॉक्टरों की तरफ से सभी तरह के प्रयास के बावजूद उनकी स्थिति बिगड़ती गयी। बयान में कहा गया, दिन में दो बजकर 56 मिनट पर आज उनकी मौत हो गयी।
चंद्रास्वामी का जन्म 1948 में राजस्थान के अलवर जिले के बहरोड़ कसबे में जन्मे हुआ था। उनका असली नाम नेमी चंद था। वह अपने तंत्र-मंत्र को लेकर भी विवादों में रहे। उनके पिता राजस्थान के रहने वाले थे। उनका असली नाम नेमि चंद्र जैन हुआ करता था।
— वह बचपन में ही पिता के साथ हैदराबाद चले गए। नरसिंह राव जब आंध्र प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष थे तो उन्होंने युवा चंद्रास्वामी को हैदराबाद युवा कांग्रेस का महासचिव बना दिया।महासचिव बनने के बाद जब चंद्रास्वामी दिल्ली आए तो वे यहां युवा कांग्रेस के महासचिव और मध्य प्रदेश कांग्रेस के बड़े नेता रहे महेश जोशी (इंदौर) के बंगले के सर्वेंट क्वार्टर में रहते थे। इसके बाद वह राजनीति में अपनी पैठ बढ़ाने लगे। वह कुछ ही समय बाद दिल्ली आ गए। शुरुआत में वह तत्कालीन युवा कांग्रेस के महासचिव और मध्य प्रदेश कांग्रेस के बड़े नेता रहे महेश जोशी के बंगले पर सर्वेंट क्वार्टर में रहने लगे।चंद्रा स्वामी जी मायावी तंत्र के ‘महान कलाकार’ के रूप सत्तासीनों को लुभाते रहे है।
——इसी दौरान वह राजनीति से तंत्र-मंत्र की ओर खिंचे। अमर मुनि नामक एक साधु के शिष्य बन कर उन्होंने बिहार-नेपाल सीमा पर तांत्रिक साधना की। वह मुख्य रूप से माँ बगलामुखी/माँ पीताम्बरा के साधक थे | बहुत कम उम्र से ही चंद्रास्वामी ने तंत्र की साधना शुरू कर दी थी। वो धर्म से जैन थे, लेकिन माँ बगलामुखी/माँ पीताम्बरा/ देवी काली में विश्वास करते थे। इसके बाद वो उपाध्यार अमर मुनि और तांत्रिक पंडित गोपीनाथ कविराज के शिष्य बन गए। बिहार के जंगलों में भी चंद्रास्वामी ने तंत्र साधना की।कुछ दिन बाद वह गुरु बन कर सामने आए। उनके भक्तों की संख्या बढ़ती ही गई। साथ ही कद्दावर भक्त भी बढ़ते गए। इनमें कई राजनीतिक हस्तियों के अलावा अन्य क्षेत्रों के दिग्गज भी शामिल थे। तांत्रिक चंद्रास्वामी के भक्तों में ब्रिटेन की प्रधानमंत्री रही मार्ग्रेट थैचर तक का नाम शामिल है। चंद्रास्वामी के लिए नरसिम्हा राव ने दिल्ली में एक आश्रम बनवाया था। नरसिम्हा राव के प्रधानमंत्री रहते हुए उनका आश्रम पॉवर सेंटर के तौर पर जाना जाता था।
—कहा जाता है कि मप्र के तत्कालीन सीएम प्रकाश चंद्र सेठी तत्कालीन प्रधानमंत्री से निपटने के लिए उज्जैन के महाकाल मंदिर कोई अनुष्ठान करा रहे थे। इसकी जानकारी चंद्रास्वामी को लगी तो उन्होंने अपने एक परिचित के जरिए ये बात संजय गांधी तक पहुंचाई। संजय गांधी ने चंद्रास्वामी को विशेष विमान से उज्जैन भेज तांत्रिक क्रिया की जवाबदारी सौंपी। जब वे तंत्र साधना कर रहे थे, इसी दौरान प्रकाश चंद्र सेठी को दिल का दौरा पड़ गया। यहीं से चंद्रास्वामी तांत्रिक के रूप में फेमस हुए। इसके बाद वे इंदिरा गांधी से मिले।
—-1991 में जब पीवी नरसिम्हाराव प्रधानमंत्री बने तो चंद्रास्वामी ने दिल्ली में एक आश्रम बनाया। जिस जमीन पर ये आश्रम बना था वह उन्हें तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने कुतुब इंस्टीट्यूशनल एरिया में विश्व धर्मायतन संस्थान आश्रम बनाने के लिए जमीन अलॉट की थी।वसंत कुंज के कुतुब इंस्टीट्यूशनल एरिया में स्थित चंद्रास्वामी का आश्रम चार मंजिला सवसुविधा युक्त बनाया गया था |
—विदेशी भक्तों की कमी नहीं—
बड़े तांत्रिक की ख्याति मिलते ही चंद्रास्वामी ने विदेशों का रुख किया। उन्होंने अपनी भभूत और दवाइयों के दम पर कई विदेशी भक्त बनाए। उनकी दवाई से अभिनेत्री एलिजाबेथ टेलर को आराम मिला तो चंद्रास्वामी हॉलीवुड में भी हिट हो गए। कहा जाता है कि ब्रुनई के सुल्तान भी उनके भक्तों में शामिल थे।चंद्रास्वामी का नाम अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम के साथ भी जुड़ता रहा। दाऊद के गुर्गे बबलू श्रीवास्तव को प्रत्यर्पण के जरिए 1995 में नेपाल से भारत लाया गया था। बताया जाता है कि उसी ने सीबीआई को दाऊद और चंद्रास्वामी के संबंधों के बारे में बताया था।उनके रिश्ते पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह, ब्रिटेन की प्रधानमंत्री रहीं मारग्रेट थैचर, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन की पत्नी नैंसी रीगन और हॉलीवुड स्टार एलिजाबेथ टेलर भी बताए गए.
नटवर सिंह के मुताबिक थैचर तांत्रिक चंद्रास्वामी से भी मिली थीं, उन्होंने थैचर के प्रधानमंत्री बनने की भविष्यवाणी बहुत पहले उनके सामने ही कर दी थी. सिंह ने अपनी किताब, “वॉकिंग विद लॉयन्स- टेल्स फ्रॉम अ डिप्लोमेटिक पास्ट” में भी किया है.
नरसिंह राव के जमाने में चंद्रास्वामी की तरक्की का सफर शुरू हुआ था। हालांकि, पिछले कई सालों से वह पूरी तरह सीन से गायब थे। अच्छे दिनों में उनके भक्तों की संख्या अच्छी-खासी थी। बताया जाता है कि उनकी पहुंच लंदन तक थी और वह तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री मार्गरेट थैचर से भी उनके यहां जाकर मिल चुके थे।चंद्रास्वामी पर कई इल्जाम लगे। राजीव गांधी की हत्या में भी उनका नाम आया। आरोप लगा कि राजीव गांधी हत्याकांड के अभियुक्तों की उन्होंने मदद की। सरकार ने इस हत्याकांड की जांच के लिए मिलाप चंद्र जैन की अगुआई में आयोग बनाया था। आयोग ने करीब छह सौ पन्नों की रिपोर्ट दी। इसमें चंद्रास्वामी पर स्पष्ट अंगुली उठी। कहा गया कि चंद्रास्वामी ने राजीव गांधी की हत्या का षडयंत्र रचने वाले शिवरासन की मदद की। हत्या के बाद उनके द्वारा शिवरासन को विदेश भेजने का इंतजाम करवाने की बात भी कही गई। हालांकि यह रिपोर्ट अदालत में कहीं नहीं टिकी।राजीव गांधी हत्या मामले में भी उन पर हत्यारों की वित्तीय मदद करने के आरोप लगे थे. केंद्र सरकार ने इस हत्याकांड की जांच के लिए मिलाप चंद्र जैन आयोग बैठाया था. जिसने लगभग छह सौ पन्नों में यह साबित करने की कोशिश की कि चंद्रास्वामी राजीव गांधी की हत्या का षडयंत्र रचने वाले शिवरासन के मददगार थे. हालांकि इस रिपोर्ट को देश की किसी भी अदालत ने विश्वसनीय नहीं माना | चंद्रास्वामी के आश्रम पर इनकम टैक्स का छपा पड़ा था जिसमे मशहूर हथियार तस्कर अदनान खशोगी को 11 मिलियन डॉलर की भारी भरकम रकम अदायगी के सबूत मिले थे। लंदन के बिजनेसमैन से एक लाख डॉलर की धोखाधड़ी के मामले में 1996 में चंद्रास्वामी को जेल जाना पड़ा। उनके उपर फेमा के कई मामले भी चले थे।
—1995 में 21 सितंबर को जब पूरे देश में गणेश भगवान की प्रतिमा द्वारा दूध पीने की खबर आग की तरह फैली और लोग मंदिरों में गणेश जी को दूध पिलाने के लिए टूट पड़े, तब किसी ने नहीं सोचा कि यह अफवाह कहां से फैली। पर कहा जाता है कि इसके पीछे भी चंद्रास्वामी का ही शातिर दिमाग था।
—भक्तों में नेता से लेकर अभिनेता तक—–
– चंद्रास्वामी के भक्तों में कई बड़े नेता से लेकर अभिनेता तक शामिल हैं। इनके भक्तों में ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री मार्गरेट थैचर, अभिनेत्री प्रीति जिंटा, राजेश खन्ना, आशा पारिख, चंकी पांडे के साथ बहुत से लोग शामिल हैं।
– प्रीति जिंटा तो पिछले कुंभ में चंद्रास्वामी से मिलने भी गई थीं। उन्होंने यहां एक यज्ञ भी करवाया था।
चंद्रास्वामी कई विवादों से भी जुड़े रहे हैं। लंदन के बिजनेसमैन से एक लाख डॉलर की धोखाधड़ी के मामले में 1996 में उनको जेल भी जाना पड़ा। उनके ऊपर विदेशी मुद्रा उल्लंघन यानी फेमा के कई मामले भी चले थे।चंद्रास्वामी पर वित्तीय गड़बड़ी का आरोप भी लगा था। सुप्रीम कोर्ट ने भी उनको कई मामलों में जुर्माना देने को कहा था।
सादर विनम्र आदरांजलि…
ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे।
ओम शांति शांति शांतिः।।
पंडित “विशाल” दयानन्द शास्त्री