सांसद प्रहलाद पटेल के प्रयास से रंगीन रोशनी से नहाएगा पुरातत्व संग्रहालय

-छठवीं से 13 वी शताब्दी की दुर्लभ मूर्तियां संग्रहालय में मौजूद

IMG20171120115631( डा. एल.एन.वैष्णव)
दमोह /जिला मुख्यालय पर स्थित पुरातत्व संग्रहालय शीघ्र ही रंगीन रोशनी से नहाने जा रहा है। प्राचीन किले एवं प्रदर्शित मूर्तियां एक अलग ही स्वरुप में देखी जा सकेगी। विदित हो कि दमोह जिले का गौरवशाली इतिहास रहा है जहां छठवीं सातवीं शताब्दी से लेकर ग्यारहवीं से तेरहवीं शताब्दी की पाषाण मूर्तियां स्वयं गौरव गाथा गाती हुई देखी जा सकती है। रोशनी एवं आवश्यक सुविधाओं के अभाव में पुरातत्व तथा इतिहास के बारे में जानकारी प्राप्त करने तथा रुचि रखने वाले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। यह प्रथम अवसर होगा जब किसी जनप्रतिनिधि द्वारा इस विषय को गंभीरता से लेते हुए आगे कदम बढ़ाया हो।

सांसद पटेल का प्रयास-

क्षेत्र की विरासत एवं गौरवशाली इतिहास लोक पहचान सकें इसके लिए पुरातत्व संग्रहालय एवं प्रदर्शित मूर्तियों को विभिन्न प्रकार के लाइटों के माध्यम से प्रदर्शित करने की योजना पर दमोह संसदीय क्षेत्र के सांसद प्रहलाद सिंह पटेल ने स्वयं आगे बढ़कर सहयोग किया है प्राप्त जानकारी के अनुसार लगभग चार लाख रुपया की राशि सांसद निधि प्रदान की है योजना का प्रारूप एवं किस प्रकार की लाइट को कहां लगाया जाना है इस पर विशेषज्ञों ने काम करना प्रारंभ कर दिया है सांसद प्रहलाद सिंह पटेल कहते हैं कि जिले का इतना गौरवशाली इतिहास रहा है जिसको जानकर मैं स्वयं अपने आप को गौरवशाली मानता हूं कि मैं क्षेत्र का सांसद हूं छठवीं सातवीं शताब्दी मूर्तियों का मिलना स्वयं इस बात को दर्शाता है विदित हो कि गत 20 नवंबर को संचालनालय पुरातत्व अभिलेखागार एवं संग्रहालय मध्यप्रदेश शासन द्वारा आयोजित कांस्य प्रतिमाओं का संसार छाया चित्रों की प्रदर्शनी के उद्घाटन अवसर पर सांसद श्री पटेल ने संपूर्ण पुरातत्व संग्रहालय का भ्रमण करते हुए पाया था कि रोशनी के आभाव में पुरातत्व एवं इतिहास के रुचि कारों के साथ क्षेत्र के नागरिकों को भी गौरवशाली इतिहास को समझने और जानने मैं परेशानी का सामना करना पड़ता है। महत्वपूर्ण बिंदु यह है कि उसी समय उन्होंने शासकीय विशेषज्ञ अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दिए थे कि तत्काल ही क्या होना है ,क्या किया जा सकता है और कितनी राशि खर्च होगी बतलाएं एक माह से कम समय मैं सारी तैयारियां पूर्ण करते हुए कार्य को आगे बढ़ा दिया गया है ।प्राप्त जानकारी के अनुसार शीघ्र ही रंगीन रोशनी से पूरा क्षेत्र जगमग जाएगा।

पुरातत्व संग्रहालय दुर्लभ मूर्तियां-

जिले के गौरवशाली इतिहास को प्रदर्शित करती जिला पुरातत्व संग्रहालय मैं अनेक दुर्लभ मूर्तियां है प्राप्त जानकारी के अनुसार छठवीं सातवीं शताब्दी का नृत्य वादक दल ,अभिज्ञान राम ,बुद्ध, हैग्रीव, एवं विष्णु शिव सूर्य सिर दल बहुतायत में है पुरातत्व संग्रहालय प्रभारी डॉक्टर सुरेंद्र चोरसिया बतलाते हैं कि यहां पर प्रदर्शित मूर्तियों की संख्या 194 है तथा 78 प्रतिमाएं स्टोर रूम में रखी हुई है ।यहां पर अनेक दुर्लभ प्रतिमाएं संग्रहित है इतिहास के अनुसार दसवीं से 13वीं शताब्दी के मध्य क्षेत्र चेदि देश का हिस्सा था। यह कॉल कलचुरी शासन काल के नाम से भी जाना जाता है । द्वार शाखाओं के भाग कीचक भारवाहक एवं विभिन्न सिरदलों के साथ अनेक दुर्लभ मूर्तियां रखी हुई है। विद्युतीकरण हो जाने से रुचि कारों के लिए काफी सुविधा क्षेत्र के गौरवशाली इतिहास को जानने में होने लगेगी ।

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