गुरू गोविंद सिंह जी की शिक्षा आज भी प्रासंगिक: कृष्‍ण कुमार ऋषि

23 SKM (9)पटना : 350वें प्रकाश पर्व के शुकराना समारोह में कला, संस्‍कृति एवं युवा विभाग द्वारा आयोजित सांस्‍कृतिक कार्यक्रम के दौरान रविवार को श्री कृष्‍ण मेमोरियल हॉल पटना में विभाग के मंत्री श्री कृष्‍ण कुमार ऋषि प्रथम दर्शक के रूप में शामिल हुए। वहीं, कार्यक्रम में विधायक बीमा भारती, विभाग प्रधान सचिव चैतन्‍य प्रसाद, अपर सचिव आनंद कुमार, उपसचिव तारानंद वियोगी, संस्‍कृतिक निदेशक सत्‍यप्रकाश मिश्रा, अतुल वर्मा, संजय कुमार, अरविंद महाजन, विनोद अनुपम और मीडिया प्रभारी रंजन सिन्‍हा उपस्थित रहे।

इस दौरान अपने संबोधन में कला, संस्‍कृति एवं युवा विभाग के मंत्री श्री कृष्‍ण कुमार ऋषि ने कहा कि गुरू गोविंद सिंह की शिक्षा आज भी हमारे लिए प्रासंगिक है। उन्‍होंने कहा कि गुरू गोविंद सिंह जी ने देश और दुनिया को भेदभाव, ऊंच -नीच, जात – पात जैसी समस्‍यओं को नकार समाज में सद्भावना लाने की कोशिश की। बिहार की धरती आज गुरू गोविंद सिंह जी जन्‍मदिवस पर 350वें प्रकाश पर्व के शुकराना समारोह को भव्‍य तरीके से आयोजित कर गौरवान्वित महसूस कर रहा है। इससे पहले उन्‍होंने कार्यक्रम में शिरकत कर रहे कलाकारों को सम्‍मानित भी किया। कार्यक्रम की शुरूआत अमरेंद्र सिंह के भंगड़े से हुई, जिस पर पूरा हॉल थिरकने को मजबूर हो गए। इसके बाद श्रीमती नीलम चौधरी ने अपनी साथी कलाकार रश्मि चौधरी, संदीप सरकार, संस्‍कृति सुमन, शाहिद आलम, सतिक, संजय कुमार, स्‍नेहा, अन्‍वेषा वर्मा, दिव्‍या पांडेय, दीक्षा, सिमरन, अग्रणी के साथ कत्‍थक आम्रपाली की भव्‍य प्रस्‍तुति दी।

इसके अलावा मलिक घराने के ध्रुपद गायक श्री प्रभाकर नारायण पाठक और पं. जगत नारायण पाठक ने भी ध्रुपद गायन कर पूरे हॉल को मंत्रमुग्‍ध कर दिया और अंत में मध्‍यप्रदेश से आये सुधीर मिश्रा ने रूद्र वीणा वादिनी भी शानदार प्रस्‍तुति दी। उधर, भारतीय नृत्‍य कला मंदिर में बिहार के ख्‍यातिलब्‍ध लोक गायक रामकृष्‍ण सिंह मंटू मनमोहक लोकगीत की से लोगों को झूमने को मजबूर कर दिया, जिनमें उनका साथ नेहाल कुमार सिंह, कुमार उदय सिंह, अरविंद कुमार, विद्या सागर, विजय कुमार चौबे ने दिया। वहीं, जौनपुर यूपी से आये फौजदार सिंह ने आल्‍हा की प्रस्‍तुति दी, जो बुंदेलखंड का लोकनृत्‍य है। इसमें फौजदार सिंह के अलावा राम बहाल सिंह, राधेकृष्‍ण तिवारी, रमायण प्रसाद, सुरेश अंजान, रामचंद्र गुप्‍ता ने मनमोहक प्रस्‍तुति दी, जिनका साथ ढोलक पर राम बहाल, मंजीरा पर रामचंद्र प्रसाद, झांझ पर सुरेश, रामचंद्र और राधेकृष्‍ण ने दिया।

एक अन्‍य प्रस्‍तुति में झारखंड सरायकेला के प्रभात कुमार महतो अपने छऊ नृत्‍य से दर्शकों के दिल में उतर गए। इसमें जिसमें उनका साथ घासी राम महतो, जगदीशचंद्र महतो, सुचान महतो, अजीत कुमार, गुलाब सिंह मुंडा, कृष्‍णकांत महतो, अर्जुन महतो, लखींद्र गोप ने दिया। इसके बाद पहली प्रस्‍तुति इलाहाबाद (यूपी) के अभय राज ने भोजपुरी लोकगीत ‘भूले नाहीं देस कुर्बानियां’ की दी। इसके अलावा देवभक्ति गीत ‘बम बम भोले’ और भ्रूण हत्‍या पर ‘कोखिया में रोएबी’ से लोगों को मंत्रमुग्‍ध कर दिया। इस दौरान हारमोनियम पर मायाराम यादव, ढोलक पर नागेंद्र मिश्रा, मंजीरा भूरेलाल यादव, छांछ पर पारसनाथ यादव, करताल पर राजेश कुमार यादव और झांझ पर राकेश कुमार व रूपनाथ ने साथ दिया। भारतीय नृत्‍य कला मंदिर में आयोजित सभी कार्यक्रमों की प्रस्‍तुति उत्तर मध्‍य क्षेत्र सांस्‍कृतिक केंद्र इलाहाबाद द्वारा की गई।

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