इटावा में मौत बन कर दौड़ा ट्रक, 15 मरे

फर्रुखाबाद-इटावा मार्ग पर चौबिया थाना क्षेत्र के ग्राम बरालोकपुर के निकट चेसिस का शॉकर टूटने से अनियंत्रित ट्रक ने 15 लोगों की जान ले ली। ट्रक पहले बोलेरो से टकराया, फिर बेकाबू होकर गांव में घुस गया। एक दर्जन लोग घायल हो गए, जिनमें चार को गंभीर हालत में मिनी पीजीआई सैफई ले जाया गया।


गुस्साई भीड़ की पिटाई से ट्रक चालक ने भी दम तोड़ दिया। सूचना मिलते ही फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे एसएसपी राजेश मोदक पर गुस्साए ग्रामीणों ने हमला कर दिया। पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों के साथ डीएम भी गांव पहुंच चुके थे। देर रात तक पूरे गांव को पुलिस और पीएसी ने घेर रखा था। ग्रामीण मृतकों के नाते-रिश्तेदारों के पहुंचने तक शव न उठाने देने पर अड़े हुए थे।

शनिवार की रात करीब नौ बजे फर्रुखाबाद से इटावा की ओर आ रहा अशोक लीलैंड ट्रक के चेसिस का शॉकर ग्राम बरालोकपुर के पास टूट गया। तेज गति के कारण अनियंत्रित चेसिस पहले बोलेरो से टकराई, जिससे दो लोगों की मौत हो गई और दो गंभीर घायल हो गए। इसके बाद बरालोकपुर गांव में घुसे ट्रक ने राहगीरों और झुंड में शौच को जा रही महिलाओं को रौंद दिया। गांव में भगदड़ मच गई। यह तांडव करीब तीन सौ मीटर तक देखा गया। ट्रक से कुचल कर 13 ग्रामीणों की मौत हो गई।

एक दर्जन घायलों में से चार को गंभीर हालत में सैफई ले जाया गया। मरने वालों में रंजना (24) पुत्री रामनाथ, वर्षा (15) व नीलू (12) पुत्री अनिल पाल, नेमा पत्नी रामतीरथ, सात माह की गर्भवती विट्टन पत्नी रामदेव, रामादेवी पत्नी जागेश, मिथलेश पत्नी विमलेश, रीना पत्नी अनिलकुमार, सतीश पुत्र कुंवरपाल के अलावा अवधबिहारी, रामफल व रवींद्र की पत्नियां निवासीगण बरालोकपुर शामिल है। गुस्साई भीड़ की पिटाई से ट्रक चालक गंभीर घायल हो गया। सैफई ले जाते समय रास्ते में उसने भी दम तोड़ दिया।

घटना से बेकाबू ग्रामीण वहां से गुजरते अन्य ट्रक चालकों पर भी हमलावर हो गए। उन्हें ट्रकों से खींच-खींच कर पीटने लगे। बचाव करने पहुंची फोर्स पर पथराव कर दिया। पुलिस के देर से पहुंचने के कारण ग्रामीण आगबबूला हो उठे थे। एसएसपी राजेश मोदक ने चालकों को बचाने का प्रयास किया तो ग्रामीणों ने उनके साथ मारपीट कर दी। कुछ देर के लिए उन्हें बंधक बना लिया। बाद में भारी संख्या में पहुंची पुलिस-पीएसी ने लोगों को खदेड़ कर एसएसपी को मुक्त कराया। पीएसी ने पूरे गांव को चारो तरफ से घेर लिया। चप्पे-चप्पे पर फोर्स मुस्तैद हो गई। देर रात डीएम पी. गुरुप्रसाद, एडीएम विद्याशंकर सिंह, एसडीएम सदर शैलेंद्र भाटिया भी मौके पर पहुंच गए।

हालांकि पुलिस व पीएसी बल पहुंच जाने के बाद स्थिति कुछ नियंत्रित होती दिखी, लेकिन मृतकों के शव ग्रामीणों ने उठाने से रोक दिया। डीएम, एसएसपी ने पुन: उन्हें समझाने का प्रयास किया तो भी ग्रामीण देर रात तक मोरचेबंदी किए रहे। उनका कहना था कि जब तक उनके नाते- रिश्तेदार नहीं आ जाते, वे शवों को नहीं उठाने देंगे। पूरे गांव में चीख-पुकार मची हुई थी।

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