जुंदाल के सीने में अब भी छिपे हैं अहम राज

26/11 के हमले के आरोपी आतंकी जबीउद्दीन अंसारी उर्फ अबू जुंदाल को मुंबई पुलिस के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के हाथों सौंपा जाएगा। एनआईए जुंदाल से उन आतंकी साजिशों के बारे में पूछताछ करेगी जिन्हें अब तक अंजाम नहीं दिया जा सका है। ये साजिश लश्कर-ए-ताइबा ने इंडियन मुजाहिद्दीन (आईएम) के साथ मिल कर रची थीं। जुंदाल से एनआईए की पूछताछ दूसरी एजेंसियों के मुकाबले काफी अहम मानी जा रही है।

एजेंसी के उच्चपदस्थ सूत्रों के मुताबिक एनआईए ने जुंदाल को सऊदी अरब से दिल्ली लाए जाने के 12 दिन पहले यानी 8 जून को ही दिल्ली और मुंबई में कई धमाकों की योजना के आरोप में एक एफआईआर दर्ज की थी। इस एफआईआर में अबू जुंदाल और उसके साथी फयाज को आरोपी बनाया गया है।

एजेंसी के अधिकारी ने बताया कि एनआईए ने एफआईआर तब दर्ज कर ली थी जब जुंदाल को भारत लाए जाने पर संशय बना ही हुआ था। उसे अंतत: 21 जून को दिल्ली लाया गया। अधिकारी के मुताबिक जुंदाल पर पहला हक एनआईए का बनाता था। लेकिन गृह मंत्रालय और खुफिया विभाग आईबी ने उसे पहले दिल्ली और फिर मुंबई पुलिस के हाथों सौंपने का फैसला किया।

सूत्रों के मुताबिक जुंदाल और फयाज ने धमाके करने के लिए भारत में खतरनाक विस्फोटक का इंतजाम करवाया था। लेकिन उस विस्फोटक के बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है। जुंदाल से इन धमाकों की साजिश के साथ और कई वैसी साजिशों के बारे में भी पूछताछ की जानी है जिन्हें सुरक्षा एजेंसियों ने नाकाम कर दिया था।

सूत्रों के मुताबिक ऐसी करीब 25 साजिश हैं जिन्हें इस साल नाकाम किया गया है। इन साजिश को नाकाम तो कर दिया गया लेकिन इनसे जुड़ी कई कड़ियों को जोड़ा नहीं जा सका है। सूत्रों ने बताया कि इन कड़ियों के जुड़ने से लश्कर और आईएम की मिलीभगत से रची जाने वाली साजिशों का पता चलेगा जो एजेंसी के लिए अहम जानकारी होगी।

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