रायसीना पहुंचें राजनीति के ‘चाणक्य’

यूपीए प्रत्याशी प्रणब मुखर्जी भारी बहुमत से देश के 13वें राष्ट्रपति चुने गए हैं। उन्होंने भाजपा समर्थित उम्मीदवार पीए संगमा को 3.98 लाख मतों से शिकस्त दी। प्रणब को लगभग 69 फीसदी और संगमा को 31 फीसदी वोट मिले। चार दशक से अधिक के सक्रिय राजनीतिक जीवन में ‘चाणक्य’ का दर्जा हासिल करने वाले प्रणब अब देश के सर्वोच्च पद पर संविधान की रक्षा का जिम्मा संभालेंगे।

नवनिर्वाचित राष्ट्रपति बुधवार को पद की शपथ लेंगे, जबकि राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल को सोमवार को संसद के केंद्रीय कक्ष में विदाई दी जाएगी। रविवार को दिन भर चली मतगणना के बाद शाम लगभग सात बजे निर्वाचन अधिकारी और राज्यसभा के महासचिव वीके अग्निहोत्री ने प्रणब मुखर्जी के राष्ट्रपति चुने जाने का ऐलान किया। इसके बाद उन्होंने तालकटोरा रोड स्थित आवास पर जाकर प्रणब मुखर्जी को राष्ट्रपति चुने जाने संबंधी प्रमाणपत्र सौंपा।

कुल 10,47,971 मतों में से प्रणब को 7,13,763 और संगमा को 3,15,987 वोट मिले। इस चुनाव में कुल 4,659 सांसदों-विधायकों ने वोट डाले, इनमें से से 81 अमान्य करार दे दिए गए। इनमें सपा प्रमुख मुलायम सिंह का रद्द वोट शामिल नहीं है। इस तरह कुल मान्य 4,578 वोटों का मूल्य 10,47,971 था।

राष्ट्रपति चुनने के लिए 19 जुलाई को हुए मतदान के बाद संसद भवन परिसर स्थित मतगणना केंद्र में रविवार सुबह 11 बजे से वोटों की गिनती शुरू हुई। प्रणब शुरू से ही बढ़त बनाए हुए थे। शाम लगभग साढ़े चार बजे उन्होंने जीत के लिए जरूरी 51 फीसदी वोट का आंकड़ा पार कर लिया। उन्हें चुनाव जीतने के लिए 5,14,976 मतों की जरूरत थी।

यह आंकड़ा पार करते ही उनका रायसीना हिल्स जाने का रास्ता साफ हो गया था। प्रणब को भाजपा के खेमे से भी वोट मिले, खासतौर पर कर्नाटक में भाजपा के कुछ विधायकों ने उन्हें वोट दिया। हालांकि संगमा भी त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल, गुजरात, मध्य प्रदेश में ज्यादा वोट पाने में सफल रहे। सांसदों में से प्रणब को 527 तथा संगमा को 206 ने वोट दिया। देश के मुख्य न्यायाधीश एसएच कपाडिया नए राष्ट्रपति को 25 जुलाई को शपथ दिलाएंगे।

कर्नाटक में प्रणब के पक्ष में क्रॉस वोटिंग
नई दिल्ली। कर्नाटक में अंदरूनी झगड़ों से परेशान सत्ताधारी दल भाजपा को राष्ट्रपति चुनाव में अपने ही विधायकों ने झटका दिया। यहां भाजपा विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की और यूपीए के उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी को वोट दिए। कर्नाटक में प्रणब को 117 के वोट मिले, जबकि यूपीए उम्मीदवार पीए संगमा को मात्र 103 वोट हासिल हुए। प्रणब को यहां मिले वोटों की कुल कीमत 15,327 थी और संगमा को मिले वोटों का मूल्य 13,493 था।

मुखर्जी को यहां मात्र 98 विधायकों (कांग्रेस के 71 और जद-एस के 27) के समर्थन की उम्मीद थी। लेकिन उन्हें 19 और विधायकों के वोट मिले। जबकि संगमा सदन में भाजपा के सभी 119 विधायकों के वोट न पा सके। 19 जुलाई को हुए इस चुनाव में 224 सदस्यों में से एक विधायक ने वोट नहीं दिया था। गुजरात में भी एक भाजपा विधायक ने क्रॉस वोटिंग करते हुए मुखर्जी को वोट दिया।

ममता ने दी बधाई
कोलकाता। राष्ट्रपति चुनाव में आखिरी समय तक अपने पत्ते न खोलने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को उन्हें राष्ट्रपति चुने जाने के बाद फोन पर बधाई। खुद ममता ने मीडिया को यह जानकारी दी। तृणमूल कांग्रेस के सूत्रों के अनुसार ममता राष्ट्रपति के शपथग्रहण समारोह में शरीक होंगी।

जीत का हर तरफ जश्न
प्रणब मुखर्जी के राष्ट्रपति बनने के साथ ही उनके समर्थकों ने रविवार को जोरदार जश्न मनाया। हालांकि राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे घोषित होने से पहले ही इसकी शुरुआत हो चुकी थी। पश्चिम बंगाल में उनके पैतृक गांव मिराली में तो लोगों ने सुबह मतगणना शुरू होते ही मंजीरे और मृदंग की थाप पर नाच गाना शुरू कर दिया था। वहां दुर्गापूजा जैसा माहौल बन गया और अबीर-सिंदूर की होली होने लगी। प्रणब के समर्थक राजधानी में तालकटोरा रोड पर स्थित उनकी सरकारी कोठी पर सुबह से एकत्रित होने लगे थे। यहां दिन भर नाच-गाना होता रहा। जैसे-जैसे उनके पक्ष में वोटों की गिनती बढ़ी, लोग लड्डू और रसगुल्ला एक-दूसरे को खिलाने लगे।

शाम होते होते पूरा तालकटोरा रोड जाम हो गया और आतिशबाजी शुरू हो गई। दादा ने जैसे ही जीत के लिए आवश्यक मत हासिल किए, उनके परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। इसके बाद उनकी कोठी पर बधाई देने वालों का तांता लगने लगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल के सदस्यों में सबसे पहले बधाई देने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम और रक्षा मंत्री एके एंटनी पहुंचे। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस के मध्यप्रदेश के नेता सुरेश पचौरी, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजित जोगी, महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता पतंग राव कदम, जम्मू-कश्मीर के कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज, केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय, डीएमके नेता टीआर बालू भी प्रणब को घर पहुंच कर बधाई देने वालों में शामिल थे।

‘प्रणब के गांव मिरिती में भी जश्न
मिरिती (पश्चिम बंगाल)। नवनिर्वाचित राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के पैतृक गांव मिरिती में भी जश्न का माहौल है। गांव के लोग ढोल की थाप पर डांस करते नजर आएं। लोगों ने दादा की जीत पर आतिशबाजी भी की। प्रणब के घर के गेट के बाहर लोग उनकी जीत की खुशी पर बैनर लिए खड़े थे, जिसमें लिखा था, प्रणब बाबू आप पर हमें गर्व है। गांव में सुबह से ही जश्न का माहौल था। लोग इस मौके के लिए विशेष रूप से लिखे गाने गा रहे थे। जीत की खबर आते ही लोगों ने एक दूसरे को रंग लगाया और डांस किया।

‘हर किसी का तहेदिल से धन्यवाद करता हूं’
मैं इस समर्थन और प्यार के लिए हर किसी का तहेदिल से धन्यवाद करता हूं। मैं देशवासियों का आभारी हूं। पिछले एक महीने में पूरे देश का भ्रमण करते हुए मुझे अनुभूति हुई कि आम आदमी इस चुनाव से भावनात्मक रूप से जुड़ा हुआ है। लोगों ने मेरे प्रति जो विश्वास व्यक्त किया है, उस पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करूंगा।-प्रणब मुखर्जी, राष्ट्रपति चुने जाने के बाद

मैं प्रणब मुखर्ज को बधाई देता हूं’
मैं प्रणब मुखर्जी को बधाई देता हूं। मुझे लगता है कि राष्ट्रपति चुनाव में भी आचार संहिता लागू होनी चाहिए। इस चुनाव के दौरान जिस तरह राज्यों को पैकेज दिए गए, वह गलत है। मेरी हार से देश ने आदिवासियों को आगे बढ़ाने का एक अवसर खो दिया है। इस चुनाव से मुझे लगा कि पूर्वोत्तर पूरी तरह केंद्र पर निर्भर हैं, जो खतरनाक है।- पीए संगमा, राष्ट्रपति चुनाव में हार के बाद

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