5500 करोड़ से बनेगा दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे को परवान चढ़ाने में 5500 करोड़ रुपये खर्च होंगे। फिजिबिलटी सर्वे के बाद एनएचएआई ने लागत का आकलन पूर्ण कर लिया है। पूरी रिपोर्ट सड़क एवं भूतल परिवहन मंत्रालय को भेज दी गई है। योजना पूरी होने पर मेरठ से दिल्ली का सफर बेहद आसान हो जाएगा।

बेहतर कनेक्टिविटी के अभाव में दिल्ली-मेरठ का सफर नजदीक होने के बावजूद भी दूर नजर आता है। फोर लेन एनएच 58 लाखों वाहनों के बोझ को सहने में नाकाम साबित होने लगा है। रेलवे भी लोगों की उम्मीदों पर पूरी तरह खरी नहीं उतर रही। हालात में सुधार के लिए एनएचएआई ने दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे प्रोजेक्ट बनाया है।

एक्सप्रेस वे के तहत गाजियाबाद सदर और मोदीनगर तहसील के कुल 22 गांव इसमें शामिल होंगे। मेरठ में गांव हाजीपुर, नरहेड़ा, चंसारा, खानपुर, डीलना, सोलाना, काशी, अछरोड़ा, परतापुर समेत कुल 16 ग्राम इसके दायरे में हैं। अपर जिलाधिकारी भूमि अध्यापति वीके सिंह ने बताया कि नौ गांवों में थ्री डी और सात गांवों में धारा चार की प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है।

टाउन प्लानर विवेक भास्कर ने कहा कि प्रोजेक्ट को महायोजना 2021 में भी शामिल किया जा चुका है। यह मेरठ वासियों के लिए बेहद उपयोगी साबित होगी। एनएचएआई के परियोजना प्रबंधक एमके गुप्ता ने बताया कि प्रोजेक्ट को पूर्ण करने में 5500 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसमें जमीन अधिग्रहण की लागत शामिल नहीं है। पूरी रिपोर्ट सड़क एवं भूतल परिवहन मंत्रालय को भेज दी गई है।

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