लखनऊ।। उत्तर प्रदेश में मॉनसूनी बारिश की वजह से अनेक नदियां उफान पर हैं। राज्य में बाढ़ और कटान से हजारों लोग प्रभावित हैं। केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, घाघरा, शारदा, राप्ती, बूढ़ी राप्ती और कुन्हरा नदिया उफान पर हैं और अनेक स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
अनेक जगहों पर बाढ़ और कटान से प्रभावित हजारों लोग सुरक्षित स्थानों पर पलायन कर गए हैं। राप्ती नदी का जलस्तर बलरामपुर में खतरे के निशान से काफी ऊपर उच्चतम बाढ़ स्तर के नजदीक पहुंच गया है। साथ ही भिनगा (श्रावस्ती), बांसी (सिद्धार्थनगर), रिगौली (गोरखपुर) और बर्डघाट (गोरखपुर) में यह नदी लाल निशान के आसपास बह रही है।
घाघरा एल्गिनब्रिज (बाराबंकी) अयोध्या और तुर्तीपार (बलिया) में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। शारदा पलियाकलां (लखीमपुर खीरी) में और बूढ़ी राप्ती ककरही (सिद्धार्थनगर) में लाल निशान के पार हो चुकी है। कुन्हरा नदी (सिद्धार्थनगर) में खतरे के निशान के नजदीक पहुंच गई है। रिपोर्ट के अनुसार, गोंडा में घाघरा और सरयू ने रौद्र रूप अख्तियार कर लिया है। इन दोनों नदियों की बाढ़ और कटान से सैकड़ों गांवों की आबादी प्रभावित है और लोगों का सुरक्षित स्थानों पर पलायन जारी है। इसके अलावा लखीमपुर खीरी जिले के धौरहरा और पलियां क्षेत्रों में सैकड़ों लोग बाढ़ के कारण अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाने को मजबूर हैं।