अन्तर-मंत्रालयिक केन्द्रीय दल के प्रदेश दौरे का दूसरा दिन

ओलावृष्टि से हुए फसल खराबे का लिया विस्तृत जायजा
किसान हितों को प्राथमिकता देने का आश्वासन

केन्द्रीय अध्ययन दल के सदस्य, केकड़ी विधायक श्री शत्राुघ्न गौतम, जिला कलक्टर डॉ. आरूषी मलिक केकड़ी पंचायत समिति कार्यालय सभागार में किसानों, जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों  की बैठक में चर्चा करते हुए।
केन्द्रीय अध्ययन दल के सदस्य, केकड़ी विधायक श्री शत्राुघ्न गौतम, जिला कलक्टर डॉ. आरूषी मलिक केकड़ी पंचायत समिति कार्यालय सभागार में किसानों, जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों की बैठक में चर्चा करते हुए।

 

केकड़ी पंचायत समिति कार्यालय सभागार में उपस्थित किसान, सरपंच, स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं अधिकारीगण।
केकड़ी पंचायत समिति कार्यालय सभागार में उपस्थित किसान, सरपंच, स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं अधिकारीगण।

 

अजमेर जिले के केकड़ी पंचायत समिति के नापाखेड़ा गांव में केन्द्रीय अध्ययन दल एवं अधिकारी, किसान रामकरण मीणा के खेत पर खराबे की जानकारी लेते हुए।
अजमेर जिले के केकड़ी पंचायत समिति के नापाखेड़ा गांव में केन्द्रीय अध्ययन दल एवं अधिकारी, किसान रामकरण मीणा के खेत पर खराबे की जानकारी लेते हुए।

 

केकड़ी पंचायत समिति के पारा गांव में महिला कृषक फसलों को हुए नुकसान की केन्द्रीय दल को जानकारी देते हुए।
केकड़ी पंचायत समिति के पारा गांव में महिला कृषक फसलों को हुए नुकसान की केन्द्रीय दल को जानकारी देते हुए।

 

केकड़ी पंचायत समिति के पारा गांव में कृषक परिवार अपने खेत में नष्ट हुई फसलों के साथ।
केकड़ी पंचायत समिति के पारा गांव में कृषक परिवार अपने खेत में नष्ट हुई फसलों के साथ।

 

केन्द्रीय अध्ययन दल के सदस्य नसीराबाद क्षेत्रा की ग्राम पंचायत लोहारवाड़ा में फसलों में हुए नुकसान   की जानकारी लेते हुए।
केन्द्रीय अध्ययन दल के सदस्य नसीराबाद क्षेत्रा की ग्राम पंचायत लोहारवाड़ा में फसलों में हुए नुकसान की जानकारी लेते हुए।

जयपुर। राज्य में पिछले दिनों ओलावृष्टि से हुए फसल खराबे का जायजा लेने प्रदेश दौरे पर आए अन्तर-मंत्रालयिक केन्द्रीय दल की तीन टीमों ने शुक्रवार को दूसरे दिन भी प्रदेश के बूंदी, कोटा, अजमेर, टोंक, भीलवाड़ा एवं चित्तौडग़ढ़ जिलों की प्रभावित तहसीलों का दौरा किया और किसानों को हुए नुकसान की जानकारी ली। साथ ही उन्होंने विभिन्न स्थानों पर जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से भी बातचीत कर स्थिति की समीक्षा की।
केन्द्रीय दल के सदस्यों ने कहा कि वे कई किसानों के खेतों पर गए हैं एवं नुकसान को प्रत्यक्ष रूप से देखा है। उन्होंने कहा कि किसानों की पीड़ा को समझकर उनकी भावनाओं को केन्द्र सरकार को प्रेषित की जाने वाली रिपोर्ट में समाहित किया जाएगा, जिससे किसानों को और राहत मिल सके। उन्होंने आश्वस्त किया कि वे सरकार को प्रेषित की जाने वाली रिपोर्ट में किसान हितों को प्राथमिकता देंगे।
बूंदी
सीमेन्ट चद्दरों में सुराख, टूटे हुए केल्हू एवं कच्ची दीवारों पर ओलावृष्टि के निशान 
केन्द्रीय दल की तीन सदस्यीय टीम ने बून्दी जिले के कापरेन ब्लॉक में ओलावृष्टि से फसल खराबे, जनहानि, पशुहानि एवं क्षतिग्रस्त हुए घरों का जायजा लिया। जिला कलक्टर आनंदी ने केन्द्रीय दल को जिले में ओलावृष्टि से हुए फसलों के नुकसान, पशुधन हानि, जनहानि के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई। केन्द्रीय दल ने जिले के ठीमली, हाण्ड्या खेड़ा, देवली एवं ढिकोली गांवों मेें खेतों में जाकर एवं जनसुनवाई करते हुए नुकसान के संबंध में किसानों से बातचीत की एवं हरसंभव मदद का विश्वास दिलाया।
दौरे के दौरान दल के सदस्य ठीमली गांव में क्षतिग्रस्त घरों को देख कर अचम्भित हो गए। सीमेन्ट की चद्दरों में हुए सुराखों, टूटे हुए केल्हू एवं कच्ची दीवारों पर ओलावृष्टि के निशानों को देखकर उन्होंने ओलावृष्टि की भयावहता को जाना। दौरे के दौरान ग्रामीण बद्रीलाल गुर्जर के घर में टूटी हुई सीमेंट के चद्दरों को देखकर संयुक्त सचिव श्री नरेन्द्र भूषण दंग रह गए। उन्होंने आधा दर्जन से अधिक घरों में जाकर देखा कि सभी घरों में कमोबेश यही हालात हैं। गांव की महिलाओं श्रीमती जानकी बाई, श्रीमती बिरधी बाई एवं श्रीमती राजेश कुमारी ने बताया कि जानवरों के लिए चारे एवं पानी की भी समस्या हो गई है। दल के अधिकारियों ने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा किसानों के लिए मुआवजे के नियमों में संशोधन किया गया है तथा अब किसानों को फसल एवं पशुओं के नुकसान पर अधिक मुआवजा मिलेगा।
केन्द्रीय राहत दल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इस भयंकर प्राकृतिक आपदा को देखते हुए आपकी सहायता के लिए नियमों से ऊपर उठकर विशेष राहत पैकेज दिए हैं।
हाण्ड्या खेड़ा गांव में जनसुनवाई के दौरान संयुक्त सचिव श्री भूषण ने किसानों को बताया कि कृषि विभाग के टोल फ्री नम्बर 18001801551 से भी वे फसल संबंधी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, जिसमें एसएमएस के माध्यम से खेती के संबंध में उपयोगी जानकारी मिलती है। उन्होंने बताया कि जल्द ही भारत सरकार 24 घंटे के कृषि दर्शन चैनल की शुरुआत भी करने जा रही है।
केन्द्रीय राहत दल के बून्दी जिले के दौरे के समय अतिरिक्त जिला कलक्टर श्री रामजीवन मीणा, केशोरायपाटन के उपखण्ड अधिकारी श्री सुनील आर्य, तहसीलदार श्री धनराज शर्मा, कृषि विभाग के उपनिदेशक श्री जी. एस. चावला सहित विभिन्न विभागों के अधिकारीगण मौजूद थे।
कोटा 
जो गेहूं बचे, वे भी इंसानों के खाने लायक नहीं
केन्द्रीय दल ने कोटा जिले के भी विभिन्न हिस्सों का दौरा किया और ओलावृष्टि से प्रभावित करीब दो दर्जन गांवों में फसलों, क्षतिग्रस्त मकानों आदि के बारे में जानकारी ली। दल के अधिकारियों ने जगह-जगह ग्रामीणों से चर्चा भी की।
दल ने लाखसनीजा गांव में मकानों में हुई क्षति को देखा तथा स्थिति की गंभीरता को जाना। ग्रामीण श्री शंभुदयाल ने बताया कि ओलावृष्टि से उनके मकान की छतों में बड़े-बड़े छेद हो गए हैं। लाखसनीजा में किसानों ने केन्द्रीय दल को गेहूं दिखाए, जो ओलावृष्टि से खराब हो चुके थे। किसानों ने बताया कि फसलें चौपट हो गई हैं और जो गेहूं बचे हैं, वे भी इंसानों के खाने लायक नहीं हैं। दल के अधिकारियों ने रामपुरिया गांव में खेतों  में पहुचंकर विभिन्न फसलों के खराबे की जानकारी ली। उन्होंने श्री धन्नालाल के धनिए के खेत में ओलावृष्टि से खराब हुई फसल को देखा। वहां बताया गया कि धनिया फसल इतनी खराब हो चुकी है कि इसे काटा भी नहीं जा सकता।
केन्द्रीय दल ने श्री कन्हैयालाल के खेत पर ओलावृष्टि से प्रभावित हुई गेहूं की फसल की बालिया निकालकर कृषि विशेषज्ञ से इसकी स्थिति जानी, तो पता चला कि इसमें दाने भी कम हुए हंै, वजन भी कम है और गेहूंू की गुणवत्ता भी खराब हुई है। रामपुरिया के खेत में उन्होंने श्रीमती द्वारका गुर्जर के खेत में पहुंचकर वहा भूसे व गेहूं की बालियों की स्थिति देखी। केन्द्रीय दल के अधिकारियों ने रास्ते में  सुरेला-रीछेड़ा, चावण्डहेड़ी तथा दरबीजी में खेतों को देखा। सुरेला-रीछेड़ा में श्री श्रीपाल मीणा के खेत में खराब हुई गेहूं की फसल पड़ी हुई थी।
किसानों ने केन्द्रीय दल को बताया कि ओलावृष्टि ने उनकी कमर तोड़ दी है। पिछली फसल सोयाबीन भी दो साल तक खराब हो गई थी। अब गेहूं की फसल भी ओलावृष्टि के कारण बर्बाद हो गई है। चावण्डहेड़ी में बड़ी संख्या में उपस्थित महिला-पुरुष किसानों से केन्द्रीय दल ने करीब 20 मिनट तक बात की और जानकारी ली।
क्षेत्र के विधायक श्री हीरालाल नागर ने फसल खराबे और अन्य नुकसान तथा किसानों की पीड़ा के बारे में बताया। केन्द्रीय दल ने कल्याणपुरा में लहसुन की फसल में खराबे की भी जानकारी ली। यहां महिला काश्तकार ने बताया कि ओलावृष्टि के कारण लहसुन की फसल भी बिगड़ गई है। कल्याणपुरा में ही इंजीनियरिंग के छात्रों ने केन्द्रीय अध्ययन दल के प्रभारी अधिकारी से मुलाकात की और कहा कि अब तक वे लोग खेती-बाड़ी से ही मिली राशि से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करते रहे हंै लेकिन इस बार ओलावृष्टि व फसल खराबे ने उनके घर परिवारों की आर्थिक स्थिति को डांवाडोल कर दिया है।
इसके बाद केन्द्रीय दल ने दीगोद क्षेत्र में आने वाले गांवों का दौरा किया और ओलावृष्टि से सामने आए दुष्प्रभाव की जानकारी ली और पीडि़तों से चर्चा की। इस दौरान जिला कलक्टर श्री जोगा राम, अतिरिक्त जिला कलक्टर श्री बाबूलाल कोठारी, क्षेत्रीय विधायक श्री हीरालाल नागर सहित अनेक प्रशासनिक और विभागीय अधिकारी भी साथ थे।
भीलवाड़ा
संतरा, पपीता, ईसबगोल एवं जीरे की फसलों में भी खराबा
अंतर-मंत्रालयिक चार सदस्यीय केन्द्रीय दल ने माण्डलगढ़ एवं बिजौलियां क्षेत्र का दौरा कर ओलावृष्टि से हुए नुकसान का जायजा लिया। केन्द्रीय जल आयोग के निदेशक श्री एच.एस. सेंंगर के नेतृत्व में इस दल ने विभिन्न गांवों में जाकर खेतों का जायजा लिया और कृषकों से मुलाकात की। दल के सदस्यों ने फसलों तथा फलदार पौधों के बगीचों में ओलावृष्टि से हुए नुकसान का भी जायजा लिया।
केन्द्रीय दल ने जोजवा ग्राम में सजनी पत्नी कन्हैया लाल के संतरों के बगीचे में ओलावृष्टि से हुए नुकसान का आकलन किया। उपखण्ड अधिकारी माण्डलगढ़ ने बताया कि क्षेत्र में 254 हैक्टेयर क्षेत्र में लगभग 450 किसानों की संतरे की फसल को ओलावृष्टि से नुकसान पहुंचा है। मालकाखेडा ग्राम के बाद उन्दरों का खेड़ा ग्राम में पपीते के बगीचे में गिरे हुए पपीते के पेडों तथा फलों को हुए नुकसान का आकलन भी केन्द्रीय दल ने किया।  दल ने थड़ौदा में जीरे की फसल, छोटी बिजोलियां में ईसबगोल की फसल को पहुंचे नुकसान का भी जायजा लिया।
माण्डलगढ़ की विधायक कीर्ति कुमारी ने अन्तर मंत्रालयिक केन्द्रीय अध्ययन दल से फलों की खेती तथा बागवानी को भी फसल बीमा में सम्मिलित करने तथा मौसम आधारित फसल बीमा लागू करने के लिए किसानों के हित में नियमों में परिवर्तन करने को कहा।
अध्ययन दल ने बताया कि केन्द्र सरकार ने हाल ही किसानों के हित में निर्णय करते हुए अधिक मुआवजा प्रदान करने के लिये नियमों में संशोधन किया है। किसानों को फसल, पशुधन एवं उनके आवासों को हुए नुकसान की भरपाई पर अधिक राशि प्रदान की जा सकेगी।
दल के साथ जिला कलक्टर डॉ. रविकुमार सुरपुर, प्रधान श्री घनश्याम कंवर और बिजौलियां की प्रधान नीतू विजयवर्गीय ने भी किसानों को हुए नुकसान के बारे में जानकारी दी। इस दौरान अतिरिक्त जिला कलक्टर गिरीराज कुमार वर्मा, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रामपाल शर्मा, कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक अशोक शर्मा सहित विभिन्न विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
चित्तौडग़ढ़
ईसबगोल एवं अफीम खेती को हुए नुकसान का लिया जायजा
केन्द्रीय दल भीलवाड़ा दौरे के पश्चात् चित्तौडगढ़ तहसील के ग्रामीण क्षेत्रों के विभिन्न गांवों मेें स्थिति का जायजा लेने के लिए पहुंचा। दल ने बेगूं तहसील के किसान श्री हरलाल धाकड़ के इसबगोल के खेत में हुए खराबे का जायजा लिया। बलवन्त नगर के किसान श्री गेंदमल और रायती ग्राम के श्री बंशीलाल धाकड़ की धनिया की फसल को हुए नुकसान का भी दल ने जायजा लिया। रायती व रायता गांव के श्री लक्ष्मण व श्री प्रकाश के अफीम की खेती व रामेश्वर की गेहूं की फसल को खेतों में जाकर देखा और नुकसान की जानकारी ली। इसके बाद उन्होंने चित्तौडग़ढ़ तहसील के सादी गांव व पाल का खेड़ा और अभयपुर गांव में भी गेहूं, इसबगोल और अफीम की  फसलों के हुए खराबे का खेतों में जाकर जायजा लिया। इस अवसर पर दल के साथ अनेक जनप्रतिनिधि एवं अधिकारीगण उपस्थित थे।
अजमेर
पशुओं के लिए चारा भी नहीं बचा
केन्द्रीय दल की तीसरी टीम ने अजमेर जिले के दौरे के दूसरे दिन केकड़ी एवं नसीराबाद क्षेत्र में ओलावृष्टि से फसलों में हुए नुकसान की जानकारी ली। दल के सदस्यों ने केकड़ी पंचायत समिति की ग्राम पंचायत पारा, गुलगांव व नापाखेडा एवं नसीराबाद तहसील की ग्राम पंचायत लोहारवाड़ा में कई किसानों के खेतों पर जाकर फसलों को हुए नुकसान की जानकारी ली।
केन्द्रीय पशुपालन, डेयरी व मत्स्य विभाग के निदेशक श्री एस.एस. कांडपाल के नेतृत्व में तीन सदस्यीय केन्द्रीय दल ने सर्वप्रथम नसीराबाद तहसील के लोहारवाड़ा में खेतों पर जाकर फसलों की स्थिति का जायजा लिया। यहां पर किसान श्री हरचंद ने बताया कि उसकी गेहंू की फसल पूरी तरह से नष्ट हो चुकी है, फसलों के नष्ट होने से पशुओं के लिए चारा भी नही बचा है। केकड़ी पंचायत समिति की ग्राम पंचायत पारा में सीमान्त कृषक श्री छगना एवं उनकी पत्नी श्रीमती कस्तूरी ने बताया कि बड़े आकार के ओलों से उनकी गेहूं की पूरी फसल तबाह हो गई है। ग्राम पंचायत गुलगांव में किसान श्री कैलाश रैगर ने बताया कि उनकी 2 बीघा जमीन पर फसल में खराबा हुआ है, जिससे चारा भी नष्ट हो गया है।  दल के सदस्यों ने आश्वस्त किया कि वे किसान और पशुपालकों के हितों का सरंक्षण करते हुए अपनी रिपोर्ट सरकार को पेश करेेंगे, जिससे उन्हें अधिक से अधिक सहायता का मार्ग प्रशस्त हो सके।         इस अवसर पर अतिरिक्त जिला कलक्टर श्री किशोर कुमार, उपखण्ड अधिकारी श्री जयप्रकाश नारायण, उपखण्ड अधिकारी श्री जगदीश नारायण बैरवा, तहसीलदार, पटवारी समेत कई विभागों के अधिकारी भी मौजूद थे।
केन्द्रीय अध्ययन दल के सदस्यों ने केकड़ी पंचायत समिति कार्यालय के सभागार में किसानों, पशुपालकों, जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों से क्षेत्र में किसानों को हुए नुकसान की विस्तृत जानकारी ली एवं सुझाव आमंत्रित किए। केन्द्रीय दल के सदस्यों ने कहा कि वे अजमेर जिले के दो दिवसीय दौरे के दौरान विजयनगर, केकड़ी एवं नसीराबाद में कई किसानों के खेतों पर गए है एवं नुकसान को प्रत्यक्ष रूप से देखा है। किसानों की पीडा को समझकर उनकी भावनाओं को सरकार को प्रेषित की जाने वाली रिपोर्ट में समाहित किया जाएगा। इस मौके पर केकड़ी विधायक श्री शत्रुध्न गौतम, जिला कलक्टर डॉ. आरूषी मलिक समेत कई अधिकारी भी मौजूद थे।
टोंक
आगामी फसल के लिए किसानों के पास बीज तक का टोटा
इसके पश्चात् दल ने टोंक जिले की देवली, टोंक एवं उनियारा तहसीलों का दौरा किया। दल देवली तहसील मुख्यालय के किसान श्री कस्तूरा पुत्र मांगीलाल कीर के खेत में पहुंचा, जहां सदस्यों ने फसल खराबे का जायजा लिया। इसके बाद दल ने विभिन्न खेतों में जौ की फसल का जायजा लिया। इसी क्षेत्र में दल ने सरसों की खराब हुई फसल का भी जायजा लिया।  किसानों ने राहत दल को बताया कि उनकी फसलें पूरी तरह से खराब हो चुकी हैं। उनकी गुणवत्ता, औसत वजन, तेल का प्रतिशत भी निम्न स्तर पर पहुंच चुका है। किसानों ने बताया कि ओलावृष्टि से फसल खराब होने के साथ ही बीज नव अकुंरित हो गया है। ऐसे में आगामी फसल के लिए किसानों के पास बीज तक का टोटा पड गया है। दल ने सरोली, लतीफगंज, खेलनियां और नया गांव का भी दौरा किया और फसल खराबे की स्थिति का जायजा लिया।
केन्द्रीय दल का नेतृत्व कर रहे  श्री एस.एस. कण्डपाल ने किसानों को सांत्वना देते हुए बताया कि केन्द्र सरकार ओलावृष्टि से हुए खराबे से प्रभावित हुए किसानों की हुई आर्थिक हानि को काफी गंभीरता ले रही है और इसी को ध्यान में रखते हुए राहत कोष के मानदंडों में परिवर्तन किया गया है। उन्होंने कहा कि दल खराबे की रिपोर्ट शीघ्र ही केन्द्र सरकार को प्रेषित करेगा, जिससे किसानों को और राहत मिल सके।
इस अवसर पर संभागीय आयुक्त श्री धमेन्द्र भटनागर, अतिरिक्त संभागीय आयुक्त श्री आर.सी. सोलंकी, जिला कलेटर डॉ.टीना कुमार, मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद टोंक श्री गजेन्द्र सिंह राठौड, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री आनन्दीलाल वैष्णव,उपखण्ड़ अधिकारी देवली,उनियारा एवं टोंक सहित सम्बधित तहसीलदार व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

1 thought on “अन्तर-मंत्रालयिक केन्द्रीय दल के प्रदेश दौरे का दूसरा दिन”

  1. श्री मान

    माननीय

    विषय : सहकारी बैंक मुण्डारा में किसानों कि चैक बुक दोनों रख लेते हैं

    श्री महोदया जी ,

    निवेदन है कि ग्राम मुण्डारा तेह बाली ज़िला पाली में सहकारी बैंक हैं किसानों को सरकार द्वारा ऋण ढिलाया जाता है। उसमें रिश्वत लेते हैं और हिसाब किसानों को बताते नहीं है । कोई भी सरकार की स्कीम आति। हैं नहीं बताते युरिया।डि ए पि का बिल नहीं देता और 20 /25 रूपये जादा लेते और किसान बैंक वालों से बोत परेशान हैं बैक वाले पास बुक और चैक बुक दोनों रख लेते हैं बाढ मैं किसान पैसा जमा करने जाते तो हिसाब किताब बताते नहीं और ब्याज लेते हिसाब में कुछ मालूम नहीं पडता और किसानों को सरकार द्वारा ऋण माफ और फसल बीमा क्लेम माफ आते लेकिन कोई बीमा फसल नहीं मिलता हैं लेकिन बताते नहीं सरकार किसानों को बोलती है हम फायदा देते हैं मुण्डारा सहकारी बैंक मै कोई फायदा नहीं किसान रोते रहते सरकार या बैंक क्रम सारीयो मजा लेते हैं मुण्डारा सहकारी बैंक के उपर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए किसानों को हिसाब और पास बुक चैक बुक दोनों देना चाहिए फसल बीमा क्लेम देना चाहिए

    प्रार्थी

    समस्त किसान

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