साहित्य-पत्रकारिता के क्षेत्र में शेखर और शंभूदयाल सक्सेना का योगदान महत्वपूर्ण

समारोह में शेखर-शंभूदयाल सक्सेना के कृतित्व का स्मरण कराते डा महेंद्र खड़गावत
समारोह में शेखर-शंभूदयाल सक्सेना के कृतित्व का स्मरण कराते डा महेंद्र खड़गावत
बीकानेर 27 अगस्त। शंभू-शेखर सक्सेना सामाजिक विकास संस्थान, बीकानेर की ओर से सातवें राज्य स्तरीय पत्रकारिता और
साहित्य के पुरस्कार शनिवार को वेटरनरी विश्व विद्यालय के सभागार में आयोजित एक भव्य समारोह में प्रदान किए गए।
पूर्व महापौर भवानी शंकर शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित समारोह के मु य अतिथि संसदीय सचिव डॉ.विश्वनाथ
मेघवाल,लूणकरनसर के विधायक मानिक चंद सुराणा, वेटरनरी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.ए.के.गहलोत,राज्य अभिलेखागार
के निदेशक डॉ.महेन्द्र खडग़ावत और पूर्व मंत्री डॉ.बी.डी.कल्ला ने राज्य पत्रकारिता का पुरस्कार घर्मेन्द्र कुमार गौड़ ( नागौर
),साहित्य का राज्य पुरस्कार नीलिमा टिक्कू को 5100 रूपये नगद राशि,चांदी का मेडल,श्रीफल,शॉल और प्रशस्ति पत्र प्रदान
कर स मानित किया। विशिष्ट पुरस्कारों में पत्रकारिता में प्रमोद आचार्य (बीकानेर) व साहित्य में डॉ मेघना शर्मा (बीकानेर) को
2100 रूपये नगद राशि , चांदी का मेडल,श्रीफल,शॉल और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।
समारोह में संसदीय सचिव डॉ.मेघवाल ने कहा कि पत्रकारिता व साहित्य समाज का दर्पण हैं । सामाजिक सोच और
लोकतंत्र को पोषित करने में इनका महती योगदान रहता है। उन्होंने कहा कि ऐसे स मान समारोह समाज के लिए प्रेरणादायी
हैं।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए पूर्व महापौर भवानी शंकर शर्मा ने कहा कि बीकानेर के साहित्य और पत्रकारिता की
धार को वक्त के मुताबिक दिशा देने का कार्य दोनों ही विभूतियों ने बड़ी कुशलता से किया है। नई पीढ़ी को सदैव प्रेरणा
मिलती रहेगी। लूणकरनसर विधायक मानिक चंद सुराणा ने कहा कि शंभू दयाल सक्सेना जैसे व्यक्तित्व एवं कृतित्व की बदौलत
ही आज बीकानेर को छोटी काशी के रूप में जाना-पहचाना जाता हैं। पूर्व मंत्री डॉ.कल्ला ने कहा कि पुरोधा साहित्यकार शंभू
दयाल और पत्रकारिता के क्षेत्र में शेखर सक्सेना का महत्वपूर्ण योगदान रहा हैं ,जो हम सब के लिए प्रेरणादायी है। कुलपति
प्रो.गहलोत ने कहा कि देश में जो बदलाव आते है,वे राजनीतिज्ञों व पत्रकारों और तीसरा पक्ष जनता के कारण होते हंै। उन्होंने
शंभू दयाल और शेखर सक्सेना के द्वारा साहित्य और पत्रकारिता के क्षेत्र में किए गए कार्यों का स्मरण भी किया। डॉ.खडग़ावत
ने कहा कि ऐतिहासिक परिपेक्ष्य में पत्रकारिता और साहित्य ने देश और समाज को समृद्घ बनाया हैं। सोशल मीडिया में
पत्रकारों की टिप्पणी महत्वपूर्ण होती हैं।
समारोह में मु यवक्ता के रूप में वरिष्ठ कवि एवं साहित्यकार भवानी शंकर व्यास ÓविनोदÓ ने कहा कि शंभू
दयाल सक्सेना ने 45 वर्ष तक बीकानेर में साहित्य को एक नई दिशा दी ,नारी शिक्षा को मजबूती प्रदान कर,शिक्षा की अलख
जगाई। उन्होंने कहा कि शेखर सक्सेना ने पत्रकारिता और प्रकाशन के माध्यम से समकालीन बीकानेर में अपना विशिष्ट
योगदान दिया है,जो अविस्मरणीय है।
समारोह के प्रारंभ में शंभू शेखर सक्सेना सामाजिक विकास संस्थान की सचिव सुश्री रेणु सकसेना ने सभी का स्वागत
किया। पत्रकार लक्षमण राघव ने भी अपने विचार प्रकट किए। नीरज सक्सेना ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
समारोह में बड़ी सं•या में साहित्यकार,पत्रकार और संभ्रान्त नागरिकों ने शिरकत की।

— मोहन थानवी

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