दुनिया ने माना हमारे अभियान का लोहा – मुख्यमंत्री

cmp_0070cmp_9847जयपुर, 9 दिसम्बर। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि मरू प्रदेश राजस्थान अब देश और दुनिया में जलक्रांति के अग्रदूत के रूप में जाना जा रहा है। राजस्थान की जनता ने अपने दम पर इस मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान को सफल बनाकर पूरी दुनिया में अपना लोहा मनवा दिया है। मुझे पूरा विश्वास है कि अभियान के पूर्ण होने तक 295 ब्लॉक में से करीब 250 ब्लॉक अवश्य सुरक्षित जोन में होंगे।
श्रीमती राजे शुक्रवार को बारां जिले के तुलसां गांव में मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के दूसरे चरण के शुभारम्भ समारोह को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि पहले चरण की ऐतिहासिक सफलता से स्वावलम्बन का सवेरा हो गया है। अब हम जलक्रांति के दूसरे अध्याय की शुरूआत कर रहे हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि जनता की भागीदारी से हमारा यह अभियान पहले से भी ज्यादा कामयाब होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम खेतों को हरा-भरा बनाना चाहते हैं और हर गांव में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना चाहते है। इसके लिए हमारा प्रयास है कि बरसात की एक-एक बूंद राजस्थान की धरती में समाए और यहां के लोगों की प्यास बुझाने के काम आए। जल स्वावलम्बन अभियान इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। प्रदेश के 21 हजार गावों में यह अभियान पूरा होगा तो राजस्थान की तस्वीर ही बदल जायेगी।
देश और दुनिया में मॉडल बना अभियान
मुख्यमंत्री ने कहा कि मरूधरा को जलभरा बनाने का यह अभियान इस कदर कामयाब हुआ है कि पूरी दुनिया में इसकी गूंज है। ब्रिक्स देशों के साथ ही दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया तथा नामीबिया जैसे देशों ने इसकी सराहना की है और इस मॉडल को अपनाने की ओर बढ़ रहे हैं। इतना ही नहीं मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात और तेलंगाना जैसे राज्य हमसे प्रेरणा ले रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कई मंचों पर हमारे इस अभियान की मुक्त कंठ से प्रशंसा की है और आह्वान किया है कि दूसरे राज्य भी इस मॉडल को अपनाएं।
2.10 किमी लम्बाई में होगा पानी का भराव
श्रीमती राजे ने तुलसा गांव में नाले पर एनिकट के जिस निर्माण कार्य का मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के तहत शुभारम्भ किया, उस पर करीब 65 लाख की लागत आएगी। इस एनिकट के बनने पर करीब 2.10 किमी लम्बाई में पानी का भराव होगा। अब तक इस नाले पर एनिकट नहीं बनने के कारण बारिश में अच्छी आवक होने के बावजूद पानी व्यर्थ बहकर परवन नदी में मिल जाता था। एनिकट के बनने के बाद भूमिगत जल में बढ़ोतरी होगी और सिंचाई तथा पशु पेयजल के लिए अतिरिक्त जल उपलब्ध हो सकेगा। इसका लाभ इस क्षेत्र के लिए तीन गांवों तुलसां, कोटड़ी एवं तूमड़ा के लोगों को मिलेगा। श्रीमती राजे ने यहां शहरी क्षेत्र के तहत जिन्द बाबा और कल्याण जी की बावड़ी, तलावड़ा रोड़ की गहराई एवं सौन्दर्यकरण कार्य का भी शुभारम्भ किया।
4200 गांवों तथा 66 नगरों में होंगे काम
श्रीमती राजे ने कहा कि अभियान के दूसरे चरण के तहत प्रदेश के 4200 गांवों और 66 शहरों तथा कस्बों में जल संरक्षण के करीब एक लाख 35 हजार काम होंगे। ये काम तय समयावधि में पूरे हों, इसके लिए हर माह का रोडमैप तैयार किया गया है। जल संरचनाओं के साथ ही व्यापक स्तर पर पौधारोपण कार्यक्रम भी चलाया जायेगा जिसमें एक करोड़ पौधे लगाये जायेंगे। पहले चरण में इस साल 27 जनवरी से यह अभियान 3529 गांवों में चलाया गया था, इसकी सफलता के बाद अब अभियान के दूसरे चरण में शहरी क्षेत्रों को भी शामिल किया गया है।
भामाशाहों ने दिया सात करोड़ का सहयोग
मुख्यमंत्री ने बताया कि अभियान के दूसरे चरण के लिए छबड़ा थर्मल पॉवर प्लान्ट ने पांच करोड़ रूपये, अदानी पॉवर प्लान्ट कवाई ने 50 लाख, महर्षि मार्कण्डेश्वर विश्वविद्यालय ट्रस्ट की ओर से बीस लाख रूपये तथा राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम ने करीब 65 लाख रूपये का सहयोग दिया है। इस प्रकार करीब सात करोड़ रूपये का सहयोग अभियान के लिए मिला है।
पहले चरण में 95 प्रतिशत जलाशय हुए लबालब
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले चरण के 3529 गांवों के लिए यह अभियान वरदान साबित हुआ। इसके तहत बनाई गई 94 हजार से अधिक जल संरचनाओं में से 95 प्रतिशत पानी से लबालब भर गए। इन जल संरचनाओं में वर्षाकाल के दौरान 11 हजार 170 मिनीलियन क्यूबिक फीट पानी का संग्रहण हुआ, जो अपने आप में रिकॉर्ड है। जिससे करीब 41 लाख लोग और 45 लाख पशु लाभान्वित हुए। साथ ही करीब 28 लाख पौधे लगाए गए, जिनमें से अधिकतर आज भी हरे भरे हैं। संभवतः यह पहला मौका था कि किसी सरकारी कार्यक्रम में 53 करोड़ रूपये की राशि जन सहयोग से प्राप्त हुई। पहला चरण पूरा होने के बाद कई इलाकों में 15 फीट तक भूजल स्तर बढ़ गया।
बारां की 44 पंचायतों में होगा काम
मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के द्वितीय चरण में बारां जिले की 44 ग्राम पंचायतों के 152 गांवों में 3106 कार्य होंगे। इस पर 4581.19 लाख रूपए की लागत आएगी। अभियान के अन्तर्गत जल संरक्षण व जल ग्रहण के कार्य कराए जाएंगे। अभियान में अंता में 209 कार्यों पर 264.21 लाख, अटरू में 588 कार्यों पर 662.64 लाख, बारां में 321 कार्यों पर 408.64 लाख, छबड़ा में 372 कार्यों पर 652.15 लाख, छीपाबड़ौद में 552 कार्यों पर 777.47 लाख, किशनगंज में 448 कार्यों पर 862.31 लाख, शाहबाद में 616 कार्यों पर 953.73 लाख रूपए व्यय होंगे।
परवन लिफ्ट डेम की ऊंचाई बढ़ाने का काम एक साल में होगा पूरा
श्रीमती राजे ने कहा कि क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण परवन लिफ्ट डेम की ऊंचाई बढ़ाने तथा इसके जीर्णोद्धार का काम दिसम्बर 2017 तक पूरा कर लिया जायेगा। इस कार्य में 3 करोड़ 70 लाख रूपये व्यय होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि परवन वृहद सिंचाई परियोजना को पर्यावरण स्वीकृति के लिए उन्होंने केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय से चर्चा की है। उम्मीद है कि शीघ्र ही स्वीकृति मिल जायेगी। उन्होंने लोगों को आश्वस्त किया कि इस परियोजना के लिए बजट की कोई कमी नहीं है।
विकास कार्यों से बदल रही बारां जिले की तस्वीर
श्रीमती राजे ने कहा कि राज्य सरकार सभी जिलों के समग्र विकास पर ध्यान दे रही है। उन्होंने बारां जिले में हुए विकास कार्यों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि 205 करोड़ की लागत से लहासी मध्यम सिंचाई परियोजना बांध, बारां शहर को बाढ़ से बचाने के लिए 126 करोड़ के डायवर्जन चैनल, बारां में इंजीनियरिंग कॉलेज, 50 ग्रामीण गौरव पथ, 64 किसान गौरव पथ, अंता में तीन करोड़ की लागत से स्टेडियम निर्माण, 107 अन्नपूर्णा भण्डार, नाहरगढ़ वन औषधि उद्यान, अटरू खेडलीगंज, कवाई सहित 34 गांव की अटरू-शेरगढ़ पेयजल योजना आदि परियोजनाएं बारां जिले की तस्वीर बदल रही हैं।
शहीद के नाम पर विद्यालय का नामकरण
श्रीमती राजे ने तुलसां गांव के लोगों की मांग पर गांव के विद्यालय का नाम शहीद राजमल मीणा के नाम पर करने की घोषणा की। उन्होंने तुलसां में दो करोड़ की राशि से स्वीकृत गौरव पथ का काम शुरू करने और पशु औषधालय के निर्माण की भी घोषणा की। इससे पहले मुख्यमंत्री ने जिले की विकास प्रदर्शनी का अवलोकन किया।
इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री प्रभुलाल सैनी, सांसद श्री दुष्यन्त सिंह, राज्य हज कमेटी के चैयरमेन श्री अमीन पठान, राज्य वरिष्ठ नागरिक बोर्ड के अध्यक्ष श्री प्रेम गालव, विधायक श्री प्रताप सिंह सिंघवी, श्री ललित मीणा, श्री रामपाल मेघवाल, जिला प्रमुख श्री नंदलाल सुमन, आपदा प्रबन्धन सचिव श्री रोहित कुमार, संभागीय आयुक्त श्री आरएस मीणा, पुलिस महानिरीक्षक श्री विशाल बंसल, जिला कलेक्टर श्री एसपी सिंह, पुलिस अधीक्षक श्री डीडी सिंह सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, अधिकारी तथा आमजन उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने चलाया फावड़ा, उठाई तगारी
cmp_9923मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने तुलसां गांव में खुद फावड़ा चलाया, तगारी में मिट्टी भरी और उसे नाले के किनारे पर डालाकर इस अभियान का शुभारम्भ किया। श्रीमती राजे को श्रमदान करता देख क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों के साथ ही आमजन भी इस पुनीत काम में जुट गए। कृषि मंत्री श्री प्रभुलाल सैनी, सांसद श्री दुष्यन्त सिंह आदि ने भी फावड़ा चलाकर इस अभियान को जन-जन का अभियान बनाने का आह्वान किया। श्रीमती राजे ने इस अवसर पर पौधरोपण भी किया।

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