भांडाशाह जैन मंदिर में र्जीणोद्धार व नवीनीकरण कार्य पूर्ण

वरिष्ठ साध्वी शशिप्रभा श्रीसंघ के साथ कल पहुंचेगी मंदिर
IMG-20170209-WA0014बीकानेर, 25 मई। पांच शताब्दी से अधिक प्राचीन भांडाशाह जैन मंदिर में र्जीणोद्धार व नवीनीकरण का कार्य पूर्ण हो गया है। जैन श्वेेताम्बर खरतरगच्छ संघ की वरिष्ठ साध्वीश्री शशि प्रभा सहवृति साध्वियों व श्रीसंघ के साथ शनिवार सुबह करीब छह बजे नवाहणु यात्रा के तहत मंदिर के दर्शन करेंगी।
श्री चिंतामणि जैन मंदिर प्रन्यास से संबंधित इस मंदिर के प्राचीन वैभव को करीब दो वर्षों में पुनः स्थापित करते हुए र्जीणोद्धार व नवीनीकरण कार्य किया गया है। श्री चिंतामणि जैन मंदिर प्रन्यास के अध्यक्ष निर्मल धारीवाल ने बताया कि मंदिर पुरातत्व व प्राचीन धरेाहर के लिए संरक्षित इस ऎतिहासिक मंदिर में साध्वीश्री शशि प्रभा के सान्निध्य में चैत्यवंदन व स्तवन किया जाएगा।
धारीवाल ने बताया कि धरा से 108 फीट ऊंचे जैन धर्म के पांचवें र्तीथंकर भगवान सुमति नाथजी के मंदिर का नाम भांडाशाह जैन द्वारा बनाने के कारण इसका नामकरण भी भांडाशाह मंदिर हो गया। मंदिर की नींव में शुद्ध देशी घी डलवाने के कारण व अपनी स्थापत्य कला के कारण मंदिर विख्यात है। मंदिर को विश्व की प्रमुख यात्रा एजेन्सी ट्रीप एडवाइजर ने भी भारत के प्रसिद्ध जैनालयों व मंदिरों में शामिल किया है।
धारीवाल ने बताया कि मंदिर के 500 वर्ष पूर्ण होने पर डाक विभाग ने विशेष आवरण व विरुपण जारी किया था। बीकानेर का यह पहला मंदिर है जिसका विशेष आवरण व विरुपण जारी किया गया है। मंदिर की स्थापना के 502 वर्ष पूर्ण हो रहे है । मंदिर में जैन र्तीथंकरों, नीति व धर्म के अनेक भीति चित्र व र्मूतियां भी बनी हुई है। इन र्मूतियों व भीति चित्रों का पुश्तैनी उस्ता कलाकारों द्वारा पुनः चित्रांकन व रंग रोगन प्राचीन परम्परा व शैली के अनुसार किया है। भीति चित्रों में असली सोने के करीब 700 वर्ग लगाए गए है।
इस मंदिर व चितामणि मंदिर प्रन्यास से संबंधित दादाबाड़ियों व मंदिरों में र्निमाण व र्जीणोद्धार कार्योंं पर दो वर्षों में करीब 25 लाख रुपए व्यय किए गए है। मंदिर में ध्वज दंड तक सीढ़ियां लगाई गई है। इस मंदिर के अलावा बछावतों के चौक के वासपुज्यजी मंदिर, रांगड़ी चौक के कुथु नाथ जैन मंदिर, उदयरामसर, देशनोक दादाबाड़ी, पदम प्रभुजी मंदिर नाल में कार्य करवाया गया है। नाल में प्रन्यास की भूमि पर चार दीवारी का निर्माण करवाया गया है।
उन्होंने बताया कि भांडाशाह मंदिर में नए ध्वज दंड की स्थापना इस बार बीकानेर में वर्षोंबाद चार्तुमास कर रहे खरतरगच्छाधिपति मणिप्रभ सूरिश्वर के सान्निध्य में होगी। मणिप्रभ सूरिश्वरजी 3 जुलाई 2017 को चार्तुमासिक प्रवेश करेंगे। जैनार्चाय के चार्तुमास की तैयारियां में भी प्रन्यास भी जैन श्वेताम्बर खतरगच्छ संघ, श्री सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट व चातुर्मास व्यवस्था कमेटी के साथ सक्रिय भागीदारी निभाएगा।

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