परवन बांध का निर्माण कार्य प्रांरभ

षीघ्र करवाने की मांग को लेकर भाया ने की पदयात्रा
चार साल में परियोजना की लागत बढकर हुई 7800 करोड़

01-1फ़िरोज़ खान
बारां 11 अक्टूबर। कांग्रेस शासन के दौरान स्वीकृत परवन वृहद सिंचाई परियोजना के निर्माण कार्य को प्रांरभ करवाने की मांग को लेकर प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया ने बुधवार को 11वें चरण की पदयात्रा तहसील बारां के ग्राम बड़ां से प्रारंभ कर ग्राम बमूलिया जागीर, चैनपुरिया, खेडली जागीर से होते हुए ग्राम बोहत पहुंचकर सम्पन्न की। जन जागरण पदयात्रा के दौरान जिलाध्यक्ष पानाचंद मेघवाल सहित सैकड़ों कांग्रेसजनों, किसानों और क्षेत्रवासियों ने भाग लिया।
कंाग्रेस जिला महासचिव कैलाश जैन ने बताया कि गांव-गांव में से होकर गुजरी पदयात्रा के दौरान ग्रामीणों एवं किसान भाईयों को संबोधित करते हुए प्रदेश उपाध्यक्ष श्री प्रमोद जैन भाया ने कहा कि चार साल का लम्बा समय निकल जाने के बावजूद ‘परवन वृहद सिंचाई परियोजना’ पर सरकार की ‘नीयत’ साफ नहीं है। उन्होनें कहा कि कांग्रेस शासन के दौरान राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार को 4 वर्ष में इस परियोजना को पूर्ण कराने की लिखित में अण्डरटेकिंग दी थी। लेकिन राज्य की भाजपा सरकार ने द्वेषतावश 4 वर्ष में इस परियोजना को पूर्ण कराना तो दूर रहा अब तक मौके पर कार्य भी चालू नही करवाया। जबकि इस परियोजना की क्रियान्विती में लगातार हो रही देरी के चलते एक तरफ यहां की कृषि आधारित क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को करोड़ों रूपये का नुकसान हो गया। दूसरी ओर नोटबंदी एवं जीएसटी के चलते परियोजना लागत लगभग 231.92 प्रतिशत बढ़ कर करीब 7800 करोड़ रूपये हो गयी है। इतना ही नही हमारे द्वारा आयोजित की जाने वाली प्रेस कांफ्रेन्स की खबर से बौखलायी सरकार ने रातों-रात 26 सितम्बर की रात्रि को बारां जिला मुख्यालय के चारमूर्ति चैराहे एवं अन्य स्थानों पर झूंठी वाही-वाही लूटने के लिए परवन की उपलब्धियों का बखान करते हुए विराट साइज में हाॅर्डिंग्स टंगवा दिये, जैसे कि परवन परियोजना का कार्य पूर्ण करवाया जाकर किसानों के लिए नहरों में पानी छोड़ दिया हो।
भाजपा के मंत्रियों द्वारा बताया गया कि मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधराराजे परवन परियोजना को स्प्रिकंलर पद्वति से जोड़कर राष्ट्रीय परियोजना में शामिल कराने के लिए प्रयासरत है। भाया ने कहा कि अगर ऐसा हुआ तो किसान भाईयों को फ्लो इरीगेशन के स्थान पर विद्युत मोटरें लगाकर स्प्रिकंलर पाईपों से खेतों में पानी देना होगा जिससे किसान भाईयों पर प्रतिमाह बिजली बिल के भुगतान के साथ बिजली उपलब्ध होने का इंतजार करना पडेगा। स्प्रिंकलर पाइप खेतों में लगाने के लिए किसानों को हजारों, लाखों रूपए प्रथम बार में ही खर्च करने पडेंगे। स्प्रिकंलर पाइप भी सर्दी, गर्मी एवं बरसात के कारण पांच वर्ष से ज्यादा नहीं चल पाते है, जिससे किसानों को हर पांच वर्ष में इनकी मरम्मत, रख-रखाव या नए पाइप खरीदने पड़ेंगे, जिन पर लाखों रूपए की राशि खर्च होगी। फ्लो इरीगेशन पद्वति में किसानों का सिंचाई पर कोई खर्चा नही होता है, बिजली कटौैती से इसका कोई संबंध नहीं है। भाया ने कहा कि भाजपा सरकार परवन परियोजना को स्प्रिकंलर पद्वति की नही करें तथा कांग्रेस शासन के दौरान बनाई गई डीपीआर अनुसार ही काम को होने दें। उन्होनें कहा कि किसान भाईयों का शोषण, उन्हें आर्थिक नुकसान, समय एवं श्रम का नुकसान हम कतई सहन नहीं करेंगे। उन्होनें कहा कि सरकार परवन परियोजना के सिंचित क्षेत्र का रकबा बढ़ाना चाहती है तो डेम की ऊंचाई कांग्र्रेस समय की डीपीआर डिजाइन में है, उसकी ऊंचाई को ओर बढावे, वहां पर ऊंचाई बढाने की क्षमता है। उससे रकबा भी बढ़ जावेगा तथा किसानों पर स्प्रिंकलर पद्वति का भार भी नही पडेगा।
भाया ने कहा कि वे इस परियोजना पर प्रारंभ से पैनी नजर बनाये रखते हुए जानते है कि इस सरकार के कार्यकाल में भी परवन संबंधी पत्रावली पर नई कार्यवाही जोडी एवं लिखी गयी है, लेकिन यह सब इतना बड़ा कार्य नहंी था, जिसके कारण परियोजना का कार्य चार साल के लिए रोकना पड़ गया। गणित के फाॅर्मूले से इस कार्य को प्रतिशत में निकाला जाये तो इस सरकार का कार्य बमुश्किल 10 फीसदी हिस्सेदारी का है, जबकि नब्बे फीसदी कार्य काॅग्रेस शासन के दौरान ही पूर्ण कराया जाकर निर्माण की राह को आसान बना दिया गया था। चूंकि यह परियोजना राजस्थान में राणा प्रताप सागर, माही एवं बीसलपुर के बाद चैथी वृहद परियोजना है। इसके चलते जब तक परियोजना का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं होगा, तब तक किसी न किसी रूप में ‘औपचारिक कार्यवाही’ चलती ही रहेगी।
भाया ने कहा कि उन्हें इस बात की आत्मीय पीड़ा है, कि जनकल्याणकारी शासन व्यवस्था देने के नाम पर भाजपा तथा उसकी सरकार ने हाड़ौती की जनता को स्वर्णिम आय से पहले 4 साल और अब निर्माण हेतु 4 यानि कुल 08 साल पीछे धकेल दिया, जिसके लिए माननीया मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे एवं माननीय सांसद महोदय श्री दुष्यंत सिंह जी पूर्णतया जिम्मेदार हैं। भाया ने पुनः अपना संकल्प दोहराते हुए कहा कि परवन वृहद सिंचाई परियोजना निर्माण के लिए उनकी पदयात्राएं संवेदक कंपनी को कार्यादेश जारी होने एवं संवेदक कम्पनी द्वारा मौके पर निर्माण कार्य प्रारंभ होने तक निरंतर जारी रहेगी।
जिलाध्यक्ष पानाचंद मेघवाल ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार की मुखिया से लेकर क्षेत्रीय सांसद महोदय एवं कृषि मंत्री सहित भाजपा के जिला स्तरीय वरिष्ठ नेतागण लगातार परवन पर अलग-अलग बयान जारी कर रहे हैं, लेकिन यर्थाथ में परिणाम सामने नजर नहीं आ रहा है। उन्होेनें कहा कि पग-पग पर इस सरकार ने दोहरी मानसिकता एवं व्यवहार का परिचय दिया है। इस मुद्दे पर वर्तमान सरकार के सिंचाई मंत्री ने विधानसभा प्रश्न के जवाब में उन तथ्यों की पुष्टि कर दी, जिनका जिक्र काॅग्रेस लम्बे समय से कर रही है, कि ‘परवन वृहद सिंचाई परियोजना’ की स्वीकृति के लिए आवश्यक सैद्धांतिक, प्रशासनिक, विŸाीय तथा तकनीकी स्वीकृति से लेकर कई महत्वपूर्ण स्वीकृतियां निविदाएं एवं कार्यादेश काॅग्रेस शासन के दौरान ही जारी कर दिये गये थे। इसका अवलोकन, निरीक्षण, परीक्षण आप स्वयं विधानसभा की वेबसाइट ूूूण्तंरंेेमउइसलण्दपबण्पद पर कर सकते हैं।
यह रहे पदयात्रा के दौरान उपस्थित-परवन वृहद सिंचाई परियोजना के कार्य को शीघ्र प्रांरभ किए जाने की मांग को लेकर आयोजित जन-जागरण पदयात्रा में झालावाड़ के जिलाध्यक्ष रघुराज सिंह हाडा, नवनियुक्त पीसीसी सदस्य भैरोसिंह बापू, पुखराज जैन, सिद्विक गौरी, कोमल वर्मा, डीसीसी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष हंसराज मीणा उदपुरिया, जयकिशन मीणा, महासचिव महिपाल चैधरी, डाॅ. इजहार खान सीमा, राजेन्द्र सिंह नागदा, सचिव नरेन्द्रसिंह केदाहेडी, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष के लियाकत अली मेव, एससी प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष सत्यनारायण भूमल्या, प्रदेश महासचिव महिला कांग्रेस सरोज नागर, प्रधान सेवाराम मीणा, जगदीश पांचाल, छात्र संघ अध्यक्ष हिंमाशु धाकड, मयंक माथोडिया, तंवरसिंह चैहान, सेवादल से संध्या जाडेजा, श्रीमती बिंदु कंवर, शिवराज सिंह पलायथा, सोहनलाल चैरसिया, प्रमोद जैन टीटू, पृथ्वीराज बैरवा, पार्षद हरिराज गुर्जर, राहुल शर्मा, लक्ष्मण सुमन, वसीम खान, मुर्तजा अंसारी, संदीप शर्मा पार्षद अंता, विनोद मेहरा, महेंन्द्र बैरवा, राकेश मीणा उदपुरिया, विक्रम चैधरी, दौलत बैरवा बडगांव, शेरू खान अंता, याकूब भाई पाटून्दा, शोभागमल मीणा, गालिब भाई रायपुरिया, रामप्रसाद सुमन पूर्व सरपंच बमूलिया जागीर, रामचन्द्र रेगर, सूरजमल मीणा झाडवा, श्रवणलाल मीणा सीमली, गिर्राज नागर पाकलखेडा, छबडा के नाथूलाल अग्रवाल, श्यामसुंदर गुप्ता, हेमन्त शर्मा, मुकुट सुमन, गीताराम मालव, राजेन्द्र मीणा जलोदा तेजाजी, असगर अली, रामकिशन कोली, विक्रांत शर्मा, बबला खान, पवन गौतम, चेतन गौतम, विक्रम गौतम, भगवती मीणा, हरिशंकर शर्मा, सूरजमल बैरवा, रामकिशन मेघवाल, भूपेन्द्र शर्मा सहित सैकड़ों की संख्या में कांग्रेसजन व किसान भाई उपस्थित रहे।

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