बीएसएफ के क्षेत्र में मानसिक स्वास्थ्य पर विशेष संगोष्ठी

20171012_114628मानसिक स्वास्थ्य एवं नशामुक्ति विभाग द्वारा विश्व मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह के छठे दिन आज दिनांक 12.10.2017 को बीएसएफ जवानों के साथ बीएसएफ के क्षेत्र में मानसिक स्वास्थ्य तथा समस्याओं पर विशेष संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बीएसएफ जवानों ने हिस्सा लिया श्रोताओं को संबोधित हुए वरिष्ठ आचार्य एवं विभागाध्यक्ष डॉ0 के.के. वर्मा, ने बताया कि लम्बे समय तक कार्य, परिवार से दूरी, सरहद की सुरक्षा की जिम्मेदारी, अकेलापन, हथियारों की जिम्मेदारी, आपसी संवाद की कमी, समय पर छुट्टी ना मिल पाना, आंतकवादियों से मुठभेड, कार्य का दबाव आदि अनेक ऐसे कारण है जिसकी वजह से बीएसएफ के जवान कई बार तनाव ग्रस्त हो जाते है। इस तनाव के कारण कई बार घबराहट, बैचैनी, नींद में परेशानी, भूख ना लगना या अधिक खाना खाना, मादक पदार्थो जैसे शराब का अत्यधिक सेवन, किसी काम में मन नहीं लगना, आत्महत्या के विचार आना आदि लक्षण महसूस होते है। बीएसएफ जवानों में आत्महत्या की दर सामान्य जनता की तुलना में ज्यादा है। आकडो के अनुसार 2014 में 46, 2015 में 27 तथा पिछले साल 24 बीएसएफ जवानों ने आत्महत्या की, कार्यक्षेत्र पर मानसिक रूप से स्वस्थ्य ना होने के कारण हमारे कार्य की गुणवत्ता तथा उत्पादकता प्रभावित होती है। कार्यक्षेत्र के समय को सुनियोजित करके आपसी संवाद तथा सहयोग को बढाकर सही तरीके से अधिकारियों के समक्ष अपनी बात रखके, परिवार के साथ उचित समय बीताकर, एवं योगा, ध्यान तथा शारीरिक व्यायाम को दिनचर्या का हिस्सा बनाकर अपने मानसिक स्वस्थ्य को अच्छा रखा जा सकता है। इसके साथ सहायक आचार्य डॉ0 हरफूल सिंह विश्नोई ने बताया कि कार्यक्षेत्र की संभावना को पहचानकर एक सकारात्मक सोच के साथ कार्य करने व परस्पर संवाद तथा सहयोग बढाकर मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर किया जा सकता है।
मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह कार्यक्रम की श्रंखला मे दिनांक 13.10.2017 को प्रातः 3ः30-4ः30 बजे रेलकर्मियों के साथ रेल विभाग में मानसिक स्वास्थ्य तथा समस्याओं पर विस्तार पूर्वक विस्तृत चर्चा की जायेगी।

(डॉ के. के. वर्मा)
आचार्य एवं विभागाध्यक्ष
मानसिक रोग विभाग
स.प. आयुर्विज्ञान महाविद्यालय
एवं सम्बद्ध चिकित्सालय पी.बी.एम. बीकानेर

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