गाय और पंचगव्य की महत्ता नहीं समझी, तो भुगतने पडेंगे बुरे नतीजे

स्वदेशी महोत्सव के तहत पंचगव्य पर हुआ मंथन, विद्यार्थियों को मिली ‘गव्य ऋषि’ की उपाधियां
रविवार को होगा पांच दिवसीय महोत्सव का समापन

DSC_8628_1585x1050बीकानेर, 14 अक्टूबर। स्वदेशी जागरण मंच द्वारा आयोजित पांच दिवसीय स्वदेशी महोत्सव के चैथे दिन शनिवार को ‘पंचगव्य’ पर मंथन हुआ। वैदिक पंचगव्य गुरूकुल, सांगली (महाराष्ट्र) की और से आयोजित दीक्षांत समारोह में ‘गव्यऋषि’ की उपाधियां प्रदान की गईं। वहीं अवकाश का दिन होने के कारण बड़ी संख्या में आमजन ने मेले का अवलोकन किया तथा स्वदेशी उत्पादों की जमकर खरीदारी की। मेले का समापन रविवार को सायं 6 बजे होगा। इस दौरान कबड्डी प्रतियोगिता का फाइनल मुकाबला भी होगा।
शनिवार को आयोजित दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर छींपा थे। उन्होंने कहा कि अच्छे स्वास्थ्य एवं शुद्ध वातावरण के लिए गौपालन अत्यंत जरूरी है। आज कीटनाशकों का उपयोग करके हमने हमारी मिट्टी को जहरीली बना दिया है। आने वाली पीढ़ी को इसके दुष्परिणाम भुगतने पड़ेंगे। उन्होंने जैविक खेती की ओर बढ़ने की आवश्यकता बताई तथा कहा कि जैविक खाद मंे गाय के गोबर एवं मूत्र की भूमिका अत्यंत महत्त्वपूर्ण होती है।
वैदिक पंचगव्य गुरूकुल के प्रभारी नितेश भाई ने कहा कि भारत में सदैव गौ आधारित संसकृति की परम्परा रही है। इसके आधार पर ही गौ आधारित अर्थक्रांति को साकार रूप दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पंचगव्य में सर्दी-जुकाम से कैंसर तक तथा नख से शिख तक समस्त रोगों को समूल नष्ट करने की क्षमता है। ऐलोपैथी व अन्य चिकित्सा पद्धतियों से ठीक नहीं हो सकने वाले अनेक असाध्य रोगों को पंचगव्य से ठीक करने की सफलता प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा कि मनुष्य के पंचतत्वो को पंचगव्य के माध्यम से संतुलित रखा जा सकता है।
नितेश भाई ने कहा कि मनुष्य एवं गाय, जन्म से मृत्यु तक एक-दूसरे के सहायक होते हैं। आज यदि हमने गाय और पंचगव्य की महत्ता नहीं समझी, तो हमें इसके बुरे नतीजे भुगतने पड़ेंगे। उन्होंने कहा कि गाय के मूत्र एवं गोबर के माध्यम से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ा जा सकता है। उन्होंने कहा कि गौपालन, स्वदेशी का मूलमंत्र है। गौपालन के माध्यम से स्वावलम्बी बनना मुश्किल नहीं है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जोधपुर प्रातः के सहसंपर्क प्रमुख जगदीश ओझा बतौर अतिथि मौजूद रहे। आभार विभाग संयोजक अनिल शुक्ला ने जताया।
इस अवसर पर ब्यावर के अजित शर्मा ने पंचगव्य के घटकों एवं इनके गुणों के बारे में बताया। जयपुर के नीलेश भाई और मनीष शर्मा ने पंचगव्य चिकित्सा के अनुभवों की जानकारी दी। इस अवसर पर मंच के सहविचार मंडल प्रमुख धरमप्रकाश शर्मा, प्रमेश अग्रवाल, लाभुराम विश्नोई, निर्मल बरड़िया, आदर्श विद्या मंदिर रघुनाथसर कुआं के प्राचार्य घनश्याम व्यास, वंदेमातरम् मंच के विजय कोचर, महोत्सव व्यवस्था प्रभारी अशोक जोशी, सुनीता गुर्जर, भवानी सिंह खारा, पूनम राइका, श्रवण राइका, केसरी चंद पुरोहित, समुंदर सिंह राइका सहित अनेक लोग मौजूद थे।
मिली ‘गव्यऋषि’ की उपाधियां
दीक्षांत समारोह के दौरान राजस्थान क्षेत्र के आठ विद्यार्थियों को ‘गव्य ऋषि’ की उपाधियां प्रदान की गई। अतिथियों ने मैडल पहनाकर तथा प्रमाण पत्र प्रदान कर इनका सम्मान किया। उपाधियां प्राप्त करने वालों में राजसमंद की तारा पंचोली, जयपुर के भागचंद कुमावत, कोटा के राजेन्द्र शर्मा, राजसमंद के सत्यगोपाल, बीकानेर के मधुसूदन व्यास, जयपुर के मनीष शर्मा, कोटा के अंकित कुमार को प्रदान की गई।
दिनभर चले कार्यक्रम
महोत्सव के चैथे दिन अनेक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। ‘पंचगव्य से स्वास्थ्य’ विषय पर आयोजित सत्र में आयुर्वेद, एलोपेथी सहित विभिन्न पद्धतियों के चिकित्सकों ने मंथन किया। इस सत्र में वैद्य देवकिसन सारस्वत, गौरी शंकर शर्मा, कौशल्या सैनी, सुरेश सैनी, गोविंद ओझा, सुधांशु व्यास, दंत रोग विशेषज्ञ डाॅ. राजकुमार कल्ला, फीजियो थैरेपिस्ट डाॅ. अमित पुरोहित आदि ने विचार रखे। इस सत्र का संचालन देवकिसन मारू ने किया। इसके अलावा गौ योग प्राणायाम, पंचगव्य नए शोध एवं प्रयोग, गौ आधारित परम्परागत व्यवस्था एवं चिकित्सा, पंचगव्य से स्वास्थ्य और सशक्त भारत का निर्माण आदि प्रमुख रहे। गुरूकुल के शोद्यार्थियों ने मोहता आयुर्वेद रसायनशाला में दवा निर्माण की प्रक्रिया को भी समझा।
खरीदारी का रहा माहौल
शनिवार को बड़ी संख्या में आमजन ने स्वदेशी उत्पाद खरीदे। दीपावली का त्यौहार नजदीक होने के कारण रंग-बिरंगे दीपक, हस्तनिर्मित सजावटी सामान, रंगोली तथा नमकीन आदि की जमकर बिक्री हुई। स्टाल व्यवस्था प्रभारी सावन सोनी ने बताया कि रविवार को भी रात्रि दस बजे तक मेला आमजन के लिए खुला रहेगा। महोत्सव का समापन सत्र रविवार को सायं 6ः30 बजे शुरू होगा। इस दौरान करमीसर क्लब एवं वीर तेजा क्लब के बीच कबड्डी का फाइनल मुकाबला भी होगा।

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