जोधपुर में 13वां वेटरनरी विश्वविद्यालय पशुचिकित्सा प्रशिक्षण एवं अनुसंधान केन्द्र शुरू

bikaner samacharबीकानेर, 15 नवम्बर। जोधपुर में राज्य का 13वां वेटरनरी विश्वविद्यालय प्रशिक्षण एवं अनुसंधान केन्द्र शुरू हो गया है। जोधपुर के पटवार प्रशिक्षण केन्द्र के एक भवन में स्थापित इस केन्द्र में पशुपालकों को दो पशुचिकित्सा विशेषज्ञों की सेवाएं भी उपलब्ध करवाई गई हैं। वेटरनरी विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशक प्रो. ए.पी. सिंह ने बताया कि जोधपुर की विधायक श्रीमती सूर्यकांता व्यास के अथक प्रयासों की बदौलत वर्तमान पटवार प्रशिक्षण केन्द्र में तीन कक्ष, हॉल और अन्य आवश्यक सुविधाओं वाले भाग में केन्द्र ने कार्य शुरू कर दिया है। केन्द्र पर प्रभारी अधिकारी, टीचिंग एसोसिएट, कम्प्यूटर ऑपरेटर और सहायक की सेवाएं सुलभ करवाई गई हैं। गत शनिवार को वेटरनरी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.आर. छीपा और विधायक श्रीमती सूर्यकांता व्यास ने इस केन्द्र का निरीक्षण किया। निदेशक प्रो. ए.पी. सिंह ने बताया कि राज्य सरकार के निर्देश पर नगर निगम, जोधपुर द्वारा जोधपुर जिले के गेवां गांव के खसरा नम्बर 8 में 5 बीघा भूमि का निःशुल्क आंवटन वेटरनरी विश्वविद्यालय प्रशिक्षण एवं अनुसंधान केन्द्र को किया गया है। इस भूमि पर विश्वविद्यालय द्वारा शीघ्र ही केन्द्र के नए भवन का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। इसके निर्माण होने तक केन्द्र पटवार प्रशिक्षण केन्द्र के भवन में संचालित किया जाएगा। प्रो. सिंह ने बताया कि इस केन्द्र में 3 विषय विषेषज्ञों की सेवाओं के साथ पषुचिकित्सा की रोग निदान प्रयोगषालाओं की स्थापना करके पषुचिकित्सा सेवाओं को प्रभावी तरीके से लागू किया जाएगा। इससे जोधुपर जिले के किसान और पशुपालक लाभान्वित होंगे। केन्द्र द्वारा पशुचिकित्सा अनुसंधान और सेवाओं के सुद्दढ़ीकरण के लिए बड़े पैमाने पर प्रषिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। विष्वविद्यालय द्वारा शुरू की गई प्रसार सेवाओं, पशुपालन उपयोगी प्रकाषनों और अन्य कार्यों को आम पशुपालकों तक पहुँचाने में भी इस केन्द्र की अहम भूमिका होगी। केन्द्र के वैज्ञानिकों द्वारा जिले के पषुपालक-कृषकों के आर्थिक उन्नयन के लिए स्वस्थ पषु और उनसे उत्पादन को बढ़ाने के तौर-तरीकों के बारे में षिक्षित और प्रषिक्षित किया जाएगा। गांव और जिले के सुदूर क्षेत्रों में भी प्रषिक्षण, प्रक्षेत्र दिवस, प्रदर्शनियां और पषु स्वास्थ्य षिविरों का आयोजन कर पषुपालकों को लाभान्वित किया जाएगा। वेटरनरी विश्वविद्यालय द्वारा राज्य के 12 जिलों में पशुपालकों के प्रशिक्षण कार्यक्रमों हेतु ये प्रशिक्षण एवं अनुसंधान केन्द्र कार्यशील है। इनमें सूरतगढ़, लूनकरणसर, बाकलिया (नागौर), सिरोही, बोजून्दा (चित्तौड़गढ़), डूंगरपुर, चूरू, कुम्हेर (भरतपुर), धौलपुर, टोंक, कोटा और अजमेर में केन्द्र स्थापित है।
समन्वयक
जनसम्पर्क प्रकोष्ठ

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