ओडीएफ पर घमासान:महापौर-उपमहापौर आमने सामने

झूठे आश्वासन देकर पार्षदों से करवायें हस्ताक्षर
bikaner samacharबीकानेर (जयनारायण बिस्सा)। नगर निगम में लंबे समय से आंतरिक गुटबंदी में तार तार हो रही भाजपा की स्थानीय सरकार एक बार फिर से संकट में गिर गई है। यहां प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत मिशन को पलीता लगाने के लिये एक बार फिर महापौर और उपमहापौर आमने सामने हो गये है। जिसके चलते ओडीएफ मुक्त बीकानेर पर संकट के बादल मंडराने लगे है। निगम आयुक्त के ओडिएफ स्व घोषणा के बाद इसका विरोध भी शुरू हो गया है। कांग्रेस जहां इसे ‘कागजी ओडीएफ’ बता ही रही है, खुद भाजपा के उपमहापौर और कुछ पार्षद भी इसे लेकर महापौर और निगम प्रशासन पर तीखे प्रहार कर रहे हैं। कुल मिलाकर ओडीएफ के मुद्दे पर एक बार फिर भाजपा दो खेमों में बंट गई है।
उपमहापौर अशोक आचार्य का कहना है कि ओडीएफ घोषित करने से पहले उन्हें हस्ताक्षर करने को कहा गया था, लेकिन मैंने नहीं किए। इसी तरह कई अन्य पार्षदों ने भी हस्ताक्षर नहीं किए। उन्होंनें कहा कि वार्ड संया 7, 18 सहित अनेक वार्डों में तो अभी तक शौचालय का निर्माण ही शुरू नहीं हुआ है। ऐसे में आनन-फानन में ओडीएफ की घोषणा करना सही नहीं है। उधर, महापौर नारायण चौपड़ा ने बताया कि हमने ओडीएफ की घोषणा राज्य सरकार के नियमानुसार ही की है। कई जगह काम चल रहा है तो वो पूरा हो जाएगा। जहां तक उपमहापौर के हस्ताक्षर की बात है तो वो यदि करते तो ठीक था, नहीं तो जरूरी नहीं है।
कांग्रेस ने किया विरोध स्वरूप किया बुके भेंट
उधर कांग्रेस ने भी इसका विरोध करते हुए भ्रम में रखकर हस्ताक्षर करने के आरोप अधिकारियों पर लगाये है। प्रतिपक्ष नेता जावेद पडि़हार ने बताया कि आयुक्त और दोनों उपायुक्तों ने 15 दिन पहले मुझे यह कहकर साइन करने को मजबूर किया कि मेरे वार्ड में तुरंत काम शुरू हो जाएगा। उन्होंने झूठ बोला। यह कागजी ओडीएफ है। कांग्रेस पार्षदों ने महापौर नारायण चौपड़ा को विरोध स्वरूप बुके भेंट किया।
इन वार्डों में खुले में जाते हैं शौच :हालात ये है कि जिस 60 वार्डों के ओडिएफ होने की बात की जा रही है। उन्हीं वार्डों में से वार्ड नंबर 4, 59, 50, 60, 19, 25, 6, 23, 2, 45, 18, 18, 22, 56 में आज भी वार्ड के अनेक वांशिदें खुले में शौच जा रहे है। ऐसे में ओडिएफ मुक्त बीकानेर की बात करना बेमानी साबित हो रहा है।
क्यूसीआई की टीम देगी ओडीएफ का सर्टिफिकेट
नगर निगम ने शहर को ओडीएफ घोषित किया है। आयुक्त निकया गोहाएन ने इसकी स्वघोषणा की है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार की क्यूसीआई टीम शीघ्र ही निरीक्षण के लिए आएगी। स्टेटस प्रमाण पत्र मिलने के बाद ओडीएफ पर मुहर लगेगी। आयुक्त ने बताया कि 1630 शौचालयों का निर्माण कराया है। विभिन्न वार्ड और शहर के प्रमुख स्थानों पर 15 सार्वजनिक व सामुदायिक शौचालय भी बनवाए हैं। नुक्कड़ नाटक व कठपुतली कार्यक्रम भी कराए। एस आरजी सदस्यों ने वार्डों और बस्तियों में जाकर लोगों से खुले में शौच ना जाने की समझाइश भी की।

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