रेलवे अब खुद बनाएगा बिजली

आत्मनिर्भर बनने के लिए रेलवे अब खुद बिजली बनाएगा। इसके लिए सौर ऊर्जा, पवन, थर्मल और गैस आधारित पावर प्लांट राजस्थान सहित देश के कई हिस्सों में लगाने की योजना है। प्रदेश में पवन चक्कियों वाला 25 मेगावाट क्षमता का प्लाण्ट जैसलमेर में स्थापित किया जाएगा।

खुद बिजली बनाने की पहल रेलवे ने करीब तीन साल पहले शुरू की थी। चेन्नई में उसका 10.5 मेगावाट का पावर प्लांट सफलतापूर्वक चल रहा है। इस दिशा में अब वह आगे बढ़ रहा है। रेलवे और उसका उपक्रम रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनॉमिक सर्विस द्वारा बनाए जाने वाले राजस्थान के जैसलमेर प्लांट के लिए 160 करोड़ रुपए की संस्तुति रेलवे बोर्ड ने दी है। इसमें रेलवे की हिस्सेदारी 26 प्रतिशत और राइट्स की 74 प्रतिशत होगी।

उत्तर पश्चिम रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार पहले 10.5 मेगावाट का प्लांट लगाने की योजना थी, अब बढ़ाकर इसे 25 मेगावाट कर दिया गया है।

रेलवे पश्चिम बंगाल के आद्रा क्षेत्र में 660 मेगावाट के दो प्लांट लगाएगा। वहीं महाराष्ट्र के ठाकुरली इलाके में 700 मेगावाट का गैस आधारित पावर प्लांट लगाएगा। उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी तरुण जैन ने बताया कि रेलवे बोर्ड ने बजट आवंटित कर दिया है। प्लांट जैसेलमेर में कहां लगाया जाए, इसके लिए जरूरी कार्यवाही चल रही है। प्रक्रिया पूरी होने के बाद छह महीने में प्लांट तैयार होने की उम्मीद है। यह काम इस साल भी शुरू हो सकता है।

 

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