जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल पर आर्थिक मार

जयपुर में हो रहे छठे साहित्य महोत्सव के आयोजकों को भारी आर्थिक मार पड़ी है। आखिरी तीन सप्ताह में वित्तीय दबाव का हवाला देते हुए कई प्रयाजकों ने हाथ खड़े कर दिए जिससे आयोजकों पर 1.5 करोड़ से ज्यादा रुपए का बोझ बढ़ गया है। महोत्सव के प्रस्तोता संजय के. राय ने बताया कि इस साल हमारा बजट 5 करोड़ रुपए से 6.8 करोड़ रुपए के बीच रहने का अनुमान है, लेकिन हम प्रायोजकों से केवल 4 करोड़ रुपए जुटाने में कामयाब रह सके।

उन्होंने कहा कि हमने इस साल का बजट प्रायोजकों के जरिए पूरा किया था,लेकिन आखिरी तीन सप्ताह में कई ने हाथ खींच लिए। समय भी इतना नहीं बचा था कि नए प्रायोजक तलाशे जा सकें। ऐसा लगता है हमे घाटा होगा। रॉय ने बताया कि पिछले साल वे महोत्सव का खर्च निकालने में कामयाब रहे थे। महोत्सव की सह निर्देशिका और लेखिका नमिता गोखले ने भी अपने उद्घाटन भाषण में कहा था कि बजट से 1.5 करोड़ रुपए कम जुट पाए हैं।

उन्होंने कहा कि यह बेहद खराब वित्त वर्ष है। नकारात्मक स्थिति का अगले साल के आयोजन पर पड़ने की आशंका के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि पैसे जुटाने के लिए हमें नए रास्ते तलाशने होंगे।

उन्होंने कहा कि अब महोत्सव का आकार छोटा नहीं किया जा सकता। लोग उम्मीदों के साथ आते हैं। यह महोत्सव दुनिया के पांच बड़े आयोजनों में से एक हो चुका है। हमारे पास कोई चारा नहीं है। इस महोत्सव में दुनिया भर से 280 लेखक हिस्सा ले रहे हैं। सभी आयोजन स्थलों पर प्रवेश नि:शुल्क है।

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