शाहपुरा में मेगा हाइवे की चौड़ाई 9 मीटर होगी

शाहपुरा/ जयपुर से कांकरोली वाया शाहपुरा मेगा हाइेव सडक़ मार्ग की चौड़ाई पालिका क्षेत्र में 7 से बढ़ा कर 9 मीटर की जायेगी। इसके लिए नये प्रस्ताव तैयार कर जयपुर भेजे जायेगें।
यह निर्णय निर्माण विभाग के चीफ इंजीनियर जी०एल०राव के शाहपुरा प्रवास के दौरान किया गया।
इससे पूर्व डाक बंगले में जागृति मंच के अध्यक्ष रतनलाल झंवर ने राव को शाहपुरा के विकास को देखते हुए पूर्व में निर्धारित चौड़ाई २० मीटर रखने के संबंध में ज्ञापन दिया तथा उनको शाहपुरा के मास्टर प्लान के साथ अन्य दस्तावेजों की जानकारी दी गई है। उनके द्वारा सक्षम स्तर पर इस मसले को रखने का आश्वासन देने के बाद शाहपुरा बंद को स्थगित कर दिया गया है। इस दौरान पालिका अध्यक्ष रघुनंदन सोनी, उपखंड अधिकारी बजरंगलाल वर्मा, भाजपा जिला महामंत्री कैलाश काबरा, नगर कांग्रेस अध्यक्ष बालमुकंद तोषनीवाल, पालिका में प्रतिपक्ष नेता रमेश सेन सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।
इस बीच शाहपुरा बचाओ संघर्ष समिति की ओर से एक प्रतिनिधि मंडल ने भीमसिंह चारण व ओमप्रकाश गुर्जर की अगुवाई में चीफ इंजीनियर को ज्ञापन देकर कहा कि चौड़ाई को ७ मीटर रखने के साथ ही बाईपास का निर्माण कराया जाए। बंद सडक़ कार्य को अविलंब चालू कराया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदर्शन करके दबाव बनाने के पीछे उन लोगों का स्वार्थ है। उन्होंने विधायक को भी ज्ञापन दिया।
इस दौरान भाजपा व कांग्रेस के स्थानीय पदाधिकारी, पार्षद , प्रतिपक्ष नेता मौजूद रहे। इस दौरान डाक बंगले में सडक़ की चौड़ाई को घटाने व बढ़ाने की मांग को लेकर दोनो पक्षों के नागरिक जमा हो गये। काफी तादाद में भीड़ को देखते हुए डिप्टी रामसिंह व सीआई पन्नालाल जांगीड़ मय जाब्ते के मौजूद रहे।
बंद कमरे में हुआ फैसला
दोनो प्रतिनिधि मंडलों से मुलाकात के बाद चीफ इंजीनियर ने विधायक के साथ मुलाकात की। बंद कमरे में हुई मुलाकात में विभाग के अधिकारी मौजूद रहे। इस दौरान बताया गया कि सात मीटर सडक़ बनने पर दो दो मीटर साइडों में पटरी बननी है। इसका विरोध देखते हुए अब मूल सडक़ की चौड़ाई 7 से बढ़ा कर 9 मीटर करने तथा साइडों की पटरी एक एक मीटर करने का निर्णय लिया। इस प्रस्ताव पर सहमति के बाद चीफ इंजीनियर ने स्थानीय अधिकारियों को इस संबंध में सोमवार को प्रस्ताव तैयार कर जयपुर लेकर आने को कहा है।
सडक़ का स्वामित्व किसका है
डाक बंगले में हुई चर्चा के दौरान उपखंड अधिकारी बजरंग लाल वर्मा ने जनता के विरोध को देखते हुए निर्माण विभाग के अधिकारियों से सवाल किया कि जिस सडक़ पर काम चल रहा है, उसका स्वामित्व किसके पास है। सडक़ के कार्य प्रांरभ करने के समय कार्यकारी नोडल अधिकारी द्वारा जारी पत्र में जिन लोगों के नाम चिन्हित किये है, वो कहां से आये है। क्या अतिक्रमण है या सरकारी भूमि पर कोई निर्माण है। भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई क्यों नहीं हो पायी है। एसडीओ के इतने सवालों का चीफ इंजीनियर के साथ मौके पर मौजूद नोडल अधिकारी डी०के० गुप्ता कोई प्रत्युत्तर नहीं दे पाये। बाद में एसडीओ ने कहा कि कानून व्यवस्था को बिगडऩे नहीं दिया जायेगा। विभाग को अपना रिकार्ड पहले अपडेट करके फिर कार्रवाई करनी चाहिए।
-मूलचंद पेसवानी 

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