जयपुर। पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में एक सप्ताह पहले पकड़े गए सुमार खान पाकिस्तान सीमा से सटे बाड़मेर और जैसलमेर जिले के कई युवाओं को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का भारत में मुखबीर बना चुका है।
सुमार खान इन युवाओं को भारत की खुफिया जानकारियां आईएसआई को भेजने के साथ ही अल्पसंख्यक युवाओं में जेहाद की भावना उत्पन्न करने की ट्रेनिंग देता था। राजस्थान पुलिस और सीआईडी की जांच में जानकारी मिली है कि आईएसआई से उसे हर माह मोटी रकम मिलती थी, जिसे वह इन युवाओं में बांटता था। आईएसआई के निर्देश पर सुमार खान हरियाणा और राजस्थान के मेव युवाओं को भी अपने साथ जोड़ने की योजना बना रहा था, लेकिन अमल शुरू होने से पहले ही वह पकड़ा गया। सुमार खान पुत्र अल्लाउीन उर्फ दीने खान करमों की ढ़ाणी चांधन जैसलमेर का रहने वाला है। राजस्थान इंटेलीजेंस के अतिरिक्त महानिदेशक दलपत सिंह दिनकर ने बताया कि सुमार खान जैसलमेर जिले में स्थित वायु सेना की फील्ड फायरिंग रेंज चांधन, लाठी एवं पोकरण में चल रही गतिविधियों के बारे में सूचनाएं एकत्रित कर अपने पाक हैंडलिंग ऑफिसर को अलग-अलग मोबाइल नंबर और इंटरनेट के जरिए कोड भाषा में बातचीत कर सैनिक गतिविधियों संबंधित सूचनाएं देने का कार्य कर रहा था।
दिनकर ने बताया कि आरोपी सुमार खान अक्टूबर 2012 में पाकिस्तान गया था। वहां उसकी पाकिस्तान में रहने वाले रिश्तेदार शाह मोहम्मद के जरिए जहां उसे पाक हैंडलिंग ऑफिसर से मुलाकात हुई। हैंडलिंग ऑफिसर ने उसे पाकिस्तान के पक्ष में जासूस का कार्य करने की ट्रेनिंग दी। उसके बाद से आरोपी भारत-पाक सीमावर्ती क्षेत्र में सैन्य गतिविधियों एवं सामरिक महलव की सूचनाओं को पाकिस्तान भेज रहा था। दिनकर ने बताया सुमार को गिरफ्तार करने के बाद उसके घर की तलाशी ली तो वहां पर कई महलवपूर्ण दस्तावेज और मोबाइल फोन मिले हैं। इंटेलीजेंस ब्रांच की टीम के अधिकारियों द्वारा 22 फरवरी को चांधन फील्ड फायरिंग रेंज में जारी युद्धाभ्यास के दौरान भी गोपनीय रूप से सुमार खान की गतिविधियों पर निगरानी रखी जा रही थी। आईएसआई से संबंध होने के कारण पाकिस्तानी दूतावास उसे पूरी तवज्जो देता था। वह एक साथ 8 से 10 लोगों की जानकारी पाक को भेजता था और उनके वीजा की सूचना दिल्ली में पाक उच्चायोग में पहुंच जाती थी। सीआईडी ने एक ऐसी सूची भी बरामद की है। इसमें दर्ज नामों के बारे में भी सीआईडी पड़ताल कर रही है। सुमार पाकिस्तान में कुछ लोगों से फोन और इंटरनेट और फैक्स से संपर्क में था। वह फैक्स से ही पाकिस्तान में वीजा के लिए सूचना भेजता था। उसमें वीजा चाहने वाले व्यक्ति का नाम और पासपोर्ट नंबर होता था। ऐसी एक सूची और एक मेल भी मिला है।