शिवालयों मे उमड़ी शिव-भक्तों की भीड़

शाहपुरा। सावन के अंतिम सोमवार को शहर के शिवालयों मे शिव-भक्तों की काफी भीड़ दिखाई दी। नगर के प्रसिद्ध शिवालय धरती देवरा वाटिका मे सोमवार को प्रात: से ही भीड़ दिखाई देने लगी। वहीं शहर से बाहर कदमा महादेव में भी शिव-भक्तों का तांतां सुबह से ही लगा रहा। दिलखुशाल भाग में भी सिन्धी समाज के भक्तजनों द्वारा खीर का प्रसाद वितरीत किया गया जिसका सभी लोगों ने आनन्द लिया। नगर के अन्य शिवालयों मे भी आज सावन के अंतिम सोमवार के अवसर पर काफी भीड़ दिखाई देने को मिली।

सांवरिया सेठ के लिए पदयात्री हुए रवाना
शाहपुरा। शाहपुरा से सांवरिया सेठ जाने वालों का एक दल शाहपुरा से हरिओम सांवरिया सेठ मित्रसमूह के तत्वाधान में रवाना हुआ। संरक्षक घनश्याम उपाध्याय ने बताया कि पदयात्री 8 अगस्त को मण्डपिया सांवरिया सेठ पंहुचेगे एवं 9 अगस्त को प्रात: झण्डा चढ़ाने की रस्म अदा करेंगे।

राजपूत समाज की बैठक आयोजित
शाहपुरा। स्थानीय राजपूत समाज के छात्रावास के संचालन के लिए सुजान क्षत्रीय सेवा संस्थान की बैठक अध्यक्ष सांवतसिंह राणावत की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में सर्वसम्मति से छात्रावास का संचालन करने के बारे में निर्णय लिया गया। गोवर्धनसिंह राणावत ने बताया कि इसमें प्रवेश कार्य शुरू करने व प्रति माह अंतिम रविवार को सुबह 11 बजे संस्थान की मीटिंग आयोजित करने का निर्णय भी लिया गया।

वाणी, वीणा की तरह मिठास वाली हो
शाहपुरा। जीवन में व्यक्ति को अपनी वाणी को वीणा की तरह से निकालना चाहिए। जिससे जीवन में मिठास का वातावरण बने। वाणी बाण की तरह नहीं होनी चाहिए जिससे कड़वाहट पैदा हो। यह बात स्थानीय जैन पंचायत भवन में चातुर्मास के दौरान हो रही धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनि विप्र सागर ने कही। उन्होंने कहा कि संसार को नीतिकारों ने कड़वे वृक्ष की उपमा दी है। इसमें दो ही फल अमृतमयी बताए गए हैं। मधुर संभाषण व सुसंगति। उन्होंने जोर देकर कहा कि क्रोध, मजाक, व आदतों के कारण व्यक्ति कड़वे व अप्रिय वचन बोल देता है। महाभारत का युद्ध भी अति मजाक व असंगत वाणी के कारण हुआ है। उन्होंने श्रावकों का आह्वान किया वो बोलने से पूर्व अपने पर संयम रखे।

रमेश पेसवानी

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