ग्रिड संबंधी निर्णय का पालन करूंगा: गहलोत

जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गत दिनों देश के उत्तरी, पूर्वी एवं पूर्वोत्तर राज्यों में ग्रिड व्यवधानों के कारण विद्युत आपूर्ति में आये जबर्दस्त व्यवधान पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए केंद्र सरकार को विश्वास दिलवाया है कि ग्रिड आपूर्ति प्रबंधन के सम्बंध में केंद्र सरकार द्वारा लिए जाने वाले निर्णयों के क्रियान्वयन के लिए राजस्थान सरकार पूरी तरह प्रतिबद्घ रहेगी।

गहलोत सोमवार को नई दिल्ली में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री डॉ. एम. वीरप्पा मोइली द्वारा ग्रिड व्यवधानों पर चर्चा के लिए बुलाई गई बैठक में बोल रहे थे। बैठक में राज्य के ऊर्जा मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह एवं मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव मत पाण्डे एवं प्रदेश के अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण भी मौजूद थे।

मुख्यमंत्री ने मानसून की कमी के कारण उत्पन्न बिजली की अधिक मांग और आपूर्ति के अन्तर को भी पाटने की जरूरत पर बल देते हुए आगामी रबी की फसलों को बचाने के लिये केन्द्र के अनांवटित कोटे में से राजस्थान को 500 मेगावाट बिजली का अतिरिक्त आवंटन करवाने की मांग भी रखी।

उन्होंने बताया कि रेगिस्तान प्रधान राजस्थान पिछले 65 वर्षो में 50 से अधिक वर्ष सूखा एवं अकाल से ग्रस्त रहा है और इस वर्ष भी मानसून के धोखा देने के कारण प्रदेश के अधिकांश जिलों में अभाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है।

गहलोत ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री द्वारा ग्रिड आपूर्ति प्रबंधन विषय को गंभीरता से लेते हुए राज्यों के मुख्यमंत्रियों एवं ऊर्जा मंत्रियों की बैठक बुलाये जाने को स्वागत योग्य कदम बताया और आशा व्यक्त की कि केंद्र सरकार द्वारा इस प्रकार की घटनाओं की पुनरार्वृत्ति रोकने के लिए कारगर योजनाएं बनाई जायेगी।

गहलोत ने कहा कि केंद्रीय विद्युत मंत्रालय द्वारा गठित जांच समिति द्वारा इन व्यवधानों के तकनीकी कारणों का पता लगाया जायेगा, लेकिन वर्तमान में खरीफ की फसलों को बचाने के लिये बिजली की भारी मांग और बिजली की मांग और आपूर्ति में भारी अन्तर भी एक बड़ा कारण है। उन्होंने बताया कि मानसून की कमी के कारण राजस्थान सहित अन्य प्रदेशों में भी सूखे एवं अकाल जैसी परिस्थितियां पैदा हो गयी है।

उन्होंने बताया कि राजस्थान में ग्रिड अनुशासन की अनुपालना की जा रही है। राज्य को जब भी विद्युत मांग को नियंत्रित करने के निर्देश मिलते हैं उन पर शीघ्रता से कार्यवाही की जाती है और भविष्य में भी ग्रिड अनुशासन की अनुपालना किये जाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्घ है।

error: Content is protected !!