नियमित विद्यार्थी ही लड़ सकेंगे चुनाव

छात्रसंघ चुनाव के संबंध में उच्च शिक्षा विभाग की गाइड लाइन जारी,

पार्ट टाइम कोर्सेज व ड्यू पेपर वालों को चुनाव लडऩे का नहीं मिलेगा अधिकार

शाहपुरा। विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में केवल नियमित विद्यार्थी ही छात्रसंघ चुनाव लड़ सकेंगे। पार्ट टाइम कोर्सेज व ड्यू पेपर वाले विद्यार्थियों को चुनाव लडऩे का अधिकार नहीं होगा। चुनाव के संबंध में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी गाइड लाइन में कहा गया है कि लिंगदोह समिति की सिफारिशों के अनुसार किसी भी उम्मीदवार के कोई शैक्षणिक बकाया नहीं होना चाहिए। इसका अर्थ यह है कि उसके कोई पेपर ड्यू नहीं हो और न ही पूरक परीक्षा में शामिल हो रहा हो।
श्रम विधि डिप्लोमा कोर्सेज करने वाले ऐसे विद्यार्थी भी चुनाव में भाग नहीं ले सकेंगे, जो कोर्ट में नियमित वकालत कर रहें हों। लेकिन लॉ कॉलेेजों में एलएलबी तीन साल के कोर्स करने वाले इसमें षामिल हो सकेंंगे। पर उम्र की सीमा तय रहेगी। अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव पद पर चुनाव लडऩे वाले विद्यार्थी के लिए कम से कम एक साल तक कॉलेज या विवि में अध्ययनरत होना जरूरी नहीं होगा। सेल्फ  फाइनेंस स्कीम वाले कोर्सेज में अध्ययरत नियमित विद्यार्थयों को चुनाव लडऩे और वोट डालने का अधिकार होगा। गाइड लाइन में कहा गया है कि कोई भी विद्यार्थी छात्रसंघ पदाधिकारी पद पर केवल एक बार चुनाव लड़ सकता है, लेकिन कार्यकारिणी सदस्य (कक्षा प्रतिनिधि) का चुनाव दो बार लड़ सकते हैं।
अध्यक्ष पद के लिए किसी भी संकाय या कक्षा के विद्यार्थी मैदान में उतर सकेंगे। चुनाव लडऩे वाले उम्मीदवारों की आयु की गणना नामांकन पत्र दाखिल करने के समय की जाएगी। छात्रसंघ की कार्यकारिणी में अधिकतम सदस्यों की संख्या अध्यक्ष की स्वेच्छा पर निर्भर होगी।
40 विद्यार्थियों पर एक सीआर
कक्षा प्रतिनिधि 40 विद्यार्थियों पर एक चुने जाएंगे। न्यूनतम 30 अतिरिक्त विद्यार्थी होने पर ही दूसरा प्रतिनिधि बनाया जा सकेगा। ग्रेजुएट या पोस्ट ग्रेजुएट कक्षा में 30 से कम विद्यार्थी होने पर एक प्रतिनिधि चुनाव जाएगा।    शिकायत निवारण तंत्र समिति में ग्रेजुएट कॉलेज में तृतीय साल और पोस्टग्रेजुए कॉलेज में फाइनल इयर के एक एक छात्र व छात्रा को शामिल किया जाएगा। निदेशक सुबीर कुमार ने कुछ कॉलेजों द्वारा गाइड लाइन के संबंध में उठाई गई शंकाओं का केवल यह कहते हुए समाधान कर दिया है कि चुनाव लिंगदोह समिति की सिफारिषों के अनुसार ही कराए जाएंगे।
-रमेश पेसवानी

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