जयपुर। झीलों की नगरी के रूप में विख्यात उदयपुर शहर में प्रतिवर्ष छह अगस्त को ‘हिरोशिमा दिवस’ मनाने की वर्षो पुरानी अनूठी परम्परा का इस बार भी ‘शांति पीठ’ द्वारा निर्वहन किया गया।
‘शांति पीठ’ के संस्थापक महासचिव अनन्त गणेश त्रिवेदी ने बताया कि इस ‘स्मृति दिवस’ को मनाने का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अहिंसा के संदेश को पूरे देश-दुनिया में फैलाना है।
उन्होंने बताया कि इस मौके पर छात्र-छात्राओं, युवक-युवतियां, शिक्षकों ने विश्वशांति के नारों को बुलंद करते हुए एक विशाल रैली भी निकाली। यह रैली ‘रेजीडेंसी स्कूल’ पहुंच कर एक ‘शांति सभा’ में बदल गई। शांतिसभा के मुख्य अतिथि आबकारी आयुक्त सुमति लाल बोहरा एवं नगर परिषद् उदयपुर की सभापति रजनी डांगी थी।
‘शांति सभा’ में वक्ताओं ने आणविक नि:शस्त्रीकरण, आंतक मुक्ति एवं विश्वशांति पर अपने विचार रखे। सभी ने कहा कि भारत अर्वाचीन समय से ही विश्वशांति, बंधुत्व एवं आपसी सद्भाव-स्नेह का ‘अग्रदूत’ रह कर सारे विश्व का मार्ग दर्शन करता रहा है। भारत के संत एवं महापुरुषों द्वारा बनाया गया मार्ग आज भी प्रासंगिक होने के साथ जन-जन को अभिप्रेरित करता है।