जर्जर भवनों की सुध ले परिषद, हो सकते हैं गंभीर हादसे

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जर्जर नगर परिषद भवन। फोटो:-सुमन प्रजापति

शहर में 39 से ज्यादा भवन जर्जर हालत में, 11 पर मंडरा रहा खतरा, तेज बारिश से भुगतने पड़ सकते हैं गंभीर परिणाम
-हेमन्त साहू– ब्यावर। बारिश के मौसम में शहर में हर साल किसी किसी क्षेत्र में कोई जर्जर बिल्डिंग ढह जाती है। जर्जर बिल्डिंगों को लेकर जिम्मेदारी परिषद प्रशासन की बनती है। हर साल शहर में एक-दो बिल्डिंग ढहने की घटनाएं होती है बावजूद इसके प्रशासन महज नोटिस की औपचारिकता कर खानापूर्ति कर लेता है। नगर परिषद ने मानसून पहले ही सर्वे कराकर जर्जर होती बिल्डिंगों के मालिकों को नोटिस जारी कर दिए है।
उपखंड अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि पिछले दिनों परिषद ने उपखंड अधिकारी को ऐसी 39 बिल्डिंगों की सूची सौंपते हुए इनमें से 11 को ढहाने योग्य बताया है। साथ ही जर्जर बिल्डिंग मामले में ही एसडीएम कोर्ट ने भी दो दिन पहले संबंधित बिल्डिंग मालिकों को नोटिस जारी कर समय रहते उचित कार्रवाई करने के आदेश दिए। इसके बाद भी यदि संबंधित व्यक्ति नोटिस को नजरअंदाज करते हैं तो परिषद प्रशासन नियमानुसार जान-माल की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए कार्रवाई करने को स्वतंत्र है। इन बिल्डिंग में रहने वाले परिवार तो खतरे में है ही लेकिन इसके साथ बिल्डिंग के दायरे में बने मकानों पर भी खतरा मंडरा रहा है।
परिषदके मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी विजय चौधरी के मुताबिक राजस्थान नगर पालिका एक्ट के तहत नगर परिषद संबंधित बिल्डिंग मालिक को नोटिस जारी कर सकती है। इसमें राजस्थान नगर पालिका अधिनियिम 2009 की धारा 243 (1) में जारी नोटिस में मालिक को मकान को सुरक्षित करने, धारा 243 (2) में मकान की पूर्णतया मरम्मत कराने और 243 (3) के तहत जारी नोटिस में संबंधित मालिक को अपने स्तर पर मकान गिराने के लिए पाबंद किया जाता है। शहर में पिछले दिनों नगर परिषद प्रशासन की ओर से जारी नोटिस राजस्थान नगर पालिका अधिनियिम 2009 की धारा 243 (3) के तहत ही जारी किए गए थे। फिर भी यदि मालिक ऐसे नोटिस को नजरअंदाज करता है तो उच्चाधिकारी या उपखंड प्रशासन को रिपोर्ट पेश की जाती है।

ये बिल्डिंग गिराने योग्य- नगरपरिषद ने उपखंड प्रशासन को रिपोर्ट सौंपी उसके मुताबिक शहर में 11 बिल्डिंगों को सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए गिरा देना चाहिए। इनमें मालिकों को परिषद ने पहले से अंतिम नोटिस जारी कर दिया है। इनमें दौलतपोल निवासी महबूब सूबेदार, डिग्गी मोहल्ला में गोविंद नारायण, पाली बाजार कैलाश चंद सांखला, चमार मंडी कसाबान मोहल्ला में भंवरलाल नारायण दास, डिग्गी सेंटर में रामगोपाल व्यास, नृसिंहपुरा में गोपीराम और सोहनलाल, पिनारान मार्ग निवासी ऊषा लोहिया, बजारी गली और रेलवे स्टेशन क्षेत्र में फतहचंद हरिराम अग्रवाल ताराचंद घीसूलाल के नाम नोटिस जारी किया है। भवन मालिक या उनके परिजन ने अब तक इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की है।
पिछले साल दौलतपोल में बिल्डिंग ढहने के मामले में परिषद ने बिल्डिंग के आधे हिस्से को ही ढहाया था। ऐसे में अधूरी लटकती बिल्डिंग को लेक मोटा बाबा अंजूमन स्कूल के पीछे अहमदाबाद निवासी सलीम मोहम्मद अली पुत्र नूर मोहम्मद ने बताया कि उन्होंने इस बार बारिश पहले ही प्रशासन को आगाह कर दिया है कि यदि बारिश में फिर बिल्डिंग का कोई हिस्सा ढह जाता है तो इसके लिए वह जिम्मेदार नहीं होंगे। उनके मुताबिक परिषद प्रशासन ने उन्हें बिल्डिंग गिराने की अनुमति जारी की है।
मानसून पहले शहर में सर्वे करने के बाद परिषद प्रशासन की ओर से 39 बिल्डिंगों को जर्जर हालत में पाया। इनमें गोपालजी मोहल्ला, डिग्गी स्कूल के सामने, शीतला माता गली सूरजपोल गेट, नृसिंह गली, सूरजपोल गेट, बिचड़ली मोहल्ला, मेवाड़ी गेट, तेजा चौक, श्यामसुंदर मार्ग, पीपलिया बाजार, शाहपुरा मोहल्ला, रेगरान छोटा बास, बजारी गली, समता भवन मार्ग, शिवमंदिर क्षेत्र शाहपुरा मोहल्ला, ईएसआई डिस्पेंसरी के निकट, बोहरा कॉलोनी, अंबेडकर कॉलोनी, सीताराम कॉलोनी, विकास नगर, सरावगी मोहल्ला, छीपा मोहल्ला, कुम्हारान चौक, कसाबान मार्ग, दौलतपोल, मेड़तवाल मार्केट, पुरानी सनातन स्कूल, छीपा गली, लोहरान चौपड़, चमारान मंडी कसाबान मोहल्ला, छीपान मोहल्ला, रेलवे स्टेशन रोड, धोबी बिल्डिंग, रेलवे स्टेशन मार्ग, लोढ़ा कॉलेानी और हाउसिंग बोर्ड क्षेत्र में स्थित बिल्डिंग जर्जर हालत में है। जिन्हें नगर परिषद प्रशासन की ओर से पहले से नोटिस जारी किया हुआ है।

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