दीपोत्सव पर कुछ रचनाएँ आप सभी की नजर

03आओ इस दीपावली पर.
पटाखे नहीं…..दीपक जलायें…..
प्रदूषण नहीं…..प्यार फैलायें…..

आओ घर घर दीप जलाए प्यार का
कोई न जीव दुःख रहे इस संसार का

कोई न भूखा रहे किसी भी परिवार मे
सब को भोजन मिले इज्जत और प्यार का

सभी पढे लिखे, आगे बढे,अपने जीवन मे
कोई भी वंचित न रहे शिक्षा के अधिकार का

मिटे अन्धकार,आये उजाला जन जन के प्राण मे
करे प्राथना माँ लक्ष्मी से नाम रहे ना अन्धकार का

यदि मन से मन नही मिला,क्या मतलब त्यौहार का
आओ घर घर दीप जलाए खुशियों से प्यार का
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“”शुभं करोतु कल्याणमारोग्यं धनसंपदः ।””
“”शत्रुबुद्विविनाशाय दीपज्योतिनमोस्तु ते ॥””

रौशनी कर जीवन में
देखो आई है दीवाली
नाचे संग झूम के अब तो
हर एक फूलो की डाली
रंगीन होजाये आसमान भी
इन पटाको के शोर से।
मुबारक हो आप को दिवाली ,
सभी के घर आयें खुशियाँ
घर घर दिये जलें घी के
ये पर्व हो मनभावन
खुशियाँ ही खुशियाँ हो ,
जले हर दिया दिल की खुशी के साथ
रोशन हो जाये सबका जीवन
ये तोफहा स्वीकार करो
तुम सब मेरी ओर से
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सोच रहा था इस दीपावली दोस्तों को क्या क्या मैं wish करूँ….
बस जगमगाती रहे ज़िंदगी दोस्तों की खुदा से इलतजा मैं करूँ….

इन पर भी ध्यान दीजियेगा—

दयानन्द शास्त्री
दयानन्द शास्त्री

घर मे प्रकाश कर लिया,मन मे किया न कोय..
जो मन मे प्रकाश कर ले,घर मे जरूरत न होय….
मिठाई बांटने से क्या हो़त है,मीठी वाणी बोले न कोय..
मीठी वाणी बोलिये तो ,मन की कडवाहट भी दूर होय….
धन की पूजा सब करे,निर्धन की पूजा करे न कोय..
जो निर्धन की पूजा करे,फिर धन की जरूरत न होय….

आप को, आपके परिवार को ,आपके सभी परिजनों एवं मित्रों / फ्रेंड्स और सभी ज्ञात-अज्ञात लोगों को दीपावली के इस दिव्य एवं पावन पर्व की अनेकानेक हार्दिक हार्दिक शुभ मंगलकामनाएं..

पंडित “विशाल” दयानन्द शास्त्री,(ज्योतिष-वास्तु सलाहकार)
राष्ट्रिय महासचिव-भगवान परशुराम राष्ट्रिय पंडित परिषद्
मोब. 09669290067 (मध्य प्रदेश) एवं 09024390067 (राजस्थान)

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