पिता एवं पितृ तुल्य व्यक्तियों के सम्मान का दिवस—फादर्स डे

dr. j k garg
dr. j k garg
1909 में व्याय.एम.सी.ए स्पोकेन- वाशिंगटन की निवासी सोनोरा स्मार्ट दोद्द ने मदर्स डे के बारे में सुना था|सोनोरा स्मार्ट दोद्द अपने पिताजी का ह्रदय से सम्मान करती थीक्योंकि उसके पिताजी ने अकेले ही उसके 6 भाई बहिनों का लालन पालन किया था|अपने पिताजी के प्रति आदर सम्मान को व्यक्त करने हेतु सोनोरा स्मार्ट दोद्द भी मदर्स डे के समान फादर्स डे मनाना चाहती थी इसीलिये उसने अपने मन की बात अपने मित्रों एवं स्वजनों के सामने प्रकट करते हुए मदर्स डे के समान ही फादर्स डे को मनाने का विचार प्रस्तुत किया|इस सम्बंध में सोनोरा स्मार्ट दोद्द ने अपने शहर के स्थानीय पादरी से मदर्स डे के समान फादर्स डे को आयोजित करवाने की प्राथना की जिसे कुछ समय बाद पादरी महोदय ने स्वीकार कर लिया |पादरी महोदय के सरमन की अनुपालना में 19 जून 1910 कोपहली बार फादर्स डे बनाया गया|इसी परम्परा के अनुसार प्रति वर्ष जून महिने के तीसरे रविवार को अमेरिका एवम् कई अन्य देशों में फादर्स डे बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है|इस वर्षफादर्स डे रविवार 19 जून 2016 को मनाया जायेगा|पिछले कई सालों से विदेशो के साथ साथ भारत में भी खासकर युवा वर्ग फादर्स डे को धूमधाम से मनाने लगा है|
बच्चों के लालनपालन,परवरिश,शिक्षा आदि में मां के योगदान के साथ साथ पिता का योगदान भी अत्यन्त महत्त्वपूर्ण होता है|निसंदेह पिता बालक के लिये एक सच्चा दोस्त,पथ प्रदर्शक,गाइड एवंगुरु भी होता है|हर पिता अपने बेटे बेटियों को जीवन में आने वाली बाधाओंका सामना करने के काबिल बनाता है औरउनकी शिक्षा के लिये भरपूर प्रयास करता है | पिता ही अपने बच्चों को अच्छे-बुरे का भेद समझाता है|हर पिता अपने खुद की सुख,सुविधाएँ का त्याग कर अपनी क्षमताओं के अनुसार अपने बच्चों कीप्रतेयक डिमांड को पूरा करने का हर संभव प्रयास करता है|निसंदेह हम सभी के जीवन निर्माण में हमारे पिता का योगदान अमूल्य है|किसी ने सही ही कहा है कि ‘पिता भगवान् के दुवाराभेजे गये धरती पर देव दूत ही होते हैं’|हमारी संस्क्रति में तीन प्रकार के ऋण यथा राष्ट्रऋण,पित्रऋण और गुरु ऋण का उल्लेख किया जाता है एवं हर इन्सान से यह अपेक्षा की जाती है कि वह अपने सुक्रत्यों से इन तीनों ऋण से ऊऋण होने का भरपूर प्रयास करें|सच्चाई तो यही है कि बच्चें अपने पिताजी के कर्ज से अपने आपको कभी भी मुक्त नहीं कर सकते हैं |हम सभी को पित्रऋण को चुकाने के लिये हर मुमकिन कोशिश करनी चाहिए तथा अपने पिताजी की सुख-सुविधाओं का ध्यान रख उनकी देख भाल करनी चाहिए|
फादर्स डे यापिता एवं पितृ तुल्य डे केवल पिताजी का ही नहीं वरणदादाजी,नानाजी पडदादाजी,पडनानाजी एवं समस्त पितृ तुल्य स्वजनों,मित्रों एवम् समस्तपरिचितों के प्रति सम्मान-आदर व्यक्त्त करने का दिवस है|वास्तविक अर्थों मै फादर्स डे पिताजी के साथ साथदादा-नाना और समस्त पितृ तुल्य पुरुषों के प्रति क्रतज्ञता प्रकट कर उनका सम्मान करने का दिन है| दुनियांभर में फादर्स डे परसभी वर्गों के स्त्री-पुरुषयानि युवक-युवतियां,बेटे-बेटियां, प्रोढ़ स्त्री-पुरुष अपने बुजुर्ग पिता और समस्त पितृ तुल्यों के प्रति उनकी सेवाओं,योगदान,मार्गदर्शन को याद कर अपना आभार और क्रतज्ञता व्यक्त्त करते हैं | यों तो हम सभी अपने पिता का ह्रदय से सम्मान करते हैं,पिता के प्रति अपने प्यार एवं आदर-सम्मान का इजहार करने का अपना ही विशिष्ट महत्व होता है इसीलिये इस दिन उन्हें विभिन्न प्रकार के उपहार-गिफ्ट्स, ग्रीटिंग्स कार्ड्स एवं थैंक यू कार्ड्स दिये जाते हैं | पिताजी को दिये जाने वाले उपहारों में उनके काम की वस्तुये होती है जो उनकी दिनचर्या को सुविधापूर्ण बनाती है|फादर्स डे पर स्वजन अपने पिताजी एवम् पितृ तुल्य व्यक्तियों को बाहर सैर सपाटे के लिये ले जाते हैं तथाउनके साथ समय बिता कर उन्हें विश्वास दिलाते हैं कि आप अकेले नहीं हैं हम सभी बच्चें आपके साथ है तथा आपकी सेवा सुरक्षा की जिम्मेदारी हमारी है|मुझे कई बार अमेरिका जाने का अवसर मिला है वहां पर भारतीय समुदाय फादर्स डे पर विशाल स्तर पर पिकनिक का आयोजन करता हैं एवं इस पिकनिक में सभी पुरुष वर्ग के बुजुगों को सम्मानित कर उनके योगदान को याद कर उनके प्रति अपना आभार प्रकट करते हें, इस अवसर पिता एवम् पितृतुल्य व्यक्तियों के चेहरों पर आई मुस्कान जहाँ उन्हें आत्मसंतोष तो देती है वहीं उनको युवाओं के समान स्फूर्ति भी प्रदान करती हैं | फादर्स डे पर मेरे अपने बच्चें चाहे वे कहीं भी हो मुझकों उपहार भेज कर इस बात की शपथ लेते हैं कि वे सभी हमारे प्रति उनके कर्तव्यों को पुरी निष्ठा के साथ पूरा करेगें |
प्रस्तुती — डा. जे.के गर्ग
सन्दर्भ—– मेरी डायरी के पन्ने

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