श्री कृष्ण जन्माष्टमी 2016 पर करें मनोकामना पूर्ति के 8 विशेष उपाय

पंडित दयानन्द शास्त्री
पंडित दयानन्द शास्त्री
इस वर्ष गुरुवार, 25 अगस्त 2016 को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन रोहिणी नक्षत्र लग रहा है जिसके कारण इस साल लड्डू गोपाल का जन्मदिवस बहुत ज्यादा ही खास हो गया है।

इस वर्ष श्री जन्माष्टमी पर 5000 वर्ष बाद बना अद्भुत संयोग—

प्रिय पाठकों/ मित्रों, पंडित दयानन्द शास्त्री के अनुसार इस वर्ष 2016 में श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर फिर एक बार वही संयोग बनने जा रहा है जो आज से 5000 वर्ष पूर्व भगवान कृष्ण के जन्म पर बना था। इस बार जन्माष्टमी पर अष्टमी उदया तिथि तथा मध्य रात्रि जन्मोत्सव के समय रोहिणी नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इस बार श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव का पर्व अनूठा संयोग लेकर आ रहा है जब माह, तिथि, वार और चंद्रमा की स्थिति वैसी ही बनी है, जैसी कृष्ण जन्म के समय थी। इस लिहाज से ज्योतिषी इसे अत्यन्त शुभ बता रहे हैं।

भगवान श्रीकृष्ण श्री विष्णु के आठवें अवतार हैं। यह भगवान श्रीकृष्ण का 524वां जन्मोत्सव है। जन्माष्टमी पूजन का सबसे शुभ मुहूर्त 12 बजे से लेकर 12:45 तक है। यूं तो पारण का समय 26 तारीख को सुबह 10 बजकर 52 मिनट है लेकिन जो लोग पारण को नहीं मानते वो भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के बाद और उनकी पूजा करने के बाद यानी कि 25 अगस्त को ही रात 12:45 बजे के बाद अपना व्रत तोड़ सकते हैं।

इस दिन भगवान स्वयं इस दिन पृथ्वी पर अवतरित हुए थे इसलिए कृष्ण जन्माष्टमी अथवा जन्माष्टमी के रूप में मनाते हैं। इस दिन स्त्री-पुरुष रात्रि बारह बजे तक व्रत रखते हैं। इस दिन मंदिरों में झांकियां सजाई जाती हैं और भगवान कृष्ण को झूला में झुलाया जाता है।इस बार कृष्ण जन्माष्टमी 25 अगस्त को रोहिणी नक्षत्र में पड़ रही है। चन्द्रमा वृष राशि में गोचर करेगा। वृष राशि में चन्द्रमा उच्च का होता है और रोहिणी नक्षत्र का स्वामी भी चन्द्रमा ही है, इसलिए इस बार की जन्माष्टमी विशेष महात्म्य है। चन्द्रमा मन कारक होता है। जिस कारण जन्माष्टमी पर मन से की गई प्रत्येक प्रार्थना श्रीकृष्ण जी स्वीकार करेंगे।

इन श्रीकृष्ण मंत्रों से बदलेगा भाग्य—

भगवान श्री कृष्ण के जन्म दिन जमाष्टमी पर इस दिन तीन मंत्रों का जाप बहुत शुभ और कल्याणकारी माना जाता है। सात अक्षरी, आठ अक्षरी और बारह अक्षरी मंत्र बोलने और जप करने में बड़े सरल और मंगलकारी हैं और ये मंत्र हैं –

‘गोकुल नाथाय नम:’
‘ऊँ नमो भगवते श्री गोविन्दाय’
‘गोवल्लभाय स्वाहा’

शास्त्रों में निम्न कृष्ण मंत्र को बहुत ही प्रभावशाली माना गया है। यह मंत्र बीज मंत्र की तरह काम करता है। यह अति गूढ़ मंत्र है। इस मंत्र से सभी प्रकार का भय और संकट दूर हो जाता है। जीवन में आने वाली बाधाएं दूर करने में भी यह मंत्र कारगर होता है।

यह दिव्य मंत्र है— “”ॐ नमो भगवते तस्मै कृष्णायाकुण्ठमेधसे। सर्वव्याधिविनाशाय प्रभो माममृतं कृधि””।।

उज्जैन के ज्योतिष पंडित दयानंद शास्त्री के अनुसार 24 अगस्त को रात 10:17 मिनट से ही अष्टमी लग जायेगी। लेकिन व्रत रखने का अच्छा दिन गुरूवार को ही है इसलिए इच्छुक जातक इसी दिन को व्रत रखे। इस बार इस रोहिणी नक्षत्र लग रहा है इसलिए निशिता पूजा का सर्वोत्तम समय मध्यरात्रि यानी कि 12 बजे से लेकर 12: 45 बजे तक है।इस वक्त उपवास रखने वाले पूजा करके प्रसाद ग्रहण कर सकते हैं, जबकि पारण का समय 26 तारीख को सुबह 10 बजकर 52 मिनट है लेकिन जो लोग पारण को नहीं मानते वो भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के बाद और पूजा करने के बाद यानी कि रात 12: 45 बजे के बाद अपना व्रत तोड़ सकते हैं।

तंत्र की दृष्टि से यह तिथि अत्यंत महत्वपूर्ण है तथा होली, दिवाली तथा शिवरात्रि के समान महत्वपूर्ण मानी गई है। मनोकामना पूर्ति के प्रयोग नीचे दिए जा रहे हैं-

(1) जिन व्यक्तियों के जीवन में समस्याओं का अम्बार लगा हो तथा कोई रास्ता सूझता न हो, वे ‘श्री कृष्ण: शरणं मम्’ का जप करें तथा आर्त हृदय से भगवान श्रीकृष्ण से प्रार्थना करें, अवश्य ही सुनवाई होगी।
(2) घर में तनाव, अशांति, स्वास्थ्य की समस्या हो तो ‘क्लीं ऋषिकेशाय नम:’ की 51 माला करें।
(3) आर्थिक समस्या आदि के लिए ‘श्री गोपीजन वल्लभाय स्वाहा’ जपें।
(4) विवाह समस्या या गृहस्थी की समस्या हो तो ‘ॐ नमो भगवते रुक्मिणी वल्लभाय स्वाहा’ जपें।
(5) ईष्ट सिद्धि के लिए ‘श्रीकृष्णाय नम:’ का जप करें।
(6) सौभाग्य वृद्धि, सुख-शांति तथा मोक्ष के लिए ‘ॐ ऐं श्रीं क्लीं प्राणवल्लभाय सौ: सौभाग्यदाय श्रीकृष्णाय स्वाहा’ का जप करें।
(7) संतान सुख प्राप्त करने हेतु निम्न मंत्र का जप तथा लड्डू गोपाल का पंचामृत से अभिषेक करें।

मंत्र-

‘ॐ देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते।
दे‍हि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत:।।’

संतान प्राप्ति के लिए इससे अच्छा मंत्र नहीं है। ‘तनयं’ शब्द के उच्चारण में विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।

(8) धर्म-अर्थ-काम-मोक्ष प्राप्ति के लिए ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम:’ का जप करें।

उपरोक्त मंत्र का मानसिक जप हमेशा तथा हर जगह किया जा सकता है। जप माला तुलसी की तथा आसन कुश का प्रयोग करें। चंदनादि प्रयोग करें। प्रसाद में पंचामृत में तुलसी-मिश्रित करें। स्वयं तुलसी की माला तथा श्वेत वस्त्र धारण करें। पीताम्बर भी चल सकता है। पंजीरी का प्रसाद वितरण करें। सात्विक भोजन करें, ब्राह्मण भोजन साधना के फल को द्विगुणित करता है।

पंडित दयानन्द शास्त्री के अनुसार इस बार जन्माष्टमी (25 अगस्त) के दिन सूर्योदय के साथ ही अष्टमी तिथि का आगमन हो रहा है। अष्टमी तिथि 25 अगस्त की रात 8.13 बजे तक रहेगी। इससे पूरे समय अष्टमी तिथि का प्रभाव रहेगा। इसके साथ ही मध्य रात्रि भगवान के जन्मोत्सव के समय रोहिणी नक्षत्र का भी संयोग रहेगा। इससे कृष्ण जन्माष्टमी भगवान कृष्ण के जन्म के समय बनने वाले संयोगों के साथ विशेष फलदायी रहेगी।

पंडित दयानन्द शास्त्री के अनुसार 24 अगस्त 2016 (बुधवार) की रात 10.13 बजे से अष्टमी तिथि का आगमन हो रहा है। इस वजह से तिथि काल मानने वाले बुधवार को भी जन्मोत्सव मनाएंगे, लेकिन गुरुवार उदयाकाल की तिथि में व्रत जन्मोत्सव मनाना शास्त्र सम्मत रहेगा।

पंडित दयानन्द शास्त्री के अनुसार ऐसा शुभ संयोग बनने से इस वर्ष की जन्माष्टमी विशेष बन गई है।
इस दिन किए गए दान-पुण्य आदि कर्मों का विशेष फल प्राप्त होगा तथा सौभाग्य में बढ़ोतरी होगी।

पंडित “विशाल” दयानन्द शास्त्री,(ज्योतिष-वास्तु सलाहकार)

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