पाँच दिन का पर्व हैं —— दीपावली – भाग-3

डा. जे.के.गर्ग
डा. जे.के.गर्ग
4. बाली प्रतिप्रदा और गोवर्धन पूजा:– यह उत्तर भारत में गोवर्धन पूजा (अन्नकूट) के रूप में मनाया जाता है। भगवान कृष्ण द्वारा इंद्र के गर्व को पराजित करके लगातार बारिश और बाढ से बहुत से लोगों (गोकुलवासी) और मवेशियों के जीवन की रक्षा करने के महत्व के रुप में इस दिन जश्न मनाते है। अन्नकूट मनाने के महत्व के रुप में लोग बडी मात्रा में भोजन की सजावट(कृष्ण द्वारा गोवर्धन पहाडी उठाने प्रतीक के रुप में) करते है और पूजा करते है। यह दिन कुछ स्थानों पर दानव राजा बाली पर भगवान विष्णु (वामन) की जीत मनाने के लिये भी बाली-प्रतिप्रदा या बाली पद्धमी के रूप में मनाया जाता है। कुछ स्थानों जैसे महाराष्ट्र में यह दिन पडवा या नव दिवस (अर्थात् नया दिन) के रुप में भी मनाया जाता है और सभी पति अपनी पत्नियों को उपहार देते है। गुजरात में यह विक्रम संवत् नाम से कैलेंडर के पहले दिन के रूप में मनाया जाता है।
5. यम द्वितीया या भाई दूज:– यह भाइयों और बहनों के मध्य स्नेह-प्यार का त्यौहार है | इस पर्व के पीछे यम की कहानी (मृत्यु के देवता) है। आज के दिन यम अपनी बहन यामी (यमुना) से मिलने आये और अपनी बहन द्बारा उनका आरती के साथ स्वागत हुआ और यम एवं यामी ने साथ साथ में खाना भी खाया। यम नें अपनी बहन यामी को अनेकों उपहार भी दिये। लोग यम द्वितीया या भाई दूज को बहन- भाई के पारस्परिक प्रति प्रेम और स्नेह के रूप में मनाते है।

प्रस्तुतिकरण—डा. जे.के गर्ग

error: Content is protected !!