हमेशा अपने दमदार अभिनय से मां के किरदार को जीवंत किया रीमा लागू ने (स्मृति-शेष)

ब्रह्मानंद राजपूत
ब्रह्मानंद राजपूत
रीमा लागू का जन्म 1958 में हुआ था। रीमा के बचपन का नाम गुरिंदर भादभाड़े था। रीमा लागू जानीमानी मराठी एक्ट्रेस मंदाकनी भादभाड़े की बेटी हैं। रीमा लागू की अभिनय क्षमता का पता जब चला जब वह पुणे में हुजुरपागा एचएचसीपी हाई स्कूल में छात्रा थीं। हाई स्कूल पूरा करने के तुरंत बाद उनके अभिनय की शुरुआत हुई। उनने सबसे पहले मराठी स्टेज पर काम करना शुरू किया। रीमा लागू का मराठी फिल्मों में पदार्पण ‘सिमहासन’ फिल्म के साथ 1979 में हुआ था। रीमा लागू ने हिंदी सिनेमा में अपना पदार्पण 1980 में आई फिल्म ‘कलयुग’ से एक सहायक अभिनेत्री के रूप में किया। रीमा लागू की शादी मराठी अभिनेता विवेक लागू के साथ हुई। विवेक लागू से शादी के बाद उनका नाम रीमा लागू हो गया। शादी के कुछ सालों बाद ही रीमा और विवेक में अलगाव हो गया। रीमा लागू और विवेक लागू की बेटी का नाम मृण्मयी लागू है, जो कि खुद एक फिल्म अभिनेत्री और साथ ही थिएटर निर्देशक भी हैं।

रीमा लागू ने ज्यादातर हिंदी फिल्म उद्योग के बड़े नामों के साथ सहायक भूमिकाओं में काम किया है। रीमा लागू ने अपने जीवन में कई टेलीविजन धारावाहिकों में भी काम किया। रीमा लागू ने 1988 में आयी हिंदी फिल्म कयामत से कयामत तक में जूही चावला की मां की भूमिका निभाई। रीमा लागू ने अरुणा राजे की 1988 में आयी विनोद खन्ना और हेमा मालिनी अभिनीत रिहाई फिल्म में भी एक खास भूमिका निभाई। रीमा को असली पहचान 1989 में आयी राजश्री प्रोडक्शंस की फिल्म ‘मैंने प्यार किया’ से मिली, जिसमें उन्होंने सलमान खान की मां का किरदार निभाया। इसके बाद रीमा लागू ने फिल्म साजन में सलमान की मां का किरदार निभाया दोनों ही फिल्मों को बॉक्स ऑफिस पर भारी सफलता मिली और सुपरहिट साबित हुईं। इसके बाद रीमा लागू ने 1993 में आयी फिल्म गुमराह में श्रीदेवी की मां का किरदार निभाया। गुमराह फिल्म 1993 में बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट साबित हुई। रीमा लागू ने 1994 में आयी जय किशन फिल्म में अक्षय कुमार की मां का के किरदार को जीवंत किया। जय किशन (1994) फिल्म को भी भारी वाणिज्यिक सफलता मिली और फिल्म सुपरहिट साबित हुई। इसके बाद 1995 में आयी रंगीला फिल्म में रीमा लागू ने उर्मिला मातोंडकर की मां के रूप में अभिनय किया। रंगीला फिल्म 1995 में बॉक्स ऑफिस पर वर्ष की सबसे अधिक कमाई करने वाली फिल्म थी।

रीमा लागू अभिनीत कई कई फिल्मेंबॉलीवुड में सबसे बड़ी हिट फिल्मों में शामिल हंै। जिसमे प्रमुख रूप से राजश्री प्रोडक्शंस की 1994 में आयी हम आपके हैं कौन, जिसमे उन्होंने माधुरी दीक्षित की मां का किरदार निभाया ह, ये दिल्लगी (1994), जिसमे अक्षय कुमार और सैफअली खान की माँ का किरदार निभाया है। 1994 में आयी दिलवाले में अजय देवगन की मां का किरदार निभाया है। 1998 में आयी कुछ कुछ होता है में काजोल की माँ का किरदार निभाया, और 2003 में आयी कल हो ना हो में शाहरुख खान की माँ के किरदार को जीवंत किया। रीमा लागू ने अपने फिल्मी जीवन में ज्यादातर फिल्मों में एक मध्ययुगीन मां की भूमिका निभाई हैं। रीमा लागू ने अपने करियर की शुरुआत में 1980 में आयी आक्रोश फिल्म में डांसर का किरदार निभाया था। रीमा लागू ने 1999 में आयी वास्ताव फिल्म में एक चुनौतीपूर्ण भूमिका निभाई, जो डॉन (संजय दत्त) की मां की भूमिका में है, जो अपने बेटे को खुद अपने हाथों से मारती है। रीमा लागू को सबसे उल्लेखनीय प्रदर्शनों में से एक पंकज कपूर और रघुवीर यादव के साथ 1997 में आयी प्रसिद्ध फिल्म रुई का बोझ में देखा जा सकता है। रीमा लागू ने अपने फिल्मी जीवन में सबसे ज्यादा बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान की मां के किरदार निभाए जिनमे प्रमुख रूप से मैंने प्यार किया, साजन, हम साथ-साथ हैं, जुडवा, पत्थर के फूल, शादी करके फंस गया यार, निश्चय और कहीं प्यार ना हो जाए हैं।

इसके साथ ही रीमा लागू ने कॉमेडी टीवी धारावाहिक ‘तू-तू मैं-मै’ में सुप्रिया पिल्गांवकर के साथ अभिनय किया, इस सीरियल में रीमा लागू सुप्रिया पिल्गांवकर की सास के रूप में थी। इस सीरियल के लिए रीमा लागू को कॉमिक रोल के लिए इंडियन टैली अवार्ड का बेस्ट एक्ट्रेस अवार्ड मिला। इसके साथ ही रीमा लागू ने एक दर्जन से ज्यादा धारावाहिकों में काम किया जिसमे खानदान, महानगर, किरदार, आसमान से आगे, श्रीमान श्रीमती, दो और दो पांच, वक्त की रप्तार, धड़कन, दो हंसों का जोड़ा, लाखों में एक, नामकरण प्रमुख रूप से हैं। इसके साथ ही रीमा लागू ने मराठी सिनेमा में भी अपनी खास पहचान बनाई और कई मराठी फिल्मों और धारावाहिकों में काम किया। उनकी प्रमुख मराठी फिल्मों में रेशमगाँठ, शुभ मंगल सावधान, बलिदान, अग्निदिव्य, अनुमति, आमरस प्रमुख रूप से हैं, इनके अलावा भी रीमा लागू ने दर्जनों मराठी फिल्मों में काम किया है। रीमा लागू को सहायक अभिनेत्री के रूप में फिल्मफेयर अवार्ड के लिए मैंने प्यार किया, आशिकी, हम आपके हैं कौन, वास्तव फिल्मों के लिए नामांकन मिला।

कई दशकों तक रीमा लागू ने सलमान खान,शाहरुख खान,अक्षय कुमार जैसे आज के सुपरस्टार्स की ‘मां’ के किरदार को परदे पर जीवंत किया। फिल्मों में अपने दमदार अभिनय से मां के किरदार को जीवंत कर देने वाली रीमा लागू का आज 18 मई 2017 को 59 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। भारतीय फिल्म जगत ने बेहतरीन कलाकारों में से एक रीमा लागू को खो दिया। महान कलाकार रीमा लागू का जाना सम्पूर्ण कला जगत के लिए अपूरणीय क्षति है, जिसकी पूर्ति कर पाना नामुमकिन है। रीमा लागू द्वारा परदे पर निभाए गयी मां की भूमिकाओं से रीमा लागू को हमेशा याद किया जाएगा। रीमा लागू बेशक आज हमारे बीच में नहीं हैं लेकिन उनका दमदार अभिनय अमर है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे।

लेखक
– ब्रह्मानंद राजपूत, दहतोरा, शास्त्रीपुरम, सिकन्दरा, आगरा

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