समय समय का फेर–समय तब और अब Part 1

डा. जे.के.गर्ग
डा. जे.के.गर्ग
1.एक जमाना ऐसा भी था जब देश मेंराज नेता आम जनता की बात/समस्याओं को ध्यान से सुनते थे किन्तु आज सिर्फ व्यापारिकऔर इंडस्ट्रियल घरानों की ही बात सुनी जाती है |
2.एक जमाने में गाँधी बाबा सबसे पहिले दरिद्रनारायण (गरीब से भी गरीब) की भलाई को केंद्र मे रख कर नितीयां बनाते थे किन्तु आजकल तो पूंजीपतियों और उद्द्योगपतियों के हित साधन के लिये नीतियाँ बनाई जाती है |
3. गांधीजी वर्धा आश्रम में बीमारों की सेवा निसंकोच और निस्वार्थ भावना से करते थे,उनके साथ रहते थे वहीं आजकल तो नेता फोटोशूट के लिये दलितों-अछूतों के घर पर जाते हैं |
4.किसी जमाने में नेताओं के चारों तरफ साधारण जनमानस होते थे और प्रधानमंत्री भी लाखों आदमीयों की भीड़ में कूद जाते थे,किन्तु आज के नेताओं के चारों तरफ उनके बन्दूकधारी कमांडों ही रहते हैं | 5.किसी जमाने में गांधीजी जैसे जननेताओं के नाम पर कसमे खाई जाती थी किन्तु आज के जमाने में माताएं आज के नेताओं का नाम लेकर अपने बच्चों को डराया करती हैं |
6. एक जमाने में देश के ग्रहमंत्री और मंत्रीयों के पास पहनने को एक भी सूट नहीं होता था, याद करें लालबहादुर शात्री हजरतबल केस को जब कश्मीर जा रहे थे उनके पास सर्दी के बचाव के लिये एक भी कोट नहीं था उस वक्त नेहरुजी ने उन्हें अपना कोट दिया था जबकि आज के नेताओं के पास कितने कोट होगें यह हम सब जानते हैं |
7.कोई समय था जब समाजविरोधी तत्व अपराधियों का घर जेल ही होता था किन्तु आज का वोटर उन्हेंससम्मान चुनावों में जीता कर लोकसभा/ विधानसभा/ नगरनिगम आदि मे भेजते हैं |
प्रस्तुतिकरण—डा. जे.के.गर्ग

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