समय समय का फेर–समय तब और अब Part 4

डा. जे.के.गर्ग
डा. जे.के.गर्ग
20.एक जमाने में सुन्दरता आखों में बसती थी किन्तु आज सुन्दरता को व्यापार एवं धन कमाने की वस्तु बना दिया गया है |
21.एक जमाने में सरकारें निष्पक्ष/तर्कसंगत/न्याय संगत तरीके से काम करती थी, सेक्स के प्रदर्शन को हेय एवं गंदा माना जाता थाकिन्तु आज के समय इसके बारे में क्या कहा जाये, पता नहीं ?
22.किसी जमाने में नारी कासमाज में सही मायनों में सम्मान होता था किन्तु आज के वक्त में बलात्कार,अपहरण एवं योनाचार की घटनायें आम हो गई है, रोज कहीं न कहीं बहन बेटियों की अस्मत को लुट कर उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है,नारी कोवास्तव में सुरक्षा एवं सम्मान प्रदान करवाने के स्थान पर इन घटनाओं का राजनीतिकरण कर राजनेतिक लाभ प्राप्त करने की कोशिशकी जाती है |
23.कभी हमारे यहाँ परिवार में बुजर्गों यानि पड़दादा-दादी, नाना-नानी, माँ-बाप की मन तन और धन से मदद कर उनके बुढ़ापें को सुखी और खुशहाल बनाया जाता था, लोग वर्द्धाआश्रम, ओल्डएज होम का नाम भी नहीं जानते थे वहीं आज खाते-पीते सम्पन्न बेटे बेटी माँ बाप को जबरन वर्द्धाआश्रम भेज कर खुद ऐशोआराम की जिन्दगी गुजार रहें हैं |
24.इतिहास किसी भी सोच का गुलाम नहीं होता है.सच्चाई तो यही है कि इतिहास सच का आहिना होता वो कभी झूठ नहीं बोलता किन्तु आज के जमाने मे कतिपय चाटुकारअपनी सोच/ भावनाओं के अनुसार इतिहास को अपनी सोच के मुताबिक को बदलने की कोशिश करते हैं और सफल भी होते हैं |
प्रस्तुतिकरण—डा. जे.के.गर्ग

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