समाजवाद के प्रणेता एवं प्रथम वैश्य सम्राट कर्मयोगी महाराजा अग्रसेन Part 2

डा. जे.के.गर्ग
डा. जे.के.गर्ग
भगवान् शिव और माता लक्ष्मी की आराधना— यहाँ यह स्मरण रखने वाली बात है कि महाभारत के युद्ध के कारण जन-धन की भारी तबाही हुई थी, इसलिये राष्ट्र के पुनर्निर्माण हेतु शांति के साथ उद्ध्योग, खेती,व्यापर की आवश्यकता थी जो वैश्यों दुवारा ही सम्भव था | महाराज अग्रसेन ने काशी जाकर भगवान शिव की कठोर तपस्या की जिससे खुश हो कर भगवान शिवजी ने उन्हें दर्शनदेकर महालक्ष्मीजी की पूजा और ध्यान करने का आदेश दिया | अग्रसेनजी ने महालक्ष्मी की पूजा- आराधना शुरू कर दी | माँ लक्ष्मी ने परोपकार हेतु की गई तपस्या से खुश होकर उन्हें दर्शन दिये और आदेश दिया कि वे अपना एक नया राज्य बनायें और क्षत्रिय परम्परा के स्थान पर वैश्य परम्परा अपना लें | माता लक्ष्मी ने उन्हें आशीर्वाद दिया कि उनको और उनके अनुयायियों को कभी भी किसी चीज की कमी नहीं होगी , वे सभी सुख सुविधायुक्त जीवन व्यापन करगें। लक्ष्मी माता का आदेश मान कर अग्रसेन महाराजने क्षत्रिय कुल को त्याग वैश्य धर्म को अपना लिया, इसप्रकार महाराजा अग्रसेन प्रथम वैश्य सम्राट बने |
प्रस्तुती— डा. जे. के. गर्ग, Visit our blog—-gargjugalvinod.blogspot.in

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